जैसे-जैसे कोरोनावायरस महामारी बढ़ रही है, इसके घातक वायरस के कुछ नए-नए लक्षण भी सामने आ रहे हैं। यह सिर्फ एक वायरस नहीं, बल्कि एक घातक ऑटोइम्यून बीमारी बन गया है, जो व्यक्ति के शरीर के कमजोर बिंदुओं को लक्षित करता है। हर दिन इससे जुड़ी नई-नई रिसर्च आ रही हैं, जो हमें लगातार COVID-19 के नए लक्षणों के बारे में अपडेट दे रही हैं। कोरोनावायरस के लक्षणों से जुड़ी एक नई रिसर्च में इसके हैरान करने वाले लक्ष्ाण सामने आए हैं। जी हां हाल में हुए एक अध्ययन के अनुसार, कोरोनावायरस के लक्षणों की सूची में उदासी, चिंता, घबराहट और डिप्रेशन के लक्षण शामिल हैं।
क्या पैनिक और एंग्जायटी अटैक भी हो सकते हैं COVID-19 के लक्षण ?
हाल में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि यदि आप हर समय उदासी महसूस कर रहे हैं, आपका मूड खराब है, आप चिंता या तनाव से ग्रस्त है और घबराहट महसूस कर रहे हैं, तो यह कोरोनावायरस हो सकता है। जी हां, ऐसा हम नहीं, हाल में हुई ये रिसर्च बता रही है। लेरिंजोस्कोप ने एक अध्ययन प्रकाशित किया है, जो नए COVID-19 लक्षणों में घबराहट और चिंता को दर्शाती है और इन्हें इस ऑटोइम्यून संक्रमण से संभावति और निकटता से संबंधित बताती है।
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यह वायरस न केवल आपके श्वसन तंत्र, बल्कि आपके महत्वपूर्ण अंगों और पेट पर भी अटैक करता है। मूल रूप से, यह आपके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के साथ छेड़छाड़ करता है और अप्रत्याशित परिवर्तन ला सकता है। जब आप इस वायरस से संबंधित सर्दी, खांसी, बुखार, और सांस लेने में समस्या की उम्मीद कर रहे हों, तो जरूरी नहीं हर किसी के साथ ये लक्षण दिखें। क्योंकि इस वायरस के लक्षण सभी के साथ समान नहीं हो सकते। यदि आप अपने स्वाद, गंध, मनोदशा और स्वास्थ्य में अचानक बदलाव को नोटिस करते हैं, तो यह नोवल कोरोनावायरस हो सकता है।
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तंत्रिका तंत्र को कैसे प्रभावित करता है कोरोनोवायरस?
कोरोना वायरस के गंभीर लक्षण समान रहते हैं (सांस की तकलीफ, बुखार, खांसी), ऐसे अन्य लक्षण हैं, जिन्हें आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हालांकि, कई बार, ये लक्षण डर और मनोवैज्ञानिक व्यवहार से बाहर होते हैं। आप चिंतित महसूस करते हैं या आपको बुखार है इसका मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना है, इन लक्षणों के महसूस होने और टेस्ट के बाद रिर्पोट पर ही तय किया जा सकता है कि आपको कोरोना है या नहीं। इसके अलावा, हाल ही में यह पाया गया कि मस्तिष्क की सूजन COVID-19 के कारण होती है।
क्या कहती है रिसर्च?
अमेरिका में सिनसिनाटी विश्वविद्यालय के इस शोध के सह-लेखक अहमद सेडाघाट बताते हैं: ''COVID-19 का एकमात्र तत्व अवसादग्रस्त मनोदशा और चिंता से जुड़ा था, जो रोगियों के गंध और स्वाद के नुकसान की गंभीरता से भी जुड़ा था। अवसादग्रस्तता या चिंता कोरोनावायरस रोगियों में संभवत: एक संकेत हो सकता है, जो वायरस तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।”
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कैसे किया गया शोध?
शोधकर्ताओं ने मरीजों के साथ एक प्रश्नावली सत्र आयोजित किया, जो COVID-19 पॉजिटिव पाए गए थे। उन्होंने उन विशेषताओं के बारे में पूछताछ की, जो उन्होंने 6 सप्ताह के समय में अनुभव की थीं। उनके इनपुट के अनुसार, लगभग 20% रोगियों को लगभग हर दिन मूड डिसऑर्डर का सामना करना पड़ा। जबकि उनमें से केवल 10.5% ने गंभीर चिंता और घबराहट का अनुभव किया। वहीं 44.7% रोगियों ने केवल हल्के चिंता और अपने मिजाज में बदलाव का अनुभव किया।
सेडाघाट ने कहा, "हमें लगता है कि हमारे निष्कर्ष इस संभावना का सुझाव देते हैं कि उदासी, घबराहट, चिंता या एंग्जायटी अटैक के रूप में मनोवैज्ञानिक संकट SARS-CoV-2 के प्रवेश को प्रतिबिंबित कर सकते हैं।" इस प्रकार, यह साबित होता है कि चिंता और घबराहट शरीर में कोरोनोवायरस के संकेत हो सकते हैं। यदि आप लगातार घबराहट, चिंता, डिप्रेशन आदि महसूस करते हैं, तो अपनी जांच करवाएं।
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