आजकल का बदलता लाइफस्टाइल हमें कई गंभीर समस्याओं के खतरे में डाल रहा है, जिनमें से मोटापा भी एक समस्या है। मोटापा एक ऐसी समस्या है, जो अपने साथ कई अन्य स्वास्थ्य जोखिमों को पैदा करता है। मोटापा आपको डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाता है। लेकिन हाल में हुए एक अध्ययन मे यह भी पाया है कि मोटापा आपको कोरोनावायरस के खतरे में डालने के साथ-साथ अन्य वायरल इंफेक्शन के खतरे में भी डालता है।
क्या कहती है रिसर्च?
अमेरिकन सोसाइटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार पता चलता है कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम एक वायरल इंफेक्शन से गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ाता है। हमारे शरीर के बहुत सारी गतिविधियां हमारे मेटाबॉलिक रेट पर निर्भर करती हैं। हमारी प्रतिरक्षा भी उनमें से एक है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम कम से कम तीन सह-होने वाली स्थितियों का एक समूह है, जो हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज मेलेटस (T2DM) के जोखिम को बढ़ाता है। इन स्थितियों में अतिरिक्त पेट की चर्बी या मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, लिपिड की असामान्यताएं (अतिरिक्त ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल सहित), इंसुलिन प्रतिरोध आदि इसमें शामिल हैं।
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इस अध्ययन के अलावा, कई अध्ययनों से पता चला है कि मोटापा इन्फ्लूएंजा ए की बढ़ी हुई गंभीरता, सांस की नली में हाई वायरल और वायरस के लंबे समय तक संचरण से जुड़ा हुआ है।
इन्फ्लूएंजा के खतरे को दोगुना करता है मोटापा
शायद हम सब को यह सुनने में अजीब लग सकता है कि मोटापा हमें कई अन्य वायरसों के जोखिम में डालता है। लेकिन अध्ययन बताता है कि मोटापा इन्फ्लूएंजा के विकास की संभावना को दोगुना कर देता है। इन्फ्लूएंजा वायरस के साथ, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने हाल ही में SARS-CoV-2 के कारण होने वाली गंभीर बीमारी के लिए भी मोटापे के एक जोखिम कारक के रूप में माना है।
मोटापा, शरीर का अतिरिक्त वजन और फैट डायाफ्राम पर दबाव लागू करते हैं, जो एक वायरल संक्रमण के दौरान सांस लेने की कठिनाई को बढ़ाता है, ऐसा इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है।
अध्ययन के निष्कर्ष
शोधकर्ताओं का मानना है कि भविष्य के शोध को यह निर्धारित करना चाहिए कि मेटाबॉलिज्म संबंधी असामान्यताएं वायरल रोगजनन को कैसे बढ़ाती हैं, क्योंकि यह जानकारी उभरते मौसमी और महामारी के खिलाफ वैश्विक तैयारियों में एक आवश्यक भूमिका निभाएगी"।
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इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के निष्कर्ष के आधार पर कहा है, यदि आप वजन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह देखने का समय है क्योंकि यह आपको वायरल संक्रमण से ग्रस्त करने वाला एक कारक बन सकता है। इसके अलावा, अगर आपके परिवार में कोई व्यक्ति मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जूझ रहा है या फिर टाइप -2 डायबिटीज या हृदय रोग से संबंधित है, तो अधिक सतर्क रहें और उनकी अच्छी देखभाल करें।
आप व्यायाम, योग और ध्यान करके तनाव और वजन को कंट्रोल कर सकते हैं। यह दोनों ही इन्फ्लूएंजा के खतरे के जोखिम कारक हैं। इसके अलावा, कृपया सुनिश्चित करें कि आप एक डॉक्टर से परामर्श ले, खासकर यदि आपके पास मौजूदा बीमारी है।
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