कोविड महामारी के लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण में कुछ हद तक राहत मिली थी। लोग कई सालों बाद शुद्ध वातावरण से रूबरू हुए ही थे कि एक बार फिर प्रदूषण अपने चरम पर आता दिख रहा है। प्रदूषण ने फिर से अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। प्रदूषण में सिर्फ सांस लेना ही मुश्किल नहीं होता बल्कि आंखों को भी इसका ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ता है।
हवा में धूल और धुआं की अधिक मात्रा होने के कारण लोगों की आंखों को नुकसान पहुंच रहा है। गाड़ियों से निकलने वाला धुआं सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इसमें मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोऑक्साइड से आंखों पर बुरा असर पड़ता है। फ़ैक्टरी से निकलने वाला सल्फर आंखों को खराब करता है। सर्दी और प्रदूषण के कारण होने वाले आम वायरस से कंजंक्टिवाइटिस की समस्या होती है। इसमें आंखें लाल या गुलाबी रंग की हो जाती हैं। यदि समय पर ध्यान न दिया गया तो जनता प्रदूषण की मार को बर्दाश्त नहीं कर पाएगी।
कुछ महत्वपूर्ण लक्षण-
प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, सूखापन, लालपन, खुजली, एलर्जी, पानी आदि की समस्या होती है। यही नहीं, प्रदूषण आंखों की रौशनी को कम करता ही है और साथ ही आंखों के कैंसर का भी कारण बन सकता है। यदि किसी में इस प्रकार के कोई भी लक्षण नज़र आ रहे हैं तो डॉक्टर से परामर्श लेने में देर न करें।
प्रदूषण से आंखों का बचाव
- ·जिस दिन प्रदूषण ज्यादा हो उस दिन ज्यादा से ज्यादा वक्त घर में ही रहें।
- ·घर से बाहर निकलते वक्त चश्मा पहनना बिल्कुल न भूलें।
- ·लेंस का इस्तेमाल करते हैं तो इसका सॉल्यूशन साथ ले जाना बिल्कुल न भूलें। कुछ-कुछ देर में आंखों को साफ करते रहें। कोशिश करें कि घर से बाहर होने पर चश्मा ही पहनें। चश्मा आंखों को अच्छे से कवर करता है इसलिए यह प्रदूषण से बचाव में ज्यादा असरदार माना जाता है।
- ·समस्या होने पर बिना डॉक्टर की परामर्श के कोई दवा न खाएं।
- ·आंखों को बार-बार न छुएं। बहुत से लोग आँखों में कुछ चले जाने या खुजनी होने पर आंखों को रगड़ना शुरू कर देते हैं, जो कि आंखो के स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल सही नहीं है।
- ·बिना हाथ धोए आंखों को कभी हाथ न लगाएं।
- ·आंखों की नमी के लिए डॉक्टर की सलाह से एक आई ड्रॉप हमेशा साथ रखें।
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- ·सर्दी के मौसम में आंखों की समस्याएं सबसे ज्यादा देखने को मिलती हैं और प्रदूषण के कारण ये समस्याएं और अधिक बढ़ जाती हैं। प्रदूषण के दौरान आंखों की देखभाल के लिए अपने खान-पान का खास ख्याल रखें।
- ·दिनभर में कम से कम 2 लीटर पानी का सेवन करें, इससे न सिर्फ चेहरे की त्वचा में बल्कि आंखों में भी नमी बनी रहेगी।
- ·बाहर से घर वापस आने पर आंखों को साफ पानी से धोएं। रात को कैस्टर ऑयल लगाकर सोएं।
- ·गुलाब जल का प्रयोग करने से आंखों की जलन दूर होगी साथ ही ड्राई आई की समस्या भी दूर होगी।
- ·सुबह फेशवॉस के बाद कच्चे दूध में डुबोई हुई रुई को आंखों पर रखें। दूध आंखों के कई प्रकार के संक्रमणों को दूर करने में मदद करता है।
- ·आंखों को जल्दी-जल्दी झपकाएं।
- ·आंखों पर मेकअप लगाने से बचें।
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आंखों का इलाज
सामान्य स्थिति में मरीज को कुछ दवाइयों के साथ आई ड्रॉप की सलाह दी जाती है। कुछ मामलों में केवल आई ड्रॉप का इस्तेमाल बोला जा सकता है। वहीं गंभीर मामलों में इंजेक्शन का इस्तेमाल भी होता है। इंजरी के मामले में सर्जरी की नौबत आ सकती है। हालांकि, समस्या की शुरुआती में ही निदान और इलाज कराना समझदारी है। परामर्श में देर करने से समस्या बढ़ सकती है, जिसके परिणाम आपकी आंखों के हित में बिल्कुल नहीं होंगे इसलिए किसी भी हालत में लापरवाही को जगह बिल्कुल न दें।
(ये लेख सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली ऐआईओएस निदेशक के डॉ महिपाल सिंह सचदेव से बातचीत पर आधारित है।)
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