हॉट फ्लैशेज महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान होने वाली एक आम समस्या है, जो कुछ दिनों के भीतर अपने आप ही ठीक हो जाती है। हालांकि, इसके पीछे कई बार ज्यादा दवाओं का सेवन, फूड एलर्जी या फिर ज्यादा तनाव लेना भी जिम्मेदार हो सकता है। हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग द्वारा की गई स्टडी के मुताबिक महिलाओं में हॉट फ्लैशेज अल्जाइमर के साथ ही दिल से जुड़ी बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
क्या कहती है स्टडी?
स्टडी के मुताबिक आमतौर पर मेनोपॉज के दौरान हॉट फ्लैशेज होना एक आम समस्या है। दरअसल, ऐसी स्थिति में महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन्स कम हो सकते हैं, जो दिमाग के फंक्शन्स को प्रभावित कर सकते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक ज्यादा समय तक ऐसी स्थिति में रहने से कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐसे में कई बार दिल की बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ सकता है। हालांकि, इसके लक्षणों को मैनेज रख खुद को अल्जाइमर और हार्ट से जुड़े रोगों के खतरे को कम किया जा सकता है।
हॉट फ्लैशेज से बचने के उपाय
- हॉट फ्लैशेज से बचने के लिए चाय, कॉफी का सेवन सीमित मात्रा में करें साथ ही गर्म पानी पीने के बजाय ठंडे पानी का सेवन करें।
- ऐसी स्थिति में कमरे का तापमान भी ठंडा रखें और धूप के संपर्क में आने से बचें।
- हॉट फ्लैशेज से बचने के लिए जंक फूड और ज्यादा तेल मसालेदार खाना खाने से बचें।
- इसके लिए शरीर में वजन न बढ़ने दें साथ ही अन्य बीमारियां जैसे स्ट्रोक और हार्ट से जुड़ी बीमारियों को भी नियंत्रित रखें।
हॉट फ्लैशेज होने पर क्या करें?
- हॉट फ्लैशेज होने पर आप कुछ घरेलू उपायों को भी अपना सकते हैं।
- अगर आपको यह समस्या हो गई है तो ऐसे में नारियल तेल की मालिश भी कर सकते हैं।
- इसके लिए आप एप्पल साइडर विनेगर के साथ ही ग्रीन टी का भी सेवन कर सकते हैं। इससे इस समस्या में राहत मिलती है।
- इसके लिए आप एलोवेरा जूस पीने के साथ ही अदरक का भी सेवन कर सकते हैं।