
Hormonal Causes Of Childhood Obesity In Hindi: पूरी दुनिया में मोटापा चिंता का सबब बनते जा रहा है। आमतौर पर मोटापे को खराब जीवनशैली के साथ जोड़कर देखा जाता है। जैसे लेट नाइट जगना, खानपान की बुरी आदतें, सोने-जगने का टाइम फिक्स न होना आदि। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि सिर्फ वयस्क ही नहीं, बल्कि बच्चे भी मोटापे का शिकार हो रहे हैं। हालांकि, इसके पीछे सिर्फ जीवनशैली जिम्मेदार नहीं है। इसके साथ ही कुछ हार्मोनल कारणों से भी बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है। आखिर वे कौन-से हार्मोन हैं, आइए नवी मुंबई स्थित अपोलो अस्पताल के Lead consultant Pediatric Critical Care Specialist डॉ. नारजोहन मेश्राम से जानते हैं इनके बारे में।
बच्चों में मोटापा बढ़ने के हार्मोनल कारण- Hormonal Causes Of Childhood Obesity In Hindi

थायराइड हार्मोन
यह बात हर कोई जानता है कि हाइपोथायराइडिज्म होने पर वजन तेजी से बढ़ता है। इसी तरह, अगर बच्चे को हाइपोथायराइडिज्म हो जाए, तो बिना किसी कोशिश के ही बच्चे का वजन बढ़ने लगेगा। हालांकि, इसके साथ कुछ अन्य लक्षण भी नजर आते हैं, जैसे ग्रोथ का बाधित होना, प्यूबर्टी में देरी, अक्सर थकान महसूस करना, स्किन का ड्राई हो जाना और डिप्रेशन की स्थिति में बने रहना।
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कोर्टिसोल हार्मोन
हालांकि, यह बहुत कम मामलों में देखा गया है कि कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने के कारण बच्चे में वजन बढ़ने लगता है। कोर्टिसोल के बढ़ने के कारण बच्चे में कई तरह की परेशानियां भी नोटिस की जा सकती हैं। इसमें हाइपरटेंशन और ग्रोथ का धीमा होना शामिल है।
ग्रोथ हार्मोन
अगर किसी वजह से बच्चे के शरीर में पर्याप्त मात्रा में ग्रोथ हार्मोन न बनें, तो यह बच्चे की हेल्थ नेगेटिवली इफेक्ट कर सकता है। दरअसल, जब ब्लड में सही तरह से ग्रोथ हार्मोन नहीं जाता है, तो इससे इस हार्मोन की कमी होने लगती है। ऐसे में बच्चे में वेट गेन और अन्य परेशनियां होने लगती हैं, जैसे एनर्जी की कमी, कमजोरी और बढ़ती उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस की दिक्कत होना।
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पैराथायराइड हार्मोन
इनहेरिटेड कंडीशन स्यूडोहाइपोपैराथायरायडिज्म (टाइप 1ए) मोटापे का कारण बन सकती है। इस स्थिति में, पैराथायरायड ग्रंथि पर्याप्त पैराथायरायड हार्मोन का उत्पादन करती है, लेकिन इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होने लगते हैं। स्यूडोहाइपोपैराथायरायडिज्म (टाइप 1ए) के कई अन्य लक्षण हो सकते हैं, जैसे कैटेरेक्ट, डिप्रेशन, थिन टूथ एनामेल, मोटापा, पैरों का छोटा होना आदि।
एंड्रोजन
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन मेल हार्मोन होता है। इसे एंड्रोजन भी कहा जाता है। अगर किसी महिला को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) है, तो उनमें एंड्रोजन का असंतुलन होता है, जिसके कारण पीरियड्स न आना और वजन बढ़ना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसी तरह, अगर किसी कम उम्र की लड़की को इस तरह की कंडीशन हो जाए, तो उनमें मोटापे की शिकायत देखी जा सकता है। इसके अन्य लक्षणों में मासिक धर्म का अनियमित होना, स्किन ऑयली होना, चेहरे पर कील-मंहासे होना, वजन बढ़ना, खास तौर पर कमर के आसपास शामिल हैं।
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