Why Does Obesity Cause Diabetes: मोटापा आपके शरीर में कई तरह के बदलावों के लिए जिम्मेदार हो सकता है। शरीर में मोटापा बढ़ने से आपकी शारीरिक गतिविधियां कम होने लगती है। आपको पहले की अपेक्षा अधिक आलस आने लगता है। कम शारीरिक गतिविधियां डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या का मुख्य वजह मानी जा सकती है। वैसे तो माटापा या वजन बढ़ने के कारण आपको टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम अधिक होता है। साथ ही, मोटापा सीधे तौर पर डायबिटीज का कारण नहीं बनता है। बढ़ता वजन डायबिटीज या प्री-डायबिटीज की वजह बन सकता है। ऐसे में ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखना मुश्किल हो जाता है। इस लेख में मेडिकवर अस्पताल के डायबटैलॉजिस्ट सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सचिन नलवाड़े से जानेंगे कि वजन बढ़ने के कारण डायटबिटीज का खतरा अधिक क्यों होता है।
मोटापा डायबिटीज से कैसे संबंधित है?
वजन बढ़ने की वजह से टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम अधिक होता है। टाइप 2 डायबिटीज की समस्या अक्सर इंसुलिन रेसिस्टेंस के बाद विकसित होती है। इंसुलिन रेसिस्टेंस में आपका शरीर इंसुलिन को प्रोसेस नहीं कर पाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। लेकिन, इंसुलिन रेसिस्टेंस की वजह से प्रीडायबिटीज की समस्या शुरु होती है, जो आगे चलकर डायबिटीज का मुख्य कारण बनती है।
प्रीडायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज के अलावा मेटाबॉलिज्म से जुड़े रोगों में वजन बढ़ना एक जोखिम कारक होता है। दरअसल, मोटापे के सभी मामले सीधे तौर पर टाइप 2 डायबिटीज का कारण नहीं बनते हैं। मोटापे के अलावा भी कई अन्य कारणों से डायबिटीज हो सकती है।
क्या मोटापा टाइप 1 डायबिटीज से भी संबंधित है?
अधिक वजन टाइप 1 डायबिटीज से संबंधित नहीं है। टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा आपकी बीटा कोशिकाओं पर हमला करने और नष्ट करने का कारण बनती है। ऐसे में शरीर में इंसुलिन बनना की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
डायबिटीज से बचाव कैसे करें?
जिन लोगों को मोटापे की वजह से टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम अधिक होता है। उनको लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर इस स्थिति में व्यक्ति को डाइट में फाइबर युक्त चीजों को शामिल करने की सलाह देते हैं। फाइबर को डाइट में शामिल करने से आपकी पाचन क्रिया बेहतर होती है, जिससे मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसके अलावा, फाइबर युक्त आहार खाने से आपकी भूख भी कंट्रोल में रहती है। ऐसे में आपको बार-बार खाने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा, संतुलित आहार का सेवन करें। बाहर का जंक फूड और शराब से दूरी बनाएं।
वहीं, लाइफस्टाइल में योग और मेडिटेशन को भी शामिल करें। शारीरिक गतिविधियों से आपको शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है। जिससे हार्मोनल बैलेंस होता है और आपका मोटापा कंट्रोल होने लगता है। इसके अलावा, योगासन से आपके शरीर का फैट तेजी से कम होता है। साथ ही, आप एरोबिक्स और साइकिलिंग भी कर सकते हैं।
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मोटापे के कारण आपको टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम अधिक होता है। यदि, इस दौरान आपको ज्यादा समस्या हो रही है तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। किसी भी तरह की लापरवाही आपके लिए गंभीर समस्या का कारण बन सकती है।