बच्चों में अब दुबलापन नहीं, मोटापा है सबसे बड़ी चिंता, UNICEF की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

दुनियाभर में मोटापे की समस्या काफी तेजी से बढ़ने लगी है, जो बच्चों के स्वास्थ्य और विकास को भी प्रभावित कर रहा है। इस बात का खुलासा UNICEF की एक रिपोर्ट में हुआ।
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बच्चों में अब दुबलापन नहीं, मोटापा है सबसे बड़ी चिंता, UNICEF की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा


बच्चों के बेहतर विकास के लिए पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन उनके लिए बहुत जरूरी होता है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सही पोषण मिलना भी महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ दशकों में दुनियाभर के कई देशों में बच्चों को सही पोषण न मिलने के कारण उनके अंडरवेट यानी वजन कम होने की समस्या को देखा गया था, जो उनके शारीरिक विकास को प्रभावित करता था। लेकिन, आज के समय में जंक फूड, पैकेज्ड फूड्स और शारीरिक गतिविधियों की कमी बच्चों से लेकर बड़ों में काफी ज्यादा बढ़ गई है, जिसके कारण बच्चों में अंडरवेट से ज्यादा मोटापे की समस्या देखने को मिल रही है। इस बात का खुलासा यूनिसेफ (UNICEF) की एक रिपोर्ट में हुआ है, जिसमें बताया गया है कि दुनियाभर में स्कूल जाने वाले बच्चों में मोटापे की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है और इनकी संख्या अंडरवेट बच्चों से भी ज्यादा हो गई है।

बच्चों में मोटापे को लेकर क्या कहती है रिपोर्ट

UNICEF की रिपोर्ट के अनुसार, यह रिपोर्ट 190 से ज्यादा देशों के आंकड़ों पर आधारित है, जो बताती है कि 5 से 19 साल के बच्चों में कम वजन की समस्या साल 2000 से लगभग 12 प्रतिशत से कम होकर 9.2 प्रतिशत हो गई है, जबकि मोटापे की दर 3 प्रतिशत से बढ़कर 9.4 प्रतिशत हो गई है। अफ्रीका और दक्षिण एशिया को छोड़कर दुनिया भर के सभी देशों में बच्चों का कम वजन से ज्यादा मोटापा है।

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पोषण की कमी मोटापे का बड़ा कारण

यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल का कहना है कि, "जब कुपोषण की बात करते हैं तो हम सिर्फ कम वजन वाले बच्चों की बात नहीं कर रहे होते हैं, इसमें मोटापे से जूझ रहे बच्चे भी शामिल हैं। मोटापा बच्चों में एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या है, जो बच्चों के स्वास्थ्य और विकास को प्रभावित कर सकता है। पोषण जब बच्चों के विकास, मानसिक स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक विकास में अहम भूमिका निभाता है, तो वहीं अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड तेजी से फलों, सब्जियों और प्रोटीन का स्थान ले रहा है।"

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मोटापे का बच्चे की सेहत पर असर

UNICEF के अनुसार, "बच्चे को ज्यादा वजन वाला या मोटा तब माना जाता है, जब उनका वजन उनकी उम्र, लिंग और कद के हिसाब से हेल्दी वजन से बहुत ज्यादा होता है। मोटापा, ज्यादा वजन होने का एक गंभीर रूप है और इससे उनके शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस और हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ जाता है, जो टाइप-2 डायबिटीज, दिल से जुड़ी बीमारी और कुछ तरह के कैंसर का कारण बन सकता है, जो जानलेवा भी हो सकती है।"

निष्कर्ष

दुनियाभर में बच्चों में बढ़ता मोटापा इस बात की ओर इशारा करता है कि आने वाले समय में खानपान की गलत आदतें और लाइफस्टाइल से जुड़े फैक्टर्स बच्चों में न सिर्फ मोटापा, बल्कि स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर बीमारियों को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, बच्चों को हेल्दी डाइट और शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दिलाना जरूरी है।

Image Credit: Freepik

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