
Hemophilia in Children : हीमोफिलिया एक अनुवांशिक रक्तस्राव विकार (ब्लीडिंग डिसऑर्डर) है। हीमोफिलीया की स्थिति में शरीर में रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसकी वजह से शरीर से बह रहा खून जल्दी से रुकना बंद नहीं होता है। हीमोफिलिया की समस्या बहुत कम लोगों में पाई जाती है। यह किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती है। बच्चे भी हीमोफिलिया की बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं। हीमोफीलिया या रक्तस्राव विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 17 अप्रैल को विश्व हीमोफिलिया दिवस (World Hemophilia Day 2022) मनाया जाता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बच्चों में होने वाले हीमोफिलिया के बारे में बताने जा रहे हैं। चलिए विस्तार से जानते हैं बच्चों में हीमोफिलिया के लक्षण और कारण। हीमोफिलिया के 3 मुख्य रूपों में शामिल हैं:-
हीमोफिलिया ए : यह रक्त के थक्के कारक VIII की कमी के कारण होता है। हीमोफीलिया से ग्रसित 10 में से 9 लोगों को टाइप ए रोग होता है। इसे क्लासिक हीमोफिलिया या फैक्टर VIII की कमी के रूप में भी जाना जाता है।
हीमोफिलिया बी : यह कारक IX की कमी के कारण होता है। इसे क्रिसमस रोग या कारक IX की कमी भी कहा जाता है।
हीमोफिलिया सी : कुछ डॉक्टर इस शब्द का उपयोग थक्के कारक XI की कमी के संदर्भ में करते हैं।
बच्चों में हीमोफिलिया के लक्षण (hemophilia symptoms in children)
हीमोफिलिया का सबसे आम लक्षण अनियंत्रित रक्तस्त्राव है। हीमोफिलिया की गंभीरता रक्त में क्लॉटिंग कारकों की मात्रा पर निर्भर करती है। हीमोफिलिया से प्रभावित लोग जिनका स्तर 5% से अधिक है, सबसे अधिक बार केवल प्रमुख सर्जरी या दांत निकालने के साथ रक्तस्राव होता है। इन बच्चों का निदान तब तक नहीं किया जा सकता है जब तक कि सर्जरी से रक्तस्राव की जटिलताएं न हों। बच्चों में हीमोफिलिया के लक्षण-
- मांसपेशियों और जोड़ों से ब्लीडिंग होना
- शरीर के आंतरिक अंगों में रक्तस्त्राव होना
- सर्जरी क बाद अधिक रक्तस्त्राव होना और बहना बंद न होना
- नाक से लगातर खून निकलना
- मसूड़ों से खून बहना
- बच्चों को मूवमेंट करने में दिक्कत होना
- जोड़ों में अकड़न
- बच्चों के उल्टी में खून आना
- बच्चों में सिरदर्द होना
बच्चों में इनके अलावा भी हीमोफिलिया के लक्षण हो सकते हैं, इसलिए आपको अपने बच्चे के हर बदलते मूवमेंट पर ध्यान देना चाहिए। वही बच्चों में लक्षण नजर आते ही, तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें - World Thalassemia Day 2020: भारत में क्यों बढ़ रहा है थैलेसीमिया जैसे 'दुर्लभ रोगों' का खतरा?
बच्चों में हीमोफिलिया के कारण (hemophilia causes in children)
हीमोफिलिया प्रकार ए और बी विरासत में मिली बीमारियां हैं। उन्हें माता-पिता से बच्चों में एक्स गुणसूत्र पर एक जीन के माध्यम से पारित किया जाता है। महिलाओं में दो एक्स क्रोमोसोम होते हैं, जबकि पुरुषों में एक एक्स और एक वाई क्रोमोसोम होता है। एक महिला वाहक के पास उसके एक्स गुणसूत्रों में से एक पर हीमोफिलिया जीन होता है। जब एक हीमोफिलिया वाहक महिला गर्भवती होती है, तो 50/50 संभावना है कि हीमोफिलिया जीन बच्चे को पारित किया जाएगा। यदि जीन किसी पुत्र को दिया जाता है, तो उसे यह रोग होगा। अगर जीन एक बेटी को पारित किया जाता है, तो वह एक वाहक होगी। यदि पिता को हीमोफिलिया है, लेकिन माता में हीमोफिलिया जीन नहीं है, तो किसी भी पुत्र को हीमोफिलिया रोग नहीं होगा, लेकिन सभी बेटियां वाहक होंगी। हीमोफीलिया से ग्रसित लगभग एक तिहाई बच्चों में इस विकार का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं है। इन मामलों में, यह माना जाता है कि विकार एक नए जीन दोष से संबंधित हो सकता है। हीमोफिलिया जीन के वाहकों में अक्सर थक्के के कारकों का स्तर सामान्य होता है।
इसे भी पढ़ें - World Hemophilia Day: पुरुषों में ज्यादा क्यों होती है हीमोफिलिया की समस्या, जानें कारण और बचाव
अगर आपके बच्चे में भी हीमोफिलिया के कोई लक्षण नजर आता है, तो आप इसे बिल्कुल भी नजरअंदाजन करें। इस स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत होती है।