
शरीर को आराम की आवश्यकता होती है। जब आप सोते हैं तो उस समय डैमेज सेल रिपेयर होते हैं, साथ ही आपकी मांसपेशियों में भी आराम मिलता है। लेकिन कई बार आपके सोने की गलत आदत आपको अनजाने में कई बीमारियों की ओर ले जाती हैं। ऊंची तकिया लगाकर सोना भी इनमें से एक आदत होती है। यदि आपको भी इस तरह की आदत के तो तुरंत अपनी आदत को बदलें। आगे जानते हैं ऊंची तकिया लगाने से आपको किन बीमारियों का जोखिम अधिक होता है।
सर्वाइकल की समस्या होना
सर्वाइकल में आपको गर्दन में तेज दर्द होता है। ऊंची तकिया लगाकर सोना इसकी एक बड़ी वजह मानी जाती है। यदि आप भी रोजाना ऊंची तकिया लगाकर सोते हैं तो आपको सर्वाइकल होने की संभावना अधिक होती है। सर्वाइकल होने पर आपको रोजाना के कार्य करने में भी परेशानी होती है। कई बार ये दर्द इतना तेज होता है कि लोगों को चक्कर आने लगते हैं।
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त्वचा पर पड़ता है बुरा असर
ऊंची तकिया लगाकर सोते समय आपका रक्त संचार प्रभावित होता है। इससे सिर व चेहरे के ब्लड सर्कुलेशन में प्रोब्लम होती है। जिससे चेहरे के रोमछिद्र प्रभावित होते हैं। इस वजह से आगे चलकर लोगों को मुंहासे व एक्ने की समस्या भी हो सकती हैं।
स्लिप डिस्क की समस्या होना
ऊंची तकिया लगाकर सोने सेस्लिप डिस्कहोने की संभावना अधिक होती है। सोते समय सही तरह से न सोने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है और स्लिप डिस्क की समस्या हो सकती है। इस समस्या में गर्दन, पीठ व कंधे पर दर्द होता है। स्लिप डिस्क में व्यक्ति को खड़े और चलने में भी परेशानी होने लगती है।
गर्दन व कंधों में दर्द
ऊंची तकिया लगाकर सोने से आपको रात में बार बार उठना पड़ सकता है। ऐसे में आपको गहरी नींद नहीं आती है। साथ ही आपको गर्दन व कंधों में खिंचाव की वजह से दर्द भी होने लगता है।
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सोने का सही तरीका
आयुर्वेद के विशेषज्ञों के अनुसार रात को बाईं ओर करवट लेकर सोने से आपकी पाचन क्रिया दुरूस्त होती है। साथ ही आपके पेट पर दबाव नहीं बनता है, जबकि दाईं ओर करवट लेकर सोने से पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है। रात के समय जिन लोगों को सीने में जलन होती है उन्हें भी बाईं करवट लेकर सोने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही रात को ज्यादा टाइट कपड़े नहीं पहनने चाहिए। सोते समय तकिया सॉफ्ट व गर्दन को ज्यादा ऊपर उठाने वाला नहीं होना चाहिए।
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