Medically Reviewed by Vandana Rajput

क्या आपका HbA1c है 5.7 से ऊपर? ये 5 संकेत हैं Pre-Diabetes के, तुरंत करें डाइट में बदलाव

Pre-Diabetes Symptoms: अगर कोई प्री-डायबिटीज है, तो उन्हें कई तरह के लक्षण नजर आएंगे जैसे स्किन कलर में बदलाव, बहुत ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना आदि। जानें, डाइट में कैसे बदलें-
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क्या आपका HbA1c है 5.7 से ऊपर? ये 5 संकेत हैं Pre-Diabetes के, तुरंत करें डाइट में बदलाव

Signs Pre Diabetes: प्री-डायबिटीज, डायबिटीज के पहले की स्थिति होती है। इसमें ब्लड शुगर का स्तर ज्यादा होता है, लेकिन इतना ज्यादा नहीं कि उसे डायबिटीज की रेंज में रखा जाए। हालांकि, इतना कम भी नहीं होता है कि उसे सामान्य समझा जाए। प्री-डायबिटीज कंफर्म करने के लिए HbA1c ब्लड टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए पिछले दो-तीन महीनों के ब्लड शुगर के स्तर की सटीक जानकारी मिल जाती है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर व्यक्ति ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज करना है या नहीं, इस संबंध में जागरूक हो सकता है। आइए, नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Consultant - Dietetics वंदना राजपूत से जानते हैं कि HbA1c क्या है और इस टेस्ट के जरिए कैसे पता चलता है कि कोई व्यक्ति प्री-डायबिटिक है या नहीं।


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क्या है कि HbA1c?

जैसा कि हमने जिक्र किया है कि HbA1c एक तरह का ब्लड टेस्ट होता है, जो कि पिछले 2-3 महीनों में आपके एवरेज ग्लूकोज के स्तर को दर्शाता है, लॉन्ग टर्म ग्लूकोज कंट्रोल की जानकारी देता है और यह रोजाना किए जाने वाले ब्लड टेस्ट से अलग होता है, जो कि शॉर्ट टर्म के ब्लड स्पाइक्स (Blood Spike) के बारे में बताता है। असल में, यह टेस्ट शुगर से कोटेड हीमोग्लोबिन के प्रतिशत को मापता है। बहरहाल, इस टेस्ट के जरिए प्रीडायबिटीज और डायबिटीज की सटीक जानकारी मिल सकती है, जिससे समय से ब्लड शुगर को मैनेज करने में मदद मिलती है। एक्सपर्ट्स की मानें, HbA1c की रेंज 5.7 फीसदी से अधिक होती है, तो इसका मतलब होता है कि व्यक्ति प्री-डायबिटिक है।

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प्री-डायबिटीज के लक्षण- Pre Diabetes Symptoms

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विशेषज्ञों की मानें, तो प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) होने पर लोगों को शुरुआती दिनों में कोई विशेष लक्षण नजर नहीं आते हैं। फिर भी जो लक्षण नजर आते हैं, वे इस प्रकार हैं-

स्किन में बदलावः एक्सपर्ट्स की मानें, तो प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) के कारण गर्दन, बगल और ग्रोइन एरिया तुलनात्मक रूप से अधिक डार्क नजर आने लगता है। असल में, ऐसा इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण होता है। प्री-डायबिटीज में स्किन ड्राइनेस भी बढ़ जाती है।

1. बहुत ज्यादा प्यास लगनाः प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) होने पर व्यक्ति को बहुत ज्यादा प्यास लगती है और बार-बार पेशाब आने की समस्या हो जाती है। असल में, ब्लड शुगर बढ़ने के कारण किडनी पर अतिरिक्त दबाव बनने लगता है, क्योंकि  उसे शुगर को अधिक मात्रा में फिल्टर करना होता है। ऐसे में पेशाब की फ्रिक्वेंसी भी बढ़ जाती है।

2. थकान और कमजोरीः वैसे तो थकान और कमजोरी दोनों ही इतनी कॉमन परेशानियां हैं कि शायद ही कोई इस संबंध में अधिक जागरूक होता है। प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) में भी इस तरह की परेशानी देखने को मिलती है। विशेषज्ञ कंफर्म करते हैं कि प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) लगातार थकान बने रहने की शिकायत बढ़ जाती है।

3. आंखों में धुंधलापनः यह बात तो आप जानते ही होंगे कि डायबिटीज के कारण आंखों की नजर कमजोर हो जाती है। जबकि, इसकी शुरुआत प्री-डायबिटीज के स्तर में होने लगती है।

4. भूख बढ़नाः प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) में लोगों की सिर्फ भूख बढ़ जाती है, बल्कि उनमें क्रेविंग भी बढ़ने लगती है। दरअसल, इंसुलिन रेजिस्टेंस सेल्स को एनर्जी के लिए ग्लूकोज (शुगर) एब्जॉर्ब करने से रोकता है। ऐसे में ज्यादा ब्लड शुगर होने के बावजूद व्यक्ति को भूख बनी रहती है। ऐसे में व्यक्ति जाने-अनजाने ओवर ईटिंग करता रहता है।

5. जख्म भरने में देरीः लंबे समय तक डायबिटीज होने के कारण नसें कमजोर हो जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो बाधित हो जाता है। ऐसे में जख्म भरने में भी देरी होने लगती है। इसका मतलब है कि हीलिंग प्रोसेस धीमा हो जाता है। इससे छोटे-छोटे छाले, घाव को ठीक होने में काफी समय लगता है।

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प्री-डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए डाइट में करें बदलाव

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प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) को कंट्रोल करने के लिए हर व्यक्ति को लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स युक्त फूड पर ही फोकस करना चाहिए। यहां हम आपको कुछ जरूरी डाइट टिप्स दे रहे हैं, इन्हें जरूर फॉलो करें-

क्रम सब्जियां फायदे
1. हरी सब्जियां खाएं प्री-डायबिटीज को कंट्रोल करना है, तो डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। इसमें फाइबर काफी मात्रा में होता है। साथ ही, इनमें माइक्रान्यूट्रिएंट्स भी पाए जाते हैं।
2. साबुत अनाज प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) के मरीजों को अपनी डाइट में साबुत अनाज जैसे किनोवा और बारले जैसी चीजें खानी चाहिए। ये चीजें पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। Hopkinsmedicine में भी इस बात की पुष्टि होती है कि प्री-डायबिटीज में साबुत अनाज खाना फायदेमंद है।
3. लीन प्रोटीन लें प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) के मरीजों को अपनी डाइट में लीन प्रोटीन को जगह देनी चाहिए। इसके लिए मछली, चिकन और प्लांट बेस्ड प्रोटीन शामिलहोते हैं।
4. हेल्दी फैट प्री-डायबिटीज के मरीजों को डाइट में तली-भुनी चीजें शामिल नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय, हेल्दी फैट जैसे नट्स, सीड्स, ऑलिव ऑयल और एवोकाडा खाना चाहिए।

निष्कर्ष

अगर किसी व्यक्ति का HbA1c 5.7 प्रतिशत से ज्यादा है, तो इस स्थिति को हल्के में न लें। इससे पता चलता है कि आपको प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) है। प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) के रोगी अक्सर यह सोचकर अपनी हेल्थ के प्रति लापरवाह हो जाते हैं कि अभी तो उन्हें डायबिटीज नहीं है। जबकि, ऐसा करना सही नहीं है। प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) के रोगियों के लिए जरूरी है कि वे अपने ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करें और अपनी डाइट में जरूरी बदलाव करें और रेगुर एक्सरसाइज करें। एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि हर सप्ताह कम से कम 5 दिन 40 मिनट के वर्कआउट करें। 

All Image Credit: Freepik

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FAQ

  • प्री डायबिटीज के शुरुआती प्रमुख लक्षण क्या हैं?

    प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) के शुरुआती लक्षणों की बात करें, तो इसमें प्यास लगाना, बार-बार पेशाब आना, थकान, धुंधला दिखना, घावों का धीरे भरना, हाथों-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होना। इसके अलावा, स्किन कलर में भी बदलाव देखे जाते हैं।
  • मैं कैसे चेक करूं कि मैं प्री-डायबिटिक हूं?

    कोई व्यक्ति प्री-डायबिटिक है या नहीं, इसके लिए रेगुलर ब्लड टेस्ट करवाना पड़ता है।
  • क्या प्री-डायबिटीज ठीक हो सकती है?

    प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) का पता चलने पर मरीज को तुरंत अपनी जीवनशैली में हेल्दी आदतों को अपनाना चाहिए और बुरी आदतों को छोड़ देना चाहिए। जैसे रेगुलर एक्सरसाइज करें, तली-भुनी चीजें न खाएं, डाइट में हेल्दी चीजें शामिल करें। इस तरह प्री-डायबिटीज (Pre Diabetes) को डायबिटीज में बदलने से रोका जा सकता है।

 

 

 

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  • Dec 16, 2025 15:17 IST

    Modified By : Meera Tagore
  • Dec 16, 2025 15:17 IST

    Published By : Meera Tagore

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