प्री-डायबिटीज, डायबिटीज से पहले की स्टेज है यानि जब आपके शरीर में डायबिटीज के लक्षण नहीं दिखते हैं मगर ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ने लगता है। प्री-डायबिटीज होने पर टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। ब्लड की जांच करने पर खाली पेट ग्लूकोज का स्तर 100 से अधिक एवं भोजन या 75 ग्राम ग्लूकोज लेने के बाद 140 से अधिक होने लगे तो इसे प्री-डायबिटीज कहा जाता है। डायबिटीज होने पर शरीर में इंसुलिन बनना कम हो जाता है। इसके कारण ब्लड में शुगर घुलने लगता है और इंसान का दिल, किडनी और रक्त वाहिनी प्रभावित होने लगती हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसी कई आदतें हैं जिनसे प्री-डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। ये आदतें बदलकर आप समय रहते खुद को डायबिटीज से बचा सकते हैं।
वजन कंट्रोल न करना
वजन बढ़ने की वजह से कई तरह के रोग शरीर को घेर लेते हैं। इनमें से एक डायबिटीज भी है। अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है और आप इसे कंट्रोल नहीं कर रहे हैं, तो प्री-डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादा वसा होने से शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन को प्रभावित करने लगती हैं। शारीरिक व्यायाम और संतुलित आहार के द्वारा वजन को कंट्रोल किया जा सकता है। शारीरिक मेहनत करने से शरीर का ग्लूकोज इस्तेमाल हो जाता है इसलिए शुगर का खतरा कम हो जाता है।
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देर तक बैठना या आराम करना
अगर आप देर तक आराम करते हैं या देर तक बैठने की आदत है तो इससे भी डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपका काम ऐसा है कि आपको घंटों एक ही जगह बैठे रहना पड़ता है तो अपनी जगह से बीच-बीच में उठकर थोड़ा बहुत टहल लें। ऑफिस में कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करने वाले लोगों को काम के दौरान घंटे-डेढ़ घंटे में 5 मिनट के लिए उठकर टहल लेना चाहिए। इससे उनकी आंखों को भी आराम मिलता है और शरीर के दूसरे अंग भी रिफ्रेश हो जाते हैं।
पर्याप्त नींद न लेना
पर्याप्त नींद न लेने से आपका दिमाग तो प्रभावित होता ही है साथ ही साथ इससे आपका शरीर भी प्रभावित होता है। इससे आपको तनाव, थकान और अवसाद के साथ-साथ दिल की बीमारियों और डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है। दरअसल पर्याप्त नींद न लेने से शरीर का इंसुलिन प्रभावित होता है और इंसुलिन की वजह से ही डायबिटीज की शुरुआत होती है। इसलिए अगर स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको सुकून भरी पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।
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सॉफ्ट ड्रिंक्स और पैकेटबंद जूस
सोडा, कोल्ड ड्रिंक, पैकेटबंद जूस आदि के सेवन से भी डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। कोल्ड ड्रिंक्स में शरीर के नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों के अलावा बहुत ज्यादा मात्रा में शुगर घुला होता है, जो शुगर की हमारी दैनिक जरूरत से कहीं ज्यादा होता है। इसके अलावा बाजार में मिलने वाले जूस में भी प्रिजर्वेटिव्स, फ्लेवर्ड केमिकल्स और ढेर सारा शुगर घुला होता है जिससे हमारा शरीर प्रभावित होता है। इससे शरीर में कैलोरीज भी बढ़ती हैं। अगर आप सक्षम हैं तो जूस से कहीं बेहतर आपके लिए फलों का सेवन है।
सिगरेट और शराब से दूरी
डायबिटीज से बचाव के लिए सिगरेट और शराब से दूरी भी बहुत जरूरी है। इनके प्रभाव से शरीर को कई गंभीर रोगों का खतरा होता है जिनमें कैंसर, फेफड़े के रोग, सांस संबंधित रोग, लिवर की बीमारियां, दिल की बीमारियां और डायबिटीज प्रमुख हैं। निकोटिन से शरीर का रक्तचाप बढ़ता है ये शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करता है।
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