डायबिटीज को जीवनभर की बीमारी माना जाता है। यह ऐसी बीमारी है, जिसका कोई ईलाज नहीं। इस बीमारी से छुटकारा पाना भी संभव नहीं। इसका शिकार होने के बाद व्यक्ति को अपनी जीवनशैली और खानपान के तरीके में बदलाव करना पड़ता है। साथ ही उसे नियमित व्यायाम करना पड़ता है और दवाओं का सेवन करना पड़ता है। डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो शरीर की इनसुलिन उत्पादन क्षमता खत्म होने, या उस क्षमता को सही प्रकार से उपयोग न कर पाने के कारण होती है। इसके कारण शरीर में अधिक मात्रा में ग्लूकोज जमा हो जाता है, जो शरीर को कई प्रकार से नुकसान पहुंचाता है।
भारत में करीब 60 मिलियन यानी छह करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। और इस संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। डायबिटीज अगर बिगड़ जाए तो इससे हृदयाघात, किडनी फैल्योर, ब्रेन स्ट्रोक, अंधापन, तंत्रिका प्रणाली को नुकसान और अंग-विच्छेदन जैसी समस्यायें हो सकती हैं।
अनियंत्रित हो जाती है बीमारी
यह दुर्भाग्य की बात है कि इतने शोध, शैक्षिक कार्यक्रमों और दवाओं के इतनी उपलब्धता होने के बावजूद दुनिया भर में 50 फीसदी और मुंबई में 70 फीसदी डायबिटीज अनियंत्रित ही रह जाती है। इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति को अवसाद, दूसरों पर निर्भरता जैसी भावनाओं से पीड़ित होना पड़ता है। इतना ही नहीं, इसके कारण उसका जीवन भी कम हो जाता है।
बेरएट्रिक सर्जरी है मददगार
1950 के दशक में मोटापे के लिए शुरू हुई बेरिएट्रिक सर्जरी का सकारात्मक असर व्यक्ति के डायबिटीज कम होने के रूप में भी नजर आता है। कई शोध-अनुसंधान यह बताते हैं कि सर्जरी के बाद 80 से 90 फीसदी मरीजों की डायबिटीज छूट जाती है। छूट का अर्थ है कि दवाओं के सेवन के बिना भी रक्त में शर्करा की मात्रा सामान्य बनी रहती है।
इसे भी पढ़ें: आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी डायबिटीज, बस रखें इस बात का ख्याल
हॉर्मोंस को करती है प्रभावित
शुरुआत में इसे वजन कम करवाने वाली सर्जरी के अतिरिक्त लाभ के तौर पर देखा जाता था। लेकिन, अब यह बात साफ हो गई है कि इस सर्जरी के कारण ही डायबिटीज कम हो जाती है। और इसे केवल वजन कम होने के लाभ के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिये। अधिकतर मरीजों में सर्जरी के 3 से 7 दिनों के भीतर ही रक्त शर्करा सामान्य हो जाती है। इस समय तक उनके शरीर में वजन कम होने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई होती। यह सर्जरी आंत्रिक हॉर्मोंस पर असर करती है। ये हॉर्मोंस ही टाइप टू डायबिटीज के लिए उत्तरदायी माने जाते हैं।
दुनिया भर में मिली स्वीकार्यता
बेरिएट्रिक सर्जरी में इलीइल ट्रांसपोजीशन सर्जरी (Ileal transposition surgery) से भी डायबिटीज के इलाज की प्रक्रिया अपनायी जा रही है। हाल ही में बेरिएट्रिक सर्जरी जिसे मेटाबॉलिक सर्जरी भी कहा जाता है, को इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन, अमेरिकन सोसायटी ऑफ मेटाबॉलिक एण्ड बेरिएट्रिक सर्जरी और ओबेसिटी सर्जरी सोसायटी ऑफ इण्डिया, ने भी स्वीकार कर लिया है।
इसे भी पढ़ें: स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है आॅफिस और घर के शीशे बंद रखना
अब वह दिन दूर नहीं जब डायबिटीज से पीड़ित 70 फीसदी भारतीय न केवल डायबिटीज को नियंत्रित कर पाएंगे, बल्कि साथ ही उन्हें रोजाना के इंजेक्शन और दवाओं के सेवन से भी छुटकारा मिल सकेगा।
डायबिटीज से बचाव और सुरक्षा के लिए अपनायें ये उपाय
- खानपान की स्वस्थ आदतें अपनायें। इसके लिए अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सहायता भी ले सकते हैं। आपको चाहिये कि आप नियमित वर्कआउट करें।
- सक्रिय जीवनशैली अपनायें। सप्ताह के अधिकतर दिन कम से कम 30 मिनट का व्यायाम जरूर करें। आप अपने डॉक्टर से पूछ सकते हैं कि आपके लिए कौन सा व्यायाम उपयुक्त रहेगा।
- डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाओं का सेवन करें।
- रोजाना अपनी रक्त शर्करा की जांच करें। इसके साथ ही अपनी रक्त शर्करा का पूरा रिकॉर्ड भी रखें।
- अपने पैरों की नियमित जांच करें। देखें कि उसमें कहीं कोई कट, सूजन, जख्म, लालिमा तो नहीं है। अपने पैरों के नाखूनों की भी जांच करें।
- अपने दांतों को रोजाना फ्लॉस और साफ करें।
- अपने रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की जांच करें।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Diabetes In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version