मौसम बदलते ही खांसी-जुकाम और बुखार की समस्या बढ़ जाती है। कई लोग इन्हें नॉर्मल फ्लू के लक्षण मानकर नजरअंदाज करते रहते हैं, तो कई मेडिकल स्टोर्स से खुद ही बुखार-जुकाम की दवा लेकर खाते रहते हैं। मगर इन दिनों Delhi NCR में H3N2 वायरस तेजी से फैल रहा है, जिसके लक्षण नॉर्मल फ्लू जैसे ही हैं मगर ये वायरस ज्यादा खतरनाक है और कई बार गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। पिछले कुछ समय में H3N2 एंफ्लुएंजा गूगल ट्रेंड्स पर ट्रेंड कर रहा है। इसलिए आपके लिए यह समझना बेहद जरूरी है कि Normal Flu और H3N2 Flu में फर्क कैसे करें? आइए इसे समझते हैं Fortis Hospital, Mulund की संक्रामक रोग विशेषज्ञ और Senior Consultant डॉ Dr Kirti Chandrashekhar Sabnis से।
H3N2 Viral Flu क्या है?
H3N2 एंफ्लुएंजा A वायरस का एक सब-टाइप है। इसे आप Seasonal Flu का ही एक ज्यादा खतरनाक किस्म कह सकते हैं। ये वायरस छींकने, खांसने या संक्रमित व्यक्ति की कोई चीज इस्तेमाल करने के दौरान तेजी से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इस वायरस का प्रभाव छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है।
Normal Flu क्या है?
नॉर्मल फ्लू भी एंफ्लुएंजा वायरस का ही प्रकार है, मगर ये थोड़ा कम खतरनाक होता है। इसमें बुखार और खांसी रहती है, लेकिन ये हल्के-फुल्के लक्षण होते हैं। इसकी चपेट में आने पर आमतौर पर मरीज 5-7 दिनों में बिना किसी गंभीरता के ठीक हो जाता है।
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H3N2 Viral Flu और Normal Flu के लणक्षों में अंतर
Dr Kirti Chandrashekhar Sabnis के अनुसार नॉर्मल फ्लू में अक्सर हल्का बुखार आता है, जो जल्दी उतर जाता है। साथ ही, खांसी सूखी, गले में हल्की खराश, हल्का सिरदर्द, नाक बहना और थोड़ी थकान जैसी समस्या होती है। मगर नॉर्मल फ्लू होने पर मरीज 5–7 दिन में आराम पा लेता है। वहीं दूसरी तरफ H3N2 फ्लू में बुखार अचानक तेज (102°F या उससे ज्यादा) चढ़ता है और कई दिनों तक बना रहता है। खांसी लगातार आती है और कई बार सांस लेने में तकलीफ और सीने में जकड़न तक हो जाती है। इसमें शरीर और मांसपेशियों में दर्द भी नॉर्मल फ्लू से कहीं ज्यादा होता है, साथ ही कमजोरी लंबे समय तक बनी रहती है। नॉर्मल फ्लू में मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन H3N2 फ्लू में व्यक्ति को, खासकर खासकर बच्चों, बुजुर्गों और क्रॉनिक बीमारी वाले लोगों को कई बार हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ सकता है।
कब डॉक्टर को दिखाना है जरूरी
अगर आपको नीचे बताई गई समस्याएं हो रही हैं, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी है।
- अगर बुखार लगातार 3–4 दिन तक उतर ही न रहा हो
- खांसी और गले की तकलीफ बढ़ती जा रही हो
- सांस लेने में परेशानी होने लगे
- शरीर में दर्द और कमजोरी बहुत ज्यादा महसूस हो रही हो
- पहले से कोई बीमारी हो और ऊपर बताए लक्षण दिखें
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बचाव के लिए क्या कर सकते हैं?
H3N2 वायरस काफी संक्रामक है इसलिए इससे बचाव इससे सुरक्षा का पहला कदम है। इसके लिए-
- मास्क पहनें और हाथ धोने की आदत डालें
- खांसते या छींकते वक्त मुंह ढकें
- भीड़भाड़ और बंद जगहों से बचें
- संतुलित आहार लें, जिससे आपकी इम्यूनिटी अच्छी रहे
- अगर कोई बीमारी है, तो उससे दूरी बनाएं और उसके द्वारा छुई गई या इस्तेमाल की गई चीजों को आप न छुएं।
कुल मिलाकर नॉर्मल फ्लू आमतौर पर हल्का होता है और कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। वहीं H3N2 वायरल फ्लू लंबा चलता है और खतरा ज्यादा होता है। फर्क पहचानना आसान नहीं है, लेकिन अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें या तकलीफ ज्यादा महसूस हो रही हो, तो खुद के ठीक होने का इंतजार करने के बजाय, इसे डॉक्टर को दिखाएं और जांच कराएं।
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Sep 18, 2025 11:21 IST
Modified By : अनुराग गुप्ताSep 18, 2025 11:21 IST
Modified By : अनुराग गुप्ताSep 18, 2025 11:21 IST
Published By : अनुराग गुप्ता