गलसुआ यानि मम्स गले से जुड़ा एक तरह का संक्रामक रोग है, जिसमें गाल सामान्य न रहकर फूल जाते हैं। यह समस्या आमतौर पर गाल के नीचे जबड़ों के पास पाए जाने वाली पेरोटिड ग्रंथियों में होने वाले इंफेक्शन के कारण होती है। हाल ही में भारत में इसके कई मामले देखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में गलसुए के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह समस्या ज्यादातर छोटे बच्चों में देखी जाती है। दिल्ली एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में इसके मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
क्या है मम्स?
मम्स एक तरह का वायरस या इंफेक्शन है, जो ज्यादातर बच्चों को अपनी चपेट में लेता है। यह वायरस मुंह से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति में पहुंच सकते हैं। इससे संक्रमित होने पर मरीज को सलाइवरी ग्लैंड में दर्द हो सकता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर गालों का आकार में बदलाव देखा जा सकता है। ऐसे में गालों में सूजन आ सकती है और मुंह फूला हुआ दिखने लगता है।
मम्स के लक्षण
- मम्स होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण देखे जा सकते हैं।
- मम्स होने पर आपको गालों और मुंह पर सूजन दिखाई दे सकती है।
- यह समस्या होने पर शरीर का तापमान सामान्य से बढ़ सकता है और शरीर गर्म हो सकता है।
- इस स्थिति में सुस्ती, थकान और कमजोरी जैसी समस्या हो सकती है।
- इस स्थिति में आपको सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द होने के साथ ही भूख नहीं लगने जैसी समस्या हो सकती है।
मम्स से बचने के तरीके
- गलसुआ यानि मम्स से बचने के लिए आपको कई बदलाव करने की जरूरत है।
- इससे बचने के लिए आपको बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचना है। यह गले से निकलने वाली बूंदों से भी फैल सकता है।
- इससे बचने के लिए आपको छींकते और खांसते समय मुंह को ढ़ककर रखना चाहिए।
- अगर आपको मम्स हो गया है तो ऐसे में कुछ दिनों के लिए खुद को लोगों से अलग कर लें।
- इसके दर्द से राहत पाने के लिए आप प्रभावित हिस्से पर बर्फ के टुकड़े से मसाज कर सकते हैं।