कैंसर की बीमारी आज के समय में तेजी से बढ़ रही है। शरीर की ओशिकाओं के अनियंत्रित रूप से विभाजित होने और विकसित होने पर कैंसर की समस्या होती है जिसमें ये कोशिकाएं ऊतकों को नष्ट करने का काम करती हैं। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। कैंसर एक जानलेवा बीमारी है जो किसी भी उम्र में महिला और पुरुष दोनों को हो सकती है। महिलाओं में कैंसर की बीमारी कई प्रकार की होती है। महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स यानी प्रजनन अंगों में कैंसर की बीमारी को गायनेकोलॉजिकल कैंसर (Gynecological Cancer) कहा जाता है। पेट के नीचे और कूल्हे की हड्डियों के बीच के अंगों में होने वाले कैंसर को गायनेकोलॉजिकल कैंसर कहते हैं और यह कई तरह का होता है। दुनियाभर में महिलाओं की कैंसर की बीमारी के कारण होने वाली मौत का प्रमुख कारण गायनेकोलॉजिकल कैंसर को माना जाता है। आइये विस्तार से जानते हैं इस कैंसर के बारे में।
गायनेकोलॉजिकल कैंसर के प्रकार (Types Of Gynecological Cancer)
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गायनेकोलॉजिकल कैंसर मुख्य रूप से 6 प्रकार के होते हैं। इनमें से तीन तरह के कैंसर को सामान्य माना जाता है जो ज्यादातर लोगों में देखे जाते हैं। वहीं तीन अन्य प्रकार के गायनेकोलॉजिकल कैंसर बहुत दुर्लभ होते हैं। ये बहुत कम लोगों में देखे जाते हैं। मेट्रो हॉस्पिटल के ऑन्कोलॉजी विभाग के हेड डॉ आर के चौधरी के मुताबिक महिलाओं में उम्र के साथ ही इन तरह के कैंसर का खतरा बढ़ता है। गायनेकोलॉजिकल कैंसर खानपान, जीवनशैली और कई तरह की शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों के कारण हो सकता है। गायनेकोलॉजिकल कैंसर के 6 प्रकार ये हैं।
- गर्भाशय कैंसर (Uterine Cancer)
- ग्रीवा कैंसर (Ovarian Cancer)
- वुल्वर कैंसर (Vulvar Cancer)
- सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer)
- योनि का कैंसर (Vaginal Cancer)
- गर्भकालीन ट्रोफोब्लास्टिक ट्यूमर (Gestational Trophoblastic Tumor)
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गायनेकोलॉजिकल कैंसर के कारण (What Causes Gynecological Cancer?)
गायनेकोलॉजिकल कैंसर महिलाओं में होने वाले प्रमुख कैंसर हैं जो सिर्फ अमेरिका जैसे विकसित देशों में सालाना 10 लाख से अधिक महिलाओं को प्रभावित करते हैं। उम्र के साथ-साथ महिलाओं में गायनेकोलॉजिकल कैंसर का खतरा बढ़ता जाता है। महिलाओं में मेनोपॉज, प्रजनन और कई अन्य कारणों से गायनेकोलॉजिकल कैंसर बढ़ते हैं। आइये जानते हैं इसके जोखिम कारकों के बारे में।
- मेनोपॉज के बाद होने वाली दिक्कतों की वजह से।
- मासिक धर्म की शुरुआत जल्दी (12 साल की उम्र से पहले) होने पर।
- डायबिटीज की समस्या से ग्रसित महिलाओं में।
- ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) इंफेक्शन के कारण।
- धूम्रपान करने वाली महिलाओं में।
- मोटापे की समस्या की वजह से।
- शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने के कारण।
- ब्रेस्ट कैंसर की समस्या के कारण।
- परिवार में गायनेकोलॉजिकल कैंसर के इतिहास के कारण।
- ओरल बर्थ कंट्रोल या सेक्सुअल दवाओं के अधिक इस्तेमाल की वजह से।
- बहुत अधिक फैट युक्त भोजन करने की वजह से।
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गायनेकोलॉजिकल कैंसर के लक्षण (Gynecological Cancer Symptoms)
गाय्नेकोलॉजिकल कैंसर की बीमारी होने पर महिलाओं के शरीर में कई लषण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों को सही समय पर पहचानकर उचित इलाज लेने से आप इस समस्या को दूर कर सकती हैं। गायनेकोलॉजिकल कैंसर की बीमारी में दिखने वाले लक्षणों में योनि से अधिक खून बहना और मासिक धर्म से जुड़ी दिक्कतें भी शामिल हैं। अलग-अलग तरह के गायनेकोलॉजिकल कैंसर की समस्या में अलग लक्षण दिखाई देते हैं। आइये जानते हैं गायनेकोलॉजिकल कैंसर की समस्या में दिखने वाले लक्षणों के बारे में।
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1. गर्भाशय कैंसर के लक्षण (Uterine Cancer Symptoms)
गर्भाशय कैंसर गर्भाशय में होने वाला कैंसर है, इसे गायनेकोलॉजिकल कैंसर का आम प्रकार माना जाता है। मोटापे की समस्या, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के कारण भी यह कैंसर महिलाओं में हो सकता है। जानें इसके लक्षणों के बारे में।
- मेनोपॉज के बाद योनि से रक्तस्राव।
- लगातार पेट के निचले हिस्से में दर्द की समस्या।
- पीरियड्स के बाद अत्यधिक ब्लीडिंग।
- शारीरिक संबंध बनाते समय दर्द होना।
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2. ग्रीवा कैंसर के लक्षण (Ovarian Cancer Symptoms)
ओवेरियन कैंसर को हिंदी में अंडाशय कैंसर भी कहते हैं। यह तीन तरह का होता है पहला एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर, दूसरा जर्म सेल कैंसर और तीसरा स्ट्रोमल सेल कैंसर। इस तरह के कैंसर में मरीजों में ये लक्षण दिखाई देते हैं।
- प्रभावित इलाके में अत्यधिक सूजन।
- भूख न लगने की समस्या।
- भोजन करने में कठिनाई का सामना।
- अचानक वजन घटने की समस्या।
- बार-बार पेशाब होना।
- श्रोणि या उदर क्षेत्र में दर्द और बेचैनी।
3. सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (Cervical Cancer Symptoms)
गर्भाशय में सेल्स की अनियमित वृद्धि को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं। वैसे तो सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले फ्लैटंड और स्क्वैम्श सेल्स की बढ़ोतरी के कारण होते है पर कुछ मामले ग्लैंडुलर, म्युकस आदि के कारण भी होते हैं। सर्वाइकल कैंसर की कैंसर से पहले वाली स्थिति को डिस्प्लेसिया कहा जाता है। इसमें दिखने वाले लक्षण इस प्रकार से हैं।
- असामान्य रक्तस्राव।
- वजाइना से सफेद बदबूदार पानी का रिसाव (वाइट डिस्चार्ज) होना।
- पेट के निचले हिस्से में दर्द।
- यूरीन की समस्या।
- भूख कम लगना।
- वजन कम होना।
- थकान महसूस करना।
- अनीमिया और बोन फ्रैक्चर।
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4. वुल्वर कैंसर के लक्षण (Vulvar Cancer Symptoms)
वुल्वर कैंसर एक दुर्लभ गायनेकोलॉजिकल कैंसर है जो महिलाओं में बाहरी जननांगों को प्रभावित करता है। ज्यादातर मामलों में यह कैंसर अधिक उम्र वाली या बुजुर्ग महिलाओं में होता है। वुल्वर कैंसर के लक्षण इस प्रकार से हैं।
- लाल, गुलाबी या सफेद रंग की मस्से जैसी सतह।
- पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होना।
- मासिक धर्म के अलावा गंभीर ब्लीडिंग।
- घाव या अल्सर।
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5. वेजाइनल कैंसर के लक्षण (Vaginal Cancer Symptoms)
ज्यादातर 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में होने वाला वेजाइनल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक दुर्लभ कैंसर है। यह कैंसर ज्यादातर महिलाओं में ह्यूमन पैपिलोमावायरस इंफेक्शन के कारण होता है। इस कैंसर में ये लक्षण दिखाई देते हैं।
- शारीरिक संबंध के दौरान और बाद में दर्द।
- असामान्य रक्तस्राव।
- रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव।
- मल या मूत्र में खून आना।
- बार-बार पेशाब आने की समस्या।
- कब्ज की समस्या।
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6. गर्भकालीन ट्रोफोब्लास्टिक ट्यूमर के लक्षण (Gestational Trophoblastic Tumor Symptoms)
गर्भकालीन ट्रोफोब्लास्टिक ट्यूमर गर्भावस्था से जुड़ा एक प्रकार का ट्यूमर है। यह एक दुर्लभ प्रकार का गायनेकोलॉजिकल कैंसर है। इस तरह के ट्यूमर आमतौर पर कोशिकाओं में शुरू होते हैं जो गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा बन जाते हैं। ट्यूमर ट्रोफोब्लास्ट के रूप में जानी जाने वाली कोशिकाओं की परतों में शुरू होता है जो भ्रूण को घेरे रहती है और ज्यादातर सौम्य होती है। ये ट्यूमर अत्यधिक इलाज योग्य हैं और ज्यादातर कीमोथेरेपी के साथ इलाज किया जाता है।
गायनेकोलॉजिकल कैंसर का इलाज (Gynecological Cancer Treatment)
गायनेकोलॉजिकल कैंसर के हर प्रकार का अलग-अलग तरीके से इलाज किया जाता है। मरीजों में रोग की गंभीरता के साथ उनकी स्थिति के अनुसार इलाज किया जाता है। आमतौर पर ज्यादातर महिलाओं में गायनेकोलॉजिकल कैंसर के इलाज के सर्जरी को सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। इसके अलावा कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, स्टेम सेल ट्रांसप्लांट, टार्गेटेड थेरेपी, और दवाओं के माध्यम से कैंसर के मरीजों का इलाज किया जाता है।
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