ब्लड कैंसर जिसे आम भाषा में रक्त कैंसर कहते हैं, जो रक्त बनाने वाली प्रणाली में दोषों को संदर्भित करता है। रक्त प्रणाली में दोष के कारण कैंसर कोशिकाएं हमारे रक्तप्रवाह में प्रवेश करती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ती चली जाती हैं, जिसे शरीर की स्वस्थ कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, रक्त कैंसर जिसे कभी एक बोझिल बीमारी माना जाता था लेकिन अब इस स्थिति में उपचार के विकल्प सामने आ चुके हैं, जिसमें मरीज की देखभाल कर उसकी जान बचाई जा सकती है। ऐसा ही एक विकल्प ब्लड स्टेम सेल प्रत्यारोपण (blood stem cell transplant) है। इस बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 28 मई को विश्व रक्त कैंसर दिवस (World Blood Cancer Day) के रूप में मनाया जाता है, जिसपर रक्त कैंसर के इलाज के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी जाती है।
14 साल के बच्चे के मिली नई जिंदगी
मौजूदा वक्त में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट रक्त कैंसर का प्रभावी उपचार बन चुका है। इसका जीता-जागता उदाहरण है अहमदाबाद का रहने वाला एक 14 साल का लड़का माहीर। माहीर को स्टेम सेल की मदद से अपना जीवन वापस मिला है। माहीर में रक्त कैंसर का पता चलने पर उसके माता-पिता ने डॉक्टर से परामर्श किया, जिसके बाद उन्हें ब्लड स्टेम सेल प्रत्यारोपण प्रक्रिया के बारे में पता चला। उन्हें चिकित्सकों ने बताया कि कैसे माहीर एक असंबंधित दाता से रक्त स्टेम कोशिकाओं की मदद से इस स्वास्थ्य स्थिति से बच सकता है। माहीर को उसके जैसे रक्त स्टेम सेल डोनर मिल गई, जो जर्मनी से आए थे और नाम था डॉ. सीता । स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के बाद माहीर अब अपनी उम्र के दूसरे बच्चों की तरह जीवन जी रहा है।
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रक्त कैंसर में क्या होता है? (What Happens In Blood Cancer?)
जिन रोगियों में रक्त कैंसर या अन्य रक्त विकार होते हैं, उनमें रक्त-निर्माण (हेमटोपोइएटिक) प्रणाली में दोष होते हैं। इस स्थिति में अपरिपक्व या बेकार रक्त कोशिकाओं का निर्माण होने लगता है, जिसके कारण सामान्य कोशिका की परिपक्वता की सामान्य प्रक्रिया में बााधा पैदा होने लगती है। भारत में कैंसर के सभी नए मामलों में रक्त कैंसर का 8% हिस्सा है। कई ब्लड कैंसर के मरीज बच्चे और युवा होते हैं जिनकी रिकवरी का एकमात्र मौका ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट होता है। ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले मरीजों में से केवल 30% ही सिबलिंग मैच पा सकते हैं। बाकी 70% को किसी अन्य से ही ब्लड स्टेम सेल हासिल करना पड़ता है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी विभिन्न कैंसर के इलाज के अन्य तरीकों में से एक है।
कैसे मरीज की मदद कर सकता है ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट ? (How can Blood Stem Cell Transplant help a patient?)
कई रोगियों को जिन्हें रक्त कैंसर और अन्य रक्त विकार होता हैं, उन्हें जीवित रहने के लिए ब्लड स्टेम सेल प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है। रक्त कैंसर और रक्त विकारों के खिलाफ जागरूकता फैला रहे संगठन डीकेएमएस बीएमटीएस फाउंडेशन इंडिया के सीईओ पैट्रिक पॉल का कहना है , “एक सफल ब्लड स्टेम सेल प्रत्यारोपण के लिए एक असंबंधित दाता से रक्त स्टेम कोशिकाओं की आवश्यकता होती है। रक्त स्टेम कोशिकाएं दाता से ली जाती हैं, जिसे प्रत्यारोपण प्रक्रिया की मदद से रोगी के रक्त में संचारित कर दिया जाता है। जब ये स्टेम सेल रक्तप्रवाह से गुजरते हैं तो ये अस्थि मज्जा (Bone marrow) में जाकर बस जाते हैं। ये नई रक्त स्टेम कोशिकाएं संख्या में वृद्धि करने लगती हैं और लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स का उत्पादन करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप रोगी की रोगग्रस्त कोशिकाएं बदल जाती हैं। "
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जानिए क्या आप हैं ब्लज स्टेम सेल दाता के रूप में पंजीकरण करने के लिए फिट बैठते हैं:
पॉल के मुताबिक,
- जो भी व्यक्ति स्टेम सेल दान करना चाहता है उसे भारत का नागरिक होना चाहिए और वे स्वस्थ होना चाहिए।
- डोनर की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- डोनर का वजन 50 किलो से अधिक होना चाहिए।
- डोनर को किसी प्रकार की या फिर कम स्वास्थ्य समस्याएं होनी चाहिए।
अगर आप उपरोक्त आवश्यकता को पूरा करते हैं और आप पंजीकृत करने के लिए तैयार हैं तो आपको एक स्टेम सेल रजिस्ट्री द्वारा दिया गया सहमति पत्र भरना होगा। जब किसी मरीज को आवश्यकता होगी तो एक असंबंधित मिलान की तलाश की जाएगी और ऐसे में आप रक्त कैंसर के शिकार व्यक्ति के लिए आशा की किरण बन सकते हैं। आप कभी नहीं जानते कि आप किसी ऐसे व्यक्ति को नया जीवन दे रहे हैं जिसे आप जानते भी नहीं हैं।
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