हमारे शरीर में कुछ ऐसी समस्याएं होती हैं, जिनके बारे में हम खुलकर बात करने से हिचकिचाते हैं। खासतौर पर महिलाएं अपनी गुप्त समस्याएं को खुलकर बता नहीं पाती हैं। ऐसे में बीमारी बढ़ने का खतरा काफी ज्यादा हो जाता है। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic Inflammatory Disease ) भी एक ऐसी ही समस्या है। इसके कारण महिलाओं को पेल्विक एरिया में काफी दर्द का सामना करना पड़ता है। इस तरह की समस्या होने पर बिना किसी संकोच के तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होता है। आज हम आपको इस लेख के जरिए पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic Inflammatory Disease Symptoms) के कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप अपनी इस समस्या को तुरंत पहचान सकेंगे। इस तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से फौरन संपर्क करें और अपना बेहतर इलाज कराए, वरना आपको कई अन्य समस्या भी हो सकती है। चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-
क्या है पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज? (What is Pelvic Inflammatory Disease)
महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मनीषा रंजन बताती हैं कि पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic Inflammatory Disease) एक संक्रमण से जुड़ी बीमारी है। इसके कारण महिलाओं के प्रजनने में संक्रमण (Virus) फैलने का खतरा बढ़ जाता है। महिलाओं के प्रजनन अंगों में संक्रमण से संबंधित समस्या है। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर महिलाओं का गर्भ, फैलोपियन ट्यूब (एक तरह की नलिका), गर्भाशय ग्रीवा और अंडाशय संक्रमित हो सकता है। संक्रमण फैलने की वजह से इन अंगों में सूजन आ सकती है। साथ ही काफी तेज दर्द भी होता है। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic Inflammatory Disease) शरीर में विभिन्न बैक्टीरिया की वजह सेे होता है। आमतौर पर यह बीमारी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (एसटीआई) के कारण उत्पन्न होता है। शारीरिक संबंध के दौरान संक्रमण फैलने को ही एसटीआई यानि सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (Sexually Transmitted Infections) कहा जाता है।
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पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कारण (Causes of Pelvic Inflammatory Disease)
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज को सामान्य भाषा में श्रोणि में सूजन की बीमारी कहा जाता है। मुख्य रूप से बैक्टीरिया की वजह से यह बीमारी महिलाओं को होती है। गर्भाशय ग्रीवा में ये बैक्टीरिया मौजूद होता है, जो चिकित्सा प्रक्रिया जैसे - प्रसव के दौरान, एंडोमेट्रियल बायोप्सी, गर्भपात के दौरान प्रजनन के अन्य अंगों जैसे गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब तक पहुंच सकता है। जिसकी वजह से पीआईडी जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के लक्षण (Symptoms of Pelvic Inflammatory Disease)
महिलाओं को पीआईडी की समस्या होने पर शरीर में निम्न लक्षण दिख सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
- पेट या पीठ के निचले हिस्से में अत्यधिक दर्द होना
- बार-बार बुखार आना
- योनि का द्रव असामान्य रंग का होना
- योनि के द्रव से गंध आना।
- अधिक ठंड लगना
- शारीरिक संबंध के बाद ब्लड निकलना
- शारीरिक संबंध बनाते समय दर्द होना
- पेशाब करते समय दर्द होना
- शरीर में थकान महसूस होना।
- पेशाब बार-बार आना
- भूख न लगना
- पीरियड क्रैम्प्स
- पीरियड्स में काफी रक्त बहना
- मतली और उल्टी होना।
- पीरियड का स्किप होना।
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पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से बचने के उपाय (Prevention Tips for Pelvic Inflammatory Disease)
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज जैसी गंभीर समस्या से बचाव के लिए आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना है। ऐसे में आप इस गंभीर बीमारी से बच सकेंगे। चलिए जानते हैं उन मुख्य बिंदुओं को-
- सुरक्षित यौन सबंध बनाएं। ऐसे में आप पीईडी जैसी बीमारी से बच सकेंगे।
- एक से अधिक पार्टनर के साथ यौन सबंध न बनाएं।
- संबंध बनाने से पहले एसटीआई की जांच कराएं। ताकि पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से बचाव किया जा सके।
- शारीरिक संबंध बनाते वक्त कंडोम का इस्तेमाल करें। ऐसे में आप यह बीमारी होने से रोक सकते हैं।
- 24 से अधिक वर्ष की महिलाओं को हर साल क्लैमाइडिया और गोनोरिया की जांच कराते रहना चाहिए, ताकि वह इस खतरनाक बीमारी से बच सकें।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का इलाज (Treatment of Pelvic Inflammatory Disease)
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज की हल्की स्थिति होने पर डॉक्टर आपको कुछ सप्ताह के लिए एंटीबायोटिक दवा दे सकते हैं। हल्की स्थिति होने पर भी डॉक्टर से बीच-बीच में संपर्क करते रहें। गंभीर स्थिति होने पर डॉक्टर आपको कुछ समय के लिए हॉस्पिटल में एडमिट भी करवा सकते हैं। गंभीर स्थिति होने पर मरीज को पहले इंट्रावेनस थेरेपी यानि नस के माध्यम से एंटीबायोटिक दवाई दी जा सकती है। इसके बाद स्थिति में सुधार होने पर डॉक्टर गोलियां खाने के लिए दे सकते हैं।
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