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चश्मे का नंबर जल्दी-जल्दी बढ़ रहा है? जानें इसके 5 कारण और बचाव के उपाय

आपके चश्‍मे का नंबर भी बार-बार बदल जाता है तो जानें क्‍या हैं इसके कारण और बचाव के उपाय  
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चश्मे का नंबर जल्दी-जल्दी बढ़ रहा है? जानें इसके 5 कारण और बचाव के उपाय


चश्‍मे के नंबर बढ़ने के क्‍या लक्षण होते हैं? चश्‍मे का नंबर बढ़ने के कारण कई लक्षण नजर आ सकते हैं जैसे आंखों का लाल होना, आंखों में भारीपन की समस्‍या, स‍िर में दर्द होना, इंद्रधनुषी रंग नजर आना, रौशनी धीरे-धीरे कम होना आद‍ि। चश्‍मे का नंबर बदलने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल, डायब‍िटीज की समस्‍या आद‍ि। इस लेख में हम चश्‍मे का नंबर जल्‍दी-जल्‍दी बदलने के कारण और बचाव के उपाय पर चर्चा करेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की। 

eye disease in hindi

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1. ग्‍लूकोमा (Glaucoma)

ग्‍लूकोमा के कारण भी आंखों की पॉवर जल्‍दी-जल्‍दी बदल सकती है। ग्लूकोमा की बीमारी होने पर आंखों की रौशनी को नुकसान पहुंचता है। इसका इलाज करने के ल‍िए डॉक्‍टर दवा, आई ड्रॉप, लेजर आद‍ि की मदद लेते हैं। ग्‍लूकोमा को ह‍िन्‍दी में काला मोत‍िया या काला पानी के नाम से भी जाना जाता है। इसे रोकने के ल‍िए न‍ियम‍ित जांच जरूरी है। 

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2. अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल (Unhealthy lifestyle)

अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल के कारण भी आंखों की रौशनी कमजोर हो सकती है। आपको आंखों को स्‍वस्‍थ्‍य रखने के ल‍िए कंप्‍यूटर पर काम करते समय ब्रेक लेना चाह‍िए। वर्क फ्रॉम होम के चलते लोग अब लैपटॉप स्‍क्रीन को ज्‍यादा समय देते हैं ज‍िसके कारण उनकी आंखें कमजोर होने लगती हैं इसल‍िए आपको हर 20 म‍िनट में 20 सैकेंड के ल‍िए 20 फीट दूर देखना चाह‍िए, इसे हम 20-20-20 रूल (20-20-20 rule in hindi) कहते हैं।    

3. उम्र बढ़ना (Age factor)

अगर आपकी उम्र बढ़ रही है तो भी आपके चश्‍मे का नंबर तेजी से बदल सकता है। जब आप 40 की उम्र पार कर लेते हैं तो आपको सामान्‍य से ज्‍यादा रौशनी की जरूरत होती है ताक‍ि आप पढ़ सकें। आपको पढ़ने और ल‍िखने के ल‍िए भी नजदीक से देखना पड़ता है। उम्र बढ़ने के साथ आई चेकअप जरूरी हो जाता है ताक‍ि आंखों से जुड़ी बीमार‍ी (eye diseases in hindi) का पता लगाया जा सके। 

4. डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic retinopathy)

 eye disease

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डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic retinopathy in hindi) की समस्‍या के चलते आंखों के पर्दे को नुकसान होता है और नंबर तेजी से बदलने लगता है। डायब‍िट‍िक रेट‍िनोपैथी के इलाज के ल‍िए लेजर तकनीक की मदद ली जाती है। आपको आंखोंं की समस्‍या से बचने के ल‍िए ब्‍लड शुगर लेवल कंट्रोल रखने के तरीके भी आजमाने चाह‍िए ताक‍ि आपकी आंखों की रौशनी कम न हो।    

5. एलर्जी (Allergy)

अगर आपको क‍िसी दवा से एलर्जी है तो आपके चश्‍मे का नंबर जल्‍दी-जल्‍दी बदल सकता है। कई बार दमा की दवा या स्‍टेराइड का सेवन या कॉट‍िजोन आद‍ि दवा के कारण आंखों पर बुरा प्रभाव पढ़ता है और आंखें कमजोर होने लगती हैं। अगर आपके साथ भी ऐसी समस्‍या है तो आपको डॉक्‍टर से संपर्क करना चाह‍िए। इसके अलावा आंखों में चोट लगने के कारण भी आंखों की पॉवर जल्‍दी-जल्‍दी बदलने लगती है।   

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चश्‍मे का नंबर जल्‍दी बदलने की समस्‍या से कैसे बचें? (How to prevent frequent change in eye power)

चश्‍मे का नंबर बदलने के कारण हो सकते हैं, अगर आप उस कारण का पता लगा लें तो आगे चश्‍मे का नंबर बदलने से रोक सकते हैं। चश्‍मे का नंबर जल्‍दी-जल्‍दी न बढ़े इसके ल‍िए कुछ आसान उपाय अपना सकते हैं जैसे- समय-समय पर आंखों की जांच करवाते रहना, इससे आपको पता चलेगा क‍ि आंख में कोई बीमारी तो नहीं है और समय रहते उसका इलाज हो सकेगा। उम्र बढ़ना और बीमारी होना दो मुख्‍य कारण ज‍िनके चलते चश्‍मे का नंबर जल्‍दी-जल्‍दी बदलता है इसके ल‍िए आपको ताजी सब्‍ज‍ियां और फलों का सेवन करना चाह‍िए ताक‍ि जरूरी व‍िटाम‍िन और म‍िनरल शरीर को म‍िल सकें। इसके साथ ही आपको व‍िटाम‍िन ए युक्‍त चीजों का भी सेवन करना चाह‍िए।

चश्‍मे का नंबर जल्‍दी बदलने की समस्‍या होने पर डॉक्‍टर से म‍िलें और इलाज के साथ-साथ हेल्‍दी डाइट और एक्‍सरसाइज का पालन करते रहें।

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