How to Know if Child Needs Eye Glasses: आंखों के बिना सही ढंग से जीवन जीना संभव नहीं है। बचपन से ही बच्चों की आंखों पर गौर करना चाहिए। मैं अपना उदाहरण दूं, तो मेरी आंखें बचपन से ही कमजोर थीं। स्कूल में मुझे अपनी डेस्क से ब्लैकबोर्ड नजर नहीं आता था। कभी इसका कारण समझ में नहीं आया और न ही कभी गौर किया। जब पहला आई चेकअप हुआ, तो डॉक्टर ने बताया कि मेरी आंखें तो बहुत कमजोर हैं और मुझे चश्मे की जरूरत है। मेरी ही तरह कई बच्चे होंगे जिन्हें अपने बचपन में चश्मे की जरूरत होगी लेकिन उन्हें इसके बारे में पता नहीं चल पाता। इस लेख में आपको बताएंगे कि माता-पिता यह कैसे जान सकते हैं कि उनके बच्चे को चश्मे की जरूरत है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने दुर्गा सहाय नर्सिंग होम, यूपी बिजनौर के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ विनीत माथुर से बात की।
बच्चे को क्यों पड़ती है आई ग्लासेज की जरूरत?- Why Your Child Need Glasses
अगर आपके बच्चे की आंखें कमजोर हैं, तो इसका बुरा असर उसकी सेहत और पढ़ाई पर भी पड़ सकता है। डॉक्टर विनीत की मानें, तो बच्चों में विजुअल डेवल्पमेंट की उम्र शुरुआती 7 से 8 साल तक होती है। कुछ बच्चों को विजुअल डेवल्पमेंट के लिए आई ग्लासेज की जरूरत पड़ती है। बच्चे की आंखें कमजोर हो जाती हैं इसलिए उसे आई ग्लासेज की जरूरत पड़ती है। कुछ बच्चों की आंख की पोजिशन इंप्रूव करने के लिए भी चश्मे की जरूरत होती है।
कैसे पता चलेगा बच्चे को आई ग्लासेज की जरूरत है?- How to Know if Child Needs Eye Glasses
- अगर आपका बच्चा खेलते समय दूर से आ रही बॉल या वस्तु को नहीं देख पा रहा है, तो यह उसकी आंखें कमजोर होने का लक्षण हो सकता है।
- टीवी को ज्यादा करीब से देखने की आदत भी यह बताती है कि बच्चे की आंखें कमजोर होने लगी हैं।
- आंखों को जोर से रब करने की आदत है, तो यह आई इरिटेशन या आंख में पानी आने से हो सकता है। ऐसा लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- अगर बच्चे को आंख या सिर में दर्द हो रहा है, तो यह आंख कमजोर होने का लक्षण हो सकता है।
बच्चे की आंखों को कमजोर होने से कैसे बचाएं?- How to Protect Child's Eye Vision
- बच्चे की आंखों को कमजोर होने से बचाना चाहते हैं, तो समय पर आंखों का चेकअप करवाएं।
- अगर बच्चा पहले से चश्मा पहनता है, तो गौर करें कि उसमें स्क्रैच न हो, समय-समय पर आंखों का चश्मा बदलते रहना भी जरूरी है।
- बच्चे की आंखों को स्वस्थ रखने के लिए उसकी डाइट में विटामिन-ए, विटामिन-बी1, बी2, बी3, बी6 और बी12 को शामिल करें।
- बच्चे की आंख से संबंधित असामान्य लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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