शरीर में कई कारणों से दर्द हो सकता है। ग्रोइन का दर्द भी किसी तरह की चोट की वजह से हो सकता है। दरअसल, पेट के निचला हिस्सा यानी पेडू (पेल्विक एरिया) और जांघों केि बीच के हिस्सो को ग्रॉइन कहा जाता है। कई बार लोगों को ज्यादा चलने के कारण भी इस हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। इसके अलावा, ग्रोइन की मांसपेशियों में मोच आने के कारण भी इस हिस्से में दर्द हो सकता है। इस तरह के दर्द को ग्रोइन पुल के नाम से जाना जाता है। सफरजंग के पूर्व सीनियर फिजीशियन डॉक्टर विनोद कुमार के अनुसार ग्रोइन पेन कई कारण से हो सकता है। आगे जानते हैं इसके कारण और बचाव के कुछ उपाय।
ग्रोइन पेन के कारण - Groin Pain Causes In Hindi
मांसपेशियों में खिंचाव
ग्रोइन में दर्द के कारणों में मांसपेशियों में खिंचाव को शामिल किया जाता है। यह खिंचाव अचानक हो सकता है। ज्यादातर फुटबॉल और बास्केटबॉल के खिलाड़ियों को ग्रोइन में खिंचाव महसूस हो सकता है। अधिक खेलने से पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है।
हर्नियास- Hernia
हर्निया तब होता है जब कोई अंग या टिश्यू पेट से बाहर निकल आता है। इस वजह से भी व्यक्ति को ग्रोइन में दर्द महसूस हो सकता है। यह समस्या पुरुषों को होती है। भारी वजन उठाना व लगातार खांसी की वजह से हार्निया हो सकता है।
कूल्हे की चोट - Hip Injury
हिप इंपिंगमेंट को फेमोरोएसेटाबुलर इंपिंगमेंट (एफएआई) के रूप में भी जाना जाता है। इसमें कूल्हे के जोड़ पर कई तरह की समस्या हो सकती है। ऐसे में ग्रोइन में दर्द हो सकता है। इसमें कूल्हे की चोट, कूल्हे की हड्डी में दर्द और फड़कना ग्रोइन में दर्द हो सकता है।
ओस्टाइटिस प्यूबिस - Osteitis Pubis
दरअसल, कुछ तरह के खेलों के कारण पेल्विक एरिया पर दबाव पड़ता है। जब खिलाड़ी दौड़ते हैं या किक करते हैं तो इससे पेल्विक हड्डियों पर दबाव पड़ता है और इसकी वजह से सूजन हो सकती है। इस स्थिति को ही ओस्टाइटिस प्यूबिस कहा जाता है।
ग्रोइन में दर्द से बचाव कैसे करें - Prevention Tips Of Groin Pain in Hindi
वार्म-अप और स्ट्रेचिंग
शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने से पहले आप वार्म-अप के लिए समय जरूर निकालें। दरअसल, वॉर्म अप से आप शरीर को अधिक कार्य करने के लिए तैयार कर सकते हैं। इससे मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं और ग्रोइन में दर्द कम होता है।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
ऐसे खेल जिसमें शारीरिक बल की आवश्यकता होती है, उनके लिए आपको स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे मांसपेशियों पर दबाव नहीं पड़ता है। साथ ही, शारीरिक गतिविधियों के समय मांसपेशियों में तनाव और चोट का जोखिम कम हो जाता है।
स्वस्थ वजन बनाए रखें
स्वस्थ वजन बनाए रखने से जोड़ों और मांसपेशियों पर तनाव कम हो जाता है, जिससे ग्रोइन में दर्द का खतरा कम हो जाता है। अपने शरीर के वजन को कंट्रोल करें। वजन को कंट्रोल करने के लिए डाइट में बदलाव करें और नियमित एक्सरसाइज करें।
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ग्रोइन पेन को कम करने के लिए आप प्रोटीन युक्त आहार का सेवन कर सकते हैं। ग्रोइन में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मांसपेशियों में खिंचाव से लेकर हर्निया या कूल्हे में चोट आदि को शामिल किया जाता है। मोटापे को कम कर आप ग्रोइन में दर्द को कम कर सकते हैं। अगर, ज्यादा दर्द महसूस हो तो ऐसे में आप डॉक्टर से संपर्क करें।