इन दिनों दिन भर तेज धूप और उमस के बाद अचानक शाम होते ही तेज बारिश शुरू हो जाती है। ऐसा अक्सर होता है कि लोग घर से निकलते समय मौसम साफ देखकर बाहर निकलते हैं, लेकिन लौटते वक्त उन्हें भीगते हुए या गंदे पानी में चलकर घर आना पड़ता है। शहरों की सड़कों पर जलभराव आम समस्या बन चुकी है, जिससे लोग मजबूरी में सड़क पर जमा गंदे बारिश के पानी में चलने को विवश होते हैं। हालांकि बारिश में भीगना बहुतों को अच्छा लगता है, लेकिन गंदे पानी में चलना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। यह पानी अक्सर कीचड़, कचरा, नाली का पानी और इंफेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया व फंगस से भरा होता है।
जब हम इन जलभराव वाली सड़कों पर चलते हैं, तो पैरों की स्किन, नाखून को इससे काफी नुकसान हो सकता है। इससे फंगल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन, डर्माटाइटिस और यहां तक कि कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए अगर आप भी मानसून के इस मौसम में बाहर निकलते हैं और भरे हुए पानी में चलकर ऑफिस या घर पहुंचते हैं, तो आपको इसके स्वास्थ्य संबंधी खतरे जरूर जानने चाहिए। इस लेख में एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से जानिए, गंदे बारिश के पानी से पैरों को होने वाले नुकसान क्या होते हैं?
गंदे बारिश के पानी से पैरों को होने वाले नुकसान - Foot Problems Due To Dirty Rain Water
1. फंगल इंफेक्शन - Fungal Infection
बारिश के मौसम में सबसे आम समस्या फंगल इंफेक्शन की होती है, जो खासकर पैरों में तेजी से फैलता है। जब आप गंदे पानी में लंबे समय तक चलते हैं या आपके पैर गीले रहते हैं, तो यह नमी फंगस को पनपने का सबसे अनुकूल वातावरण देती है। इसके कारण स्किन पर लालिमा या खुजली, अंगुलियों के बीच सफेद पपड़ीदार स्किन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बचाव
- बारिश में भीगने के बाद पैरों को तुरंत साबुन से धोएं और सुखाएं।
- कॉटन या एंटीफंगल पाउडर का उपयोग करें।
- यदि इंफेक्शन बढ़ जाए तो डॉक्टर से परामर्श लें।
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2. बैक्टीरियल इंफेक्शन - Bacterial Infection
सड़क पर भरे बारिश के गंदे पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया स्किन के छोटे घावों या कट के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इससे गंभीर इंफेक्शन हो सकता है जो कभी-कभी फोड़े-फुंसी जैसी समस्याओं का कारण बनता है।
बचाव
- पैरों में कोई चोट या कट है तो उसे ढक कर रखें।
- गंदे पानी से संपर्क के बाद एंटीसेप्टिक से पैर साफ करें।
- इंफेक्शन होने पर घरेलू इलाज के बजाय तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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3. ट्रेंच फुट - Trench Foot
बारिश के गंदे पानी से ट्रेंच फुट जैसी समस्या भी हो सकती है, यह समस्या तब होती है जब आपके पैर लंबे समय तक नमी में रहते हैं। यह समस्या खासकर उन लोगों को होती है जो पानी में लगातार चलते रहते हैं और उनके जूते-पैर गीले रहते हैं।
बचाव
- हमेशा सूखे और साफ मोजे पहनें।
- बारिश के गंदे पानी में लंबे समय तक चलने से बचें।
4. नाखूनों में इंफेक्शन - Nail Infection
नमी के कारण नाखूनों में फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जिससे नाखून पीले, मोटे या बदरंग हो सकते हैं। यह इंफेक्शन धीरे-धीरे पूरे नाखून को खराब कर सकता है।
बचाव
- नियमित रूप से नाखूनों की सफाई करें।
- खुले चप्पल या सैंडल की बजाय बंद और वाटरप्रूफ शूज़ पहनें।
- एंटीफंगल क्रीम या मेडिकेटेड फुट पाउडर का उपयोग करें।
5. डर्माटाइटिस - Dermatitis
गंदे पानी में पाए जाने वाले केमिकल्स और एलर्जन से स्किन में एलर्जी या डर्माटाइटिस हो सकता है। यह विशेष रूप से सेंसिटिव स्किन वाले लोगों में ज्यादा होता है।
बचाव
- गंदे पानी से बचने की कोशिश करें या वाटरप्रूफ फुटवियर पहनें।
- पैरों को मॉइश्चराइज़ रखें।
- त्वचा पर एलर्जी होने पर तुरंत त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करें।
निष्कर्ष
गंदे बारिश के पानी में चलना जितना साधारण लगता है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। खासकर शहरों में जलजमाव की स्थिति में यह खतरा और बढ़ जाता है। इसलिए बारिश के मौसम में पैरों की सफाई, सुरक्षा और देखभाल बेहद जरूरी है। वाटरप्रूफ जूते, एंटीसेप्टिक साबुन, सूखे मोजे जैसी छोटी-छोटी सावधानियां आपको बड़े नुकसान से बचा सकती हैं।
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