एथलीट फुट एक प्रकार का फंगल संक्रमण है जो आमतौर पर पैरों की त्वचा, खासकर उंगलियों के बीच में होता है। यह समस्या केवल खिलाड़ियों तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे बच्चों में भी देखी जाती है। खासकर जब बच्चे ज्यादा समय तक गीले मोजों या जूतों को पहने रखते हैं। साथ ही, बारिश के दौरान बच्चों के जूते व पैर अक्सर भीग जाते हैं। ऐसे में उनको पैरों में संक्रमण खुजली, जलन, छाले और लालिमा के रूप में दिखाई देते हैं। बच्चों की कोमल त्वचा पर इसका असर और भी अधिक परेशान कर सकता है। इस तरह की समस्या में आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। लेकिन, यदि लक्षण हल्के हो तो ऐसे में आप घरेलू उपायों को भी अपना सकते हैं। इसे लेख में यशोदा अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन डॉ दीपिक रूस्तगी से जानते हैं कि बच्चों में एथलीट फुट के कुछ घरेलू उपायों के बारे में।
एथलीट फुट के कारण - Athlete's Foot Causes In Hindi
- लंबे समय तक पैरों में नमी रहना
- गंदे या पसीने से भरे जूते-मोजे पहनना
- स्विमिंग पूल, बाथरूम या जिम जैसी जगहों पर नंगे पैर चलना
- फंगल संक्रमण वाले किसी व्यक्ति के कपड़े या जूते इस्तेमाल करना, आदि।
बच्चों में एथलीट फुट से राहत के लिए घरेलू उपाय - Home Remedies For Athlete's Foot In Children In Hindi
अब जानते हैं कि बच्चों में एथलीट फुट से राहत दिलाने के लिए कौन-कौन से घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं।
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नीम की पत्तियां
नीम एक प्राकृतिक एंटीफंगल एजेंट है। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी को ठंडा करके पैरों को 15-20 मिनट तक उसमें भिगोने से संक्रमण कम हो सकता है। यह उपाय दिन में दो बार करें।
सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)
सेब का सिरका एंटीफंगल गुणों से भरपूर होता है और फंगस के विकास को रोकने में मदद करता है। इसका उपयोग करने के लिए आप चार लीटर पानी में करीब छह से आठ चम्मच सेब का सिरका मिलाएं। इसके बाद पैरों को इस पानी में करीब 10 से 15 मिनट भिगाएं। इसके बाद पैरों को सूखा लें।
बेकिंग सोडा का प्रयोग
बेकिंग सोडा त्वचा की नमी को कम करता है और फंगल संक्रमण को बढ़ने से रोकता है। इसके उपयोग के लिए आप बेकिंग सोडा और थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। सूखने के बाद गुनगुने पानी से धो लें और दोबारा से पैरों को सूखा लें। इसके अलावा, जूतों में थोड़ा बेकिंग सोडा छिड़कें ताकि नमी और बदबू दूर हो।
लहसुन का तेल या पेस्ट
लहसुन में "एजोइन" नामक तत्व होता है जो एंटीफंगल गुणों से भरपूर होता है। इसके इस्तेमाल के लिए आप 2-3 लहसुन की कलियों को पीसकर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को संक्रमित जगह पर 10-15 मिनट के लिए लगाएं। फिर गुनगुने पानी से धोकर पैरों को सुखा लें। अगर जलन महसूस हो तो तुरंत हटा दें और डॉक्टर से संपर्क करें।
टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)
टी ट्री ऑयल प्राकृतिक एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक है। यह खुजली और जलन से राहत दिलाता है। इसका उपयोग करने के लिए आप एक चम्मच नारियल तेल में करीब 2-3 बूंदें टी ट्री ऑयल मिलाएं। दिन में दो बार प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
नारियल तेल
नारियल तेल में लॉरिक एसिड होता है जो बैक्टीरिया और फंगस से लड़ता है। बच्चों के लिए यह बहुत ही सुरक्षित और कोमल उपाय है। इसके इस्तेमाल से पहले पैरों को धोकर सूखा लें और फिर प्रभावित हिस्से पर नारियल तेल लगाएं।
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बारिश या गर्मी के दिनों में बच्चों के मेजों को रोजाना बदलें। इसके अलावा, बाहर की गंदगी बच्चे को पैरों में इंफेक्शन कर सकती है। ऐसे में आप बच्चे को बाहर से आने के बाद पैरों को साफ से धोने की आदत डालें। बच्चे को सूती मोजे पहनाएं और बाहर जाने से पहले उसके पैरों को कवर करने वाली चप्पल या जूते पहनाएं। यदि, इंफेक्शन एक सप्ताह से अधिक रहता है तो ऐसे में घरेलू उपायों की जगह पर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
FAQ
पैरों में फंगल इन्फेक्शन होने पर क्या करना चाहिए?
पैरों में फंगल इन्फेक्शन होने पर त्वचा रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना होता है। डॉक्टर फंगस की स्थिति के आधार पर उपचार शुरू करते हैं।फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने का सबसे तेज़ तरीका क्या है?
हाथ पैरों में फंगल इंफेक्शन दिखाई देने पर आप नारियल और लहसुन के तेल को उबालकर ठंडा होने पर लगाएं। इससे शुरुआती दौर के फंगल इंफेक्शन में आराम मिल सकता है।