Common Skin Rashes in Children: छोटे बच्चों की त्वचा बहुत ही नाजुक और संवेदनशील होती है। नाजुक होने के कारण ही बच्चों की त्वाच पर घमौरियां, रैशेज, स्किन इरिटेशन और दानें जैसे स्किन रैशेज की समस्या होने की संभावना ज्यादा रहती है। बच्चों को स्किन रैशेज की समस्या होने पर खुजली, जलन होती है, जिसकी वजह से बहुत ज्यादा रोते हैं। कई बार खुजली की समस्या के कारण बच्चों का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि बच्चों को स्किन रैशेज की समस्या एक नहीं होती है, बल्कि कई तरह की होती है। खास बात यह है कि हर स्किन रैशेज के लक्षण भी अलग होते हैं और इससे बचाव के उपाय भी। डॉ. तरुण आनंद ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करके बच्चों को होने 5 कॉमन स्किन रैशेज के लक्षण और बचाव के उपाय के बारे में जानकारी दी है। आज इस लेख में हम इसी विषय पर बात करने वाले हैं।
1. एक्जिमा (एटोपिक डर्मेटाइटिस)- Eczema (Atopic Dermatitis)
एक्जिमा से पीड़ित बच्चों की त्वचा बहुत खुरदरी, चमड़े जैसी नजर आ सकती है। डॉ. तरु आनंद का कहना है कि बच्चों की कोहनी, घुटने और चेहरे पर लाल, खुजली वाले धब्बे अगर नजर आते हैं, तो यह एक्जिमा स्किन प्रॉब्लम के कारण हो सकते हैं। बच्चों को एक्जिमा होने पर उनकी त्वचा पर कोमल साबुन का इस्तेमाल करें। खुरदरी त्वचा पर खुजली व जलन को शांत करने के लिए मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें।
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2. हीट रैशेज (प्रिकली हीट)- Heat Rash (Prickly Heat)
हीट रैशेज की समस्या अक्सर गर्मी और नम दोनों ही मौसम में देखी जाती है। छोटे बच्चों को हीट रैशेज तब होते हैं जब पसीना त्वचा में फंस जाता है। इसके लक्षण छोटे छालों से लेकर गहरी, सूजन वाली गांठों हैं। हीट रैशेज के कारण होने वाले दानों की वजह से खुजली व जलन की समस्या होती है। हीट रैशेज के कारण होने वाली समस्या से बच्चों को राहत दिलाने के लिए ठंडे पानी से नहलाएं। हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम और पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही, हीट रैशेज होने पर अपने बच्चे को हल्के, हवादार कपड़े पहनाएं और उसके आसपास का वातावरण ठंडा रखें।
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3. डायपर रैश- Diaper Rash
डॉ. तरुण आनंद की मानें तो जो पेरेंट्स बच्चों को बिना गाइडलाइन फॉलो किए डायपर पहनाते हैं, उन्हें डायपर रैशेज (Diaper Rash) का खतरा ज्यादा होता है। डायपर रैशेज होने पर बच्चों की त्वचा पर जलन और खुजली की समस्या देखी जाती है। डायपर रैशेज से बच्चों को बचाने के लिए डायपर को बार-बार बदलें, बैरियर क्रीम का इस्तेमाल करें और बच्चों की त्वचा को ज्यादा से ज्यादा संपर्क बनाने दें।
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4. पित्ती- Hives
एलर्जी या वायरल संक्रमण के कारण होने वाले उभरे हुए, खुजली वाले दानों को पित्ती (What is Hives) कहा जाता है। मौसम के बदलने पर बच्चों में पित्ती उछलने के मामले ज्यादा देखे जाते हैं। पित्ती उछलने पर बच्चे की त्वचा पर एंटीहिस्टामाइन का इस्तेमाल करें।
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5. चिकनपॉक्स- Chickenpox
चिकनपॉक्स की समस्या किसी भी उम्र के बच्चे हो सकती है। यह एक संक्रामक बीमारी है जिसे वैरिसेला भी कहा जाता है। चिकनपॉक्स की समस्या होने पर बच्चों की त्वचा पर लाल दाने और उभरे हुए घाव नजर आते हैं। चिकनपॉक्स (Chickenpox) से पीड़ित बच्चे को लंबे समय तक बुखार और सर्दी-जुकाम की समस्या देखी जाती है। डॉक्टर के अनुसार, चिकनपॉक्स जैसा स्किन रैश होने पर बच्चा खाने-पीने में परेशानी महसूस कर सकता है। आमतौर चिकनपॉक्स होने पर बच्चे को किसी तरह की दवाई नहीं दी जाती है, लेकिन लाल दानों और खुजली से राहत दिलाने के लिए कैलामाइन लोशन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
डॉ. तरुण आनंद न्यू पेरेंट्स को सलाह देते हैं कि बच्चों को होने वाली कोई भी स्किन रैशेज की समस्या 5 दिनों से ज्यादा रहती है, तो इस विषय पर बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ से बात करें।
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