मां बनना महिलाओं का सौभाग्य माना जाता है पर कई महिलाएं भी हैं जिनको मां बनने से डर लगता है। ये एक तरह की मानसिक समस्या है जिसे डॉक्टर कई महिलाओं में पाते हैं। प्रेग्नेंसी का भय या बच्चा खो जाने का डर सताना कोई आम बात नहीं है इसका कारण मानसिक बीमारी या पुराने अनुभव हो सकते हैं, ऐसी महिलाओं को डॉक्टर साइकोलॉजिस्ट से मिलने की सलाह देते हैं। अगर आपको भी प्रेग्नेंसी से डर लगता है तो इसका कारण और उपाय जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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1. प्रेग्नेंसी में या डिलीवरी के दौरान दर्द (Fear of pain)
कई महिलाओं को दर्द का फोबिया होता है इसलिए उन्हें प्रेग्नेंसी से डर लगता है क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला को कई शारीरिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है और साथ ही डिलीवरी के दौरान उसे भयंकर दर्द की कल्पना से ही कई महिलाएं डर जाती हैं। डॉ सीमा के मुताबिक हमारे पास कई ऐसे केस आते हैं जिसमें महिलाएं प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले इस बात की पुष्टि करती हैं कि उन्हें कितना पेन होगा ताकि वो तय कर सकें कि उन्हें बच्चे को जन्म देना है या नहीं।
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2. प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली समस्याएं (Fear of pregnancy complications)
प्रेग्नेंसी में कई तरह की शारीरिक बाधाएं आती हैं जैसे ब्लीडिंग, जेस्टेशनल डायबिटीज, एनीमिया, मिसकैरेज आदि। जो महिलाएं खुद को लेकर ज्यादा चिंतित होती है उन्हें भी मां बनने से डर लगता है क्योंकि उनके मुताबिक मां बनने के लिए उन्हें ढेरों समस्याओं से गुजरना होगा जबकि ऐसा नहीं है। अगर आप हेल्दी हैं और हेल्दी रूटीन फॉलो कर रही हैं तो प्रेग्नेंसी के दौरान आपको किसी तरह की कोई शारीरिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रेग्नेंसी प्लान करन से पहले आप डॉक्टर से सभी जरूरी चेकअप करवाकर हेल्दी प्रेग्नेंसी सुनिश्चिंत कर सकती हैं।
3. पुराने अनुभव का डर (Fear of previous loss)
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अगर कोई महिला मिसकैरेल या इमरजेंसी सीजेरियन आदि से गुजर चुकी है तो ऐसा हो सकता है कि उसे दोबारा प्रेग्नेंसी प्लान करने से डर लगे। ऐसी महिलाओं की काउंसलिंग जरूरी होती है। अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ घटित हुआ है तो पुरानी बातों को छोड़ आप एक हेल्दी रूटीन फॉलो करें, जरूरी नहीं है कि पिछले अनुभव की तरह इस बार भी आपको परेशानी उठानी पड़े, आप जरूरी जांच से अपनी हेल्दी प्रेग्नेंसी प्लान कर सकती हैं, इसके अलावा हेल्दी डाइट, व्यायाम, काउंसलिंग सेशन्स लेती रहें।
4. गलत जानकारी (Misleading information)
बहुत सी महिलाओं को प्रेग्नेंसी होने तक इस स्टेज के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है, जैसा उनके परिजन या अन्य सदस्य बता देते हैं वो उसी को सच मान लेती हैं, इसके अलावा टीवी या सीरियल में भी भ्रमक बातों का प्रचार होता है जिसका बुरा असर महिला की सोच पर पड़ता है और उसे प्रेग्नेंसी से भय होता है पर ये स्टेज आपके शरीर के लिए जरूरी है, डॉक्टर्स के मुताबिक जो महिलाएं प्रेग्नेंसी की स्टेज से गुजरती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कम होता है, प्रेग्नेंसी के कई फायदे हैं जो आपको डॉक्टर से जानने चाहिए।
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5. टोकोफोबिया (Tokophobia)
टोकोफोबिया एक तरह की भावनात्मक समस्या है जिसमें महिला को लगता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान उसको या उसके बच्चे की जान को खतरा हो सकता है हालांकि ये फोबिया गर्भवती महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है पर इसमें भी महिला को लेबर प्रोसेस या प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली हल्की सी समस्या से भी डर लगता है। ऐसी महिलाओं को काउंसलिंग की जरूरत होती है और उन्हें अकेला नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
अगर आपको भी प्रेग्नेंसी से डर लगता है तो काउंसलिंग सेशन लें, मेडिटेशन और योगा का सहारा लें। इसके अलावा हेल्दी डाइट, पानी और फारबर युक्त भोजन की पर्याप्त मात्रा, जांचें जरूरी कदम हैं जिन्हें जल्द से जल्द उठाया जाना चाहिए।
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