Fear Of Childbirth: क्‍या आपको भी सता रहा है बच्‍चे के जन्‍म को लेकर डर, जानें इस डर को कैसे करें कम

कुछ महिलाओं में बच्‍चे के जन्‍म को लेकर डर हो सकता है, जिसे टोकोफ़ोबिया के नाम से भी जाना जाता है। आइए यहां इस डर को दूर करने का तरीका जानें।
  • SHARE
  • FOLLOW
Fear Of Childbirth: क्‍या आपको भी सता रहा है बच्‍चे के जन्‍म को लेकर डर, जानें इस डर को कैसे करें कम


कहते हैं, एक के बच्‍चे के जन्‍म के दौरान एक तरह से मां का दूसरा जन्‍म होता है। मां, बनने के सुखद एहसास के साथ एक महिला अपने बच्‍चे को इस दुनिया में लाने के लिए प्रसव के दौरान काफी परेशानियों और असहनीय दर्द से गुजरती है। बच्‍चे को जन्‍म से पहले उसे 9 महीने में गर्भ में रखने से लेकर प्रसव तक महिला में कई शारीरिक, मानसिक और भावनात्‍मक बदलाव आते हैं। जैसे-जैसे एक महिला अपने प्रसव के करीब आती है, तो वह घबराहट, चिंता और डर महसूस कर सकती है। अगर आप एक मां हैं, तो आप इस बात को भली-भांति समझ सकती हैं। ऐसा इसलिए कि बच्‍चे के जन्‍म को लेकर यह डर, चिंता और घबराहट हर महिला के मन में होती है, बस फर्क इतना है कि किसी के साथ यह ज्‍यादा, तो किसी के साथ कम होता है।  

Fear Of Childbirth

क्‍यों होता है बच्‍चे के जन्‍म को लेकर डर या टोकोफ़ोबिया  

बच्‍चे के जन्‍म को लेकर सताने वाले डर को टोकोफ़ोबिया के नाम से भी जाना जाता है।  इसमें पहली बार मां बनने से लेकर दूसरी बार मां बनने वाली महिलाएं हर कोई शामिल है। कुछ महिलाओं में इस डर की वजह बच्‍चे के स्‍वस्‍थ और उसकी भलाई को लेकर हो सकता है, जबकि कुछ महिलाओं में यह प्रसव पीड़ा को लेकर डर हो सकता है। हालांकि एक माता-पिता के लिए अपने आने वाले बच्‍चे के जन्‍म को लेकर चिंता करना सामान्‍य बात है, लेकिन एक गर्भवती महिला के लिए ये डर कभी-कभी चिंता सहित अन्‍य मानसिक बीमारियों  को जन्म दे सकता है। यह अनुमान लगाया गया है कि 15 से 20% गर्भवती महिलाएं प्रसव के समय और प्रसवोत्तर अवधि 11% से 17% चिंता का अनुभव करती हैं। आइए यहां हम आपको बताते हैं कि बच्‍चे के जन्‍म को लेकर होने वाली इस चिंता को कैसे कम किया जा सकता है। 

इसे भी पढ़ें: गर्भवती महिलाओं में हो सकता है हर्निया का खतरा, जानें क्‍या हैं इसके जोखिम कारक और बचाव के टिप्‍स

टोकोफ़ोबिया के कारण

  • पहली बार मां बनना 
  • आईवीएफ के बाद गर्भधारण 
  • पिछले प्रसव का बुरा अनुभव
  • गर्भपात
  • पोस्टपार्टम डिप्रेशन
  • इमोशनल सर्पोट न होना आदि। 

क्‍यों होता है बच्‍चे के जन्‍म को लेकर डर या टोकोफ़ोबिया को कैसे करें कम 

यहाँ बच्चे के जन्म के बारे में होने वाली घबराहट, चिंता और डर को कम करने के कुछ तरीके बताए गए हैं: 

  • गर्भवती होने पर कोशिश करें कि अपने दिमाग को नकारात्मक विचारों से बचाएं और अच्‍छा सोचें और खुश रहें। 
  • प्रसव के बारे में चिंतित महसूस होने पर उस बारे में नेगेटिव अनुभवों को सुनने और पढ़ने से भी बचें। क्‍योंकि ये आपके डर को बढ़ा सकते हैं।  
  • दूसरों के बुरे अनुभवों को सुनने या दूसरों की राय लेने के बजाय एक हेल्‍थ एक्‍सपर्ट से सलाह लें। आप डॉक्‍टर से अपने मन के डर को दूर करने की कोशिश करें।  

इसे भी पढ़ें: गर्भवती हैं और कब्‍ज से हैं परेशान? तो जानें प्रेगनेंसी में कब्‍ज का कारण और इससे राहत पाने के उपाय 

Labour or Pregnancy Anxiety

  • यदि आपको प्रसव की पीड़ा का डर सताता है, तो आप सीजेरियन डिलीवरी या सी-सेक्‍शन का विचार बिलकुल न बनाएं। क्‍योंकि सामान्‍य प्राकृतिक डिलिवरी सबसे सुरक्षित है, लेकिन अगर आप फिर भी डर रहे हों, तो आप वाटर बर्थ का विचार कर सकते हैं। यह सुरक्षित और दर्दरहित डिलीवरी का विकल्‍प है। 
  • इसके अलावा, आप अच्‍छे खानपान और स्‍वस्‍थ जीवनशैली को अपनाएं, यह आपके प्रसव से जुड़े डरों को दूर करने में मदद करेगा। क्‍योंकि स्‍वस्‍थ खानपान स्‍वस्‍थ बच्‍चे और दर्दरहित डिलीवरी दोनों से जुड़ा है। 

Read More Article On Women's Health In Hindi 

Read Next

World Breastfeeding Week 2020: अगर आप है डायबिटीक, तो स्तनपान के दौरान ध्यान रखें यह बातें

Disclaimer