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कैंसर को लेकर अब भी फैली हैं ये 6 गलतफहमियां, डॉक्टर से जानें क्या है सच

आज भी कैंसर का नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों के मन में डर और निराशा पैदा होती है। इस डर का एक बड़ा कारण है, कैंसर को लेकर फैली कई गलतफहमियां और अधूरी जानकारियां।
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कैंसर को लेकर अब भी फैली हैं ये 6 गलतफहमियां, डॉक्टर से जानें क्या है सच

हर साल नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे (National Cancer Awareness Day) मनाने का उद्देश्य लोगों में कैंसर को लेकर जागरूकता बढ़ाना है, ताकि डर और गलतफहमियों के बजाय सही जानकारी लोगों तक पहुंचे। आज भी कैंसर के बारे में कई मिथ (Myths) और अफवाहें (Misconceptions) समाज में फैली हुई हैं, जो न सिर्फ डर बढ़ाती हैं बल्कि समय पर इलाज (Early Detection) में भी बाधा बनती हैं। यशोदा हॉस्पिटल, हैदराबाद के सीनियर कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और हेमेटो ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. सुमंथ कुमार मल्लुपट्टू बताते हैं, ''आज भी कई मरीज देर से अस्पताल आते हैं क्योंकि उन्हें कैंसर को लेकर गलत जानकारी दी जाती है। जबकि सच यह है कि कैंसर का इलाज (Cancer Treatment) अब पहले से कहीं अधिक प्रभावी और सुरक्षित हो चुका है।''

इसलिए इस नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे पर जरूरी है कि हम कैंसर से जुड़े मिथ बनाम फैक्ट (Cancer Myths vs Facts in Hindi) को समझें, नियमित जांच करवाएं और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर अपने जीवन की रक्षा करें। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, यशोदा अस्पताल, हैदराबाद के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और हेमेटो ऑन्कोलॉजिस्ट सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुमंत कुमार मल्लूपट्टू (Dr. Sumanth Kumar Mallupattu, Sr. Consultant Medical Oncologist & Haemato Oncologist, Yashoda Hospitals, Hyderabad) से बात की-

कैंसर के मिथ और फैक्ट - Cancer Myths Vs Facts

मिथ 1: कैंसर हमेशा आनुवंशिक (Hereditary Cancer) होता है।

फैक्ट: यह सबसे आम लेकिन गलत धारणा है। डॉ. सुमंथ बताते हैं, ''सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत कैंसर ऐसे होते हैं जो आनुवंशिक या जेनेटिक कारणों से होते हैं। बाकी 90 प्रतिशत कैंसर हमारी लाइफस्टाइल, खानपान और पर्यावरणीय कारणों से जुड़े होते हैं।'' यानि अगर परिवार में किसी को कैंसर हुआ है तो इसका मतलब यह नहीं कि आपको भी होगा। हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज, तंबाकू से दूरी और नियमित चेकअप से कैंसर का खतरा काफी हद तक घटाया जा सकता है।

मिथ 2: सर्जरी से कैंसर फैल जाता है।

फैक्ट: कई लोग मानते हैं कि कैंसर की सर्जरी कराने से रोग पूरे शरीर में फैल सकता है, जबकि यह एक पूरी तरह गलत धारणा है। डॉ. मल्लुपट्टू के अनुसार, ''कैंसर सर्जरी का उद्देश्य ट्यूमर को निकालना और बीमारी के प्रसार को रोकना होता है। सर्जरी कराने से कैंसर फैलता नहीं, बल्कि कंट्रोल में आता है।'' दरअसल, कैंसर के फैलने का कारण सर्जरी नहीं, बल्कि देरी से इलाज करवाना या ट्यूमर का पहले से शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच जाना होता है।

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मिथ 3: कैंसर का मतलब है मौत निश्चित।

फैक्ट: कई दशकों पहले यह धारणा सही मानी जाती थी, लेकिन अब नहीं। डॉ. सुमंथ बताते हैं, ''आज मेडिकल साइंस इतनी आगे बढ़ चुकी है कि कई प्रकार के कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकते हैं, बशर्ते उन्हें शुरुआती स्टेज पर पहचान लिया जाए।'' ब्रेस्ट कैंसर, थायराइड कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कुछ ल्यूकेमिया जैसी बीमारियां अब लंबे समय तक इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो जाती हैं। इसलिए समय पर पता चलना ही जीवन बचाने की कुंजी है।

मिथ 4: सिर्फ स्मोकर्स को ही लंग कैंसर होता है।

फैक्ट: धूम्रपान लंग कैंसर का सबसे बड़ा कारण जरूर है, लेकिन यह अकेला कारण नहीं है। डॉ. मल्लुपट्टू के अनुसार, ''आज नॉन-स्मोकर्स भी लंग कैंसर से प्रभावित हो रहे हैं, इसका कारण है प्रदूषण, सेकंड हैंड स्मोक और जेनेटिक फैक्टर्स।'' यानि अगर आप स्मोक नहीं करते तो भी लगातार प्रदूषित हवा में रहने या दूसरों के धुएं में सांस लेने से खतरा बना रहता है। इसलिए फेफड़ों की सेहत के लिए स्वच्छ वातावरण और नियमित चेकअप जरूरी है।

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मिथ 5: चीनी खाने से कैंसर बढ़ता है।

फैक्ट: यह एक और आम भ्रम है कि चीनी कैंसर सेल्स (Does sugar trigger cancer) को खिलाती है, जबकि यह पूरी तरह गलत है। डॉ. सुमंथ बताते हैं, ''कोई भी फूड सीधे कैंसर सेल्स को नहीं बढ़ाता। हालांकि, ज्यादा शुगर लेने से मोटापा और इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है, जो आगे चलकर कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है।'' इसलिए संतुलित मात्रा में चीनी या मिठाइयां लेना हानिकारक नहीं, लेकिन जरूरत से ज्यादा सेवन से बचना चाहिए।

मिथ 6: कैंसर की शुरुआती स्टेज में दर्द जरूर होता है।

फैक्ट: कई लोग सोचते हैं कि कैंसर हमेशा दर्द से शुरू होता है, लेकिन सच्चाई यह है कि अधिकांश कैंसर शुरुआती स्टेज में कोई लक्षण नहीं दिखाते। डॉ. मल्लुपट्टू बताते हैं, ''जब तक कैंसर बढ़ नहीं जाता, तब तक दर्द या असहजता महसूस नहीं होती। इसलिए नियमित हेल्थ चेकअप और स्क्रीनिंग ही शुरुआती पहचान का सबसे भरोसेमंद तरीका है।''

निष्कर्ष

कैंसर से डरने के बजाय, उसके बारे में सही जानकारी रखना ज्यादा जरूरी है। डॉ. सुमंथ कुमार मल्लुपट्टू कहते हैं, ''कैंसर कोई मौत का फैसला नहीं, बल्कि एक मेडिकल कंडीशन है जिसे समय पर पहचान और सही इलाज से पूरी तरह हराया जा सकता है।'' नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे का यही संदेश है, मिथकों से बाहर निकलें, जांच करवाएं और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।

All Images Credit- Freepik

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FAQ

  • क्या कैंसर का इलाज संभव है?

    आज कई प्रकार के कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकते हैं, खासकर अगर उन्हें शुरुआती स्टेज (Early Stage) पर पहचान लिया जाए। कीमोथेरेपी, रेडिएशन, सर्जरी और इम्यूनोथेरेपी जैसी तकनीकें बेहद असरदार हैं।
  • कैंसर से बचाव के लिए क्या करें?

    बैलेंस डाइट, नियमित एक्सरसाइज, तंबाकू और शराब से दूरी, प्रदूषण से बचाव और समय-समय पर जांच, ये सभी आदतें कैंसर के खतरे को काफी कम कर देती हैं।
  • क्या धूम्रपान के बिना फेफड़ों का कैंसर होना संभव है?

    स्मोकिंग इसका प्रमुख कारण है, लेकिन नॉन-स्मोकर्स भी लंग कैंसर से प्रभावित हो सकते हैं। इसका कारण एयर पॉल्यूशन, सेकंड हैंड स्मोक और जेनेटिक फैक्टर्स हो सकते हैं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Nov 07, 2025 13:02 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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