महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की समस्या आजकल आम होती जा रही है। दरअसल, अनियमित पीरियड्स ही अपने आप में शरीर की कई समस्याओं का सूचक है जैसे कि खराब हार्मोनल हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां। कई बार ये पीसीओडी और पीसीओएस की वजह बन सकता है। पर आज हम बात करेंगे कि क्या क्या अनियमित पीरियड्स ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण (Irregular Periods Sign of Breast Cancer) हो सकता है? क्या इन दोनों के बीच कोई लिंक है? जानते हैं इस बारे में डॉ. मानिनी पटेल, सीनियर कंसल्टेंट, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, जयपुर से कि कैसे अनियमित पीरियड्स ब्रेस्ट कैंसर की वजह बन सकता है।
क्या अनियमित पीरियड्स ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है?
अनियमित पीरियड्स होना आमतौर पर हार्मोनल बदलाव, तनाव, वजन में उतार-चढ़ाव या थायरॉयड जैसी समस्याओं के कारण होता है। यह सीधे ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण नहीं है। ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती संकेतों में आमतौर पर स्तन में गांठ, दर्द, सूजन, त्वचा में बदलाव या निप्पल से असामान्य स्राव शामिल होते हैं। फिर भी, अगर पीरियड्स लगातार अनियमित हों या स्तन में कोई असामान्यता महसूस हो, तो डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है। नियमित चेकअप और सेल्फ-एग्जामिनेशन से किसी भी समस्या का जल्दी पता लगाया जा सकता है और समय रहते इलाज संभव है।
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हालांकि, अध्ययनों से पता चलता है कि अनियमित या लंबे मेंस्ट्रुअल साइकिल का इतिहास प्रीमेनोपॉजल स्तन कैंसर के कम जोखिम से भी जुड़ा हो सकता है। इसके अलावा अनियमित मेंस्ट्रुअल साइकिल इस बात का संकेत दे सकता है कि आपके शरीर में एस्ट्रोजन बढ़ा हुआ है और एस्ट्रोजन के लंबे समय तक संपर्क के कारण ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ सकता है।
NIH की स्टडी में मिले अनियमित पीरियड्स और ब्रेस्ट कैंसर का लिंक
NIH की स्टडी में बताया गया है कि साल 1990 के दशक में, कई शोध समूह ने मेंस्ट्रुअल साइकिल की लंबाई, मेंस्ट्रुअल साइकिल की नियमितता और मेंस्ट्रुअल साइकिल की संख्या को स्तन कैंसर के जोखिम कारकों के रूप में अध्ययन किया। जिन महिलाओं को स्तन कैंसर हुआ, उनमें स्वस्थ महिलाओं और ब्रेस्ट कैंसर वाली महिलाओं की तुलना में छोटे, नियमित चक्र होने और पहली पूर्ण गर्भावस्था से पहले अधिक चक्र होने की संभावना अधिक थी। इस प्रकार छोटे और अधिक चक्रों वाली महिलाओं को ल्यूटियल चरण के दौरान प्रोजेस्टेरोन की अधिक मात्रा का सामना करना पड़ता है जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। Sciencedirect.com की मानें तो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में उतार चढ़ाव की वजह से मेंस्ट्रुअल साइकिल कुछ इस तरह से प्रभावित होता है कि इससे प्री मेनोपॉज ब्रेस्ट कैंसर (Premenopausal breast cancer) की समस्या हो सकती है।
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अनियमित पीरियड्स को नियमित करें और डॉक्टर को दिखाएं
ऐसे में जरूरी है कि आप अनियमित पीरियड्स को नियमित करें और इसके लिए शुरू से अपनी लाइफस्टाइल पर ध्यान दें। इसके अलावा लंबे समय तक अनियमित पीरियड्स को इग्नोर न करें क्योंकि इसकी वजह से आपकी फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है और सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा समय-समय पर ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करवाते रहें ताकि अगर आपको कोई भी लक्षण महसूस हो तो डॉक्टर के पास जाएं और जांच करवाएं ताकि बीमारी की पहचान शुरुआत में ही हो जाए ताकि बीमारी ज्यादा न बढ़े और सही समय पर ट्रीटमेंट हो जाए।
FAQ
ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन कैसे करें?
ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन करना बहुत ही आसान है। आपको बस करना ये है कि अपना दाहिना हाथ अपने सिर के पीछे रखें और अपने बाएं हाथ की मध्यमा उंगलियों से अपने दाहिने स्तन की जांच करें। इस दौरान अपने स्तन को हल्का-हल्का दबाकर देखें। अपने बगल के नीचे और निपल्स के आस-पास के हिस्से की जांच जरूर करें।कैंसरयुक्त गांठ कैसा महसूस होना चाहिए?
ब्रेस्ट में कैंसरयुक्त गांठ बिलकुल कठोर और सख्त पत्थर जैसी महसूस होती है। गांठ हिलाने पर भी स्थिर महसूस होती है और आस-पास के टिशूज से चिपकी हुई महसूस होती है। कई बार गांठ गोल न होकर अजीब से शेप में महसूस हो सकते हैं।गांठ और ट्यूमर एक ही होते हैं?
गांठ और ट्यूमर एक नहीं होते। गांठ में जहां सेल्स या कहें कि टिशूज इक्ट्ठा होकर बिलकुल स्थिर पतथर जैसे महसूस होते हैं जबकि ट्यूमर में सेल्स एक जगह जमा तो होते हैं लेकि ये पत्थर जैसे स्थिर नहीं होते। ऐसे में अगर आपको कई भी दिक्कत हो और आप कंफ्यूज हो तो डॉक्टर को दिखाएं और ट्रीटमेंट करवाएं।
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Oct 03, 2025 16:27 IST
Published By : Pallavi Kumari