Virtual Autism in Hindi: लखनऊ के हजरतगंज में रहने वाली मीरा श्रीवास्तव अपने 6 साल के बेटे और पति के साथ रहती हैं। वह एक कॉलेज में प्रोफेसर हैं इसलिए उनके पास हमेशा समय की कमी रहती है। घर और ऑफिस के काम दोनों को मैनेज करने की वजह से वह अपने बेटे को समय नहीं दे पातीं। एक बार जब वह रेस्तरां में डिनर के लिए मिलीं, तो मीरा का बेटा आरव भी साथ आया। मैंने देखा कि वह अपनी पसंदीदा डिश को आर्डर करने के बाद उसे खाने के लिए तैयार नहीं था। कारण पूछने पर मुझे पता चला कि वह मोबाइल पर कार्टून देखे बगैर खाना नहीं खाता। मीरा ने आरव को फोन दिया और उसके बाद आरव ने आराम से डिनर खत्म किया। मीरा ने बताया कि आरव अपनी डाइट से बहुत कम खाना खाता था इसलिए उसका ध्यान खाने की तरफ रखने के लिए वह उसे मोबाइल दे देती हैं। जब कभी आरव उन्हें काम करने नहीं देता, तो उसे व्यस्त रखने के लिए भी मीरा उसे मोबाइल दे देती हैं। यह आदत मीरा जैसे कई पैरेंट्स अपने बच्चों को सीखा रहे हैं। लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं है कि इस आदत के चलते वह अपने बच्चे को बीमार कर रहे हैं। स्मार्टफोन या स्क्रीन की लत के कारण बच्चे वर्चुअल ऑटिज्म (Virtual Autism) का शिकार हो जाते हैं। चलिए जानते हैं क्या है यह कंडीशन और इससे बच्चों को कैसे बचा सकते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन हॉस्पिटल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सलमान खान से बात की।
वर्चुअल ऑटिज्म क्या है?- What is Virtual Autism in Hindi
फोन या स्क्रीन की लत के कारण जब बच्चे का शारीरिक या मानसिक विकास प्रभावित होता है, तो उसमें ऑटिज्म जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। इस कंडीशन को वर्चुअल ऑटिज्म का नाम दिया गया है। ऐसा फोन या स्क्रीन की लत के कारण होता है। वर्चुअल ऑटिज्म की समस्या 3 से 7 साल के बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है। आजकल माता-पिता बच्चे को कम उम्र में उसे फोन पकड़ा देते हैं, लेकिन इस आदत से बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने लगता है। चलिए अब जानते हैं वर्चुअल ऑटिज्म के लक्षणों के बारे में।
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वर्चुअल ऑटिज्म के लक्षण- Virtual Autism Symptoms
- अगर आपका बच्चा वर्चुअल ऑटिज्म से पीड़ित है, तो वह बोलते समय हकलाएगा।
- ऐसे बच्चे आंखों में आंखें डालकर बात करने से भी घबराते हैं।
- वर्चुअल ऑटिज्म का शिकार हुए बच्चों में संचार का विकास धीमा होता है।
- कुछ स्टडीज में ऐसा बताया गया है कि ऐसे बच्चों का आईक्यू लेवल भी कम होता है।
- अगर आपके बच्चे में यह लक्षण नजर आ रहे हैं, तो घबराएं नहीं। इन लक्षणों को बचाव के कुछ आसान उपायों की मदद से ठीक किया जा सकता है। इन उपायों को विस्तार से आगे जानेंगे।
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वर्चुअल ऑटिज्म से बचने के उपाय- Virtual Autism Prevention Tips
- बच्चे का स्क्रीन टाइम सीमित करें।
- उसके साथ समय बिताएं।
- बच्चे को खेल-खेल में मैथ्स और साइंस के टॉपिक्स समझाएं।
- अपने बच्चे को फोन से जानकारी देने के बजाय किताबों का इस्तेमाल करना सिखाएं।
- छोटे बच्चों को पिक्चर बुक देकर भी फोन से दूर रखा जा सकता है।
- बच्चे को आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रेरित करें, आप भी उनके साथ गेम्स खेलें।
- बच्चे का स्लीप पैटर्न ट्रैक करें। इस बात का ख्याल रखें कि आपका बच्चा नींद पूरी करके उठे।
- अपने बच्चे को वर्चुअल ऑटिज्म से बचाने के लिए पहले अपनी आदतों में सुधार करें। आपको देखकर बच्चे आदतों को सीखते हैं और वर्चुअल ऑटिज्म की समस्या आनुवांशिक भी हो सकती है इसलिए अपना स्क्रीन टाइम भी कम कर दें।
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