Pink Salt in Hindi: आजकल सोशल मीडिया पर रील के जमाने में पिंक सॉल्ट को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं। कोई पिंक सॉल्ट खाने की ही सलाह देता है, तो कोई इसके न्यूट्रिशन बताता है। इन सब के बीच लोग कन्फयूज हो जाते हैं कि क्या डाइट में सिर्फ पिंक सॉल्ट का ही इस्तेमाल किया जाए, या फिर सफेद नमक बेहतर है। लेकिन क्या आपको पता है कि पिंक सॉल्ट ज्यादा लेने से नुकसान भी हो सकता है। इस बारे में हमने फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल के इंटरवेशनल कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट और यूनिट हेड डॉ. रंजन मोदी (Dr. Ranjan Modi, Senior Consultant & Head (Unit Il) - Interventional Cardiology, Sarvodaya Hospital, Faridabad) से बात की। उन्होंने पिंक सॉल्ट के बारे में बताया और इसके नुकसान की भी जानकारी दी। सबसे पहले जानते हैं कि पिंक सॉल्ट होता क्या है?
पिंक सॉल्ट क्या है? - What is Pink Salt in Hindi?
पिंक सॉल्ट को हिमालयन नमक भी कहा जाता है, जिसमें आयरन और कई खनिज लवण होते हैं। इस वजह से ही इसका रंग गुलाबी होता है। इस नमक को प्रोसेस्ड कम किया जाता है, इसलिए इसमे कई खनिज लवण रह जाते हैं। इसलिए इसका स्वाद भी सफेद नमक की तुलना में थोड़ा अलग होता है। आमतौर पर लोग इसे खाना पकाने और सजाने में इस्तेमाल करते हैं।
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पिंक सॉल्ट के नुकसान - Side Effects of Pink Salt in Hindi
डॉ. रंजन मोदी कहते हैं, “आमतौर पर लोग ये सोचते हैं कि पिंक सॉल्ट ही खाना चाहिए क्योंकि इस नमक को लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं। लेकिन मैं पिंक सॉल्ट ज्यादा लेने की सलाह नहीं देता, क्योंकि इसमें सफेद नमक के मुकाबले आयोडीन की मात्रा काफी कम होती है। लोग सोशल मीडिया में देखकर सिर्फ पिंक नमक ही इस्तेमाल करने लगे हैं। इससे लोगों में थायरॉइड से लेकर गोइटर तक के मामले बढ़ने लगे हैं। इसलिए मैं लोगोंं को सादा सफेद नमक इस्तेमाल करने की ही सलाह देता हूं। इस नमक के ज्यादा इस्तेमाल करने के कई नुकसान है।”
हाइपोथायरॉइडिज्म होने का रिस्क
पिंक सॉल्ट में आयोडीन की कमी होती है, जो थायरॉइड को बढ़ा सकती है। कुछ लोगों में गोइटर की भी समस्या देखने को मिलती है।
वजन कम करने में नहीं मददगार
कुछ लोग सोचते हैं कि पिंक सॉल्ट का इस्तेमाल करने से वजन कम होता है या फिर शरीर डिटॉक्टसीफाई होता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। वजन कम करने में पिंक सॉल्ट की कोई भूमिका नहीं होती।
हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क
ज्यादा पिंक सॉल्ट इस्तेमाल से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे हार्ट और किडनी पर प्रेशर पड़ सकता है। इससे हार्ट की बीमारियां बढ़ने का रिस्क हो सकता है।
किडनी पर असर
पिंक सॉल्ट के ज्यादा सेवन से किडनी पर भी असर पड़ता है। दरअसल, किडनी शरीर के अतिरिक्त नमक और पानी निकालने का काम करती है, लेकिन ज्यादा नमक लेने से किडनी पर प्रेशर बढ़ता है। बहुत ज्यादा समय तक पिंक सॉल्ट का इस्तेमाल करने से किडनी की बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है।
डाइजेशन की दिक्कत
पिंक सॉल्ट के ज्यादा इस्तेमाल से पेट में एसिडिटी, जलन, और अपच की समस्या को बढ़ सकती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही गैस्ट्रिक या एसिडिटी की समस्या से पीड़ित हैं।
असंतुलित इलेक्ट्रोलाइट्स
पिंक सॉल्ट का ज्यादा इस्तेमाल इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगाड़ सकता है, जो शरीर की नर्वस सिस्टम और मांसपेशियों को नुकसान दे सकता है।
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पिंक सॉल्ट vs सफेद नमक - Pink Salt vs White Salt
पिंक सॉल्ट | आयोडाइज्ड सफेद नमक | |
रंग | हल्का गुलाबी | सफेद |
सोडियम कंटेंट | लगभग बराबर | लगभग बराबर |
आयोडीन | बहुत कम | अधिक |
खनिज तत्व | ट्रेस मात्रा में | नहीं के बराबर |
कीमत | महंगा | सस्ता |
पिंक सॉल्ट कैसे लें? - How to Use Pink Salt in Hindi
खाने में कुछ भी हो, बस उसका इस्तेमाल सीमित करना चाहिए। ऐसे ही पिंक सॉल्ट का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
- नमक का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें।
- वयस्कों को रोजाना 5 ग्राम से ज्यादा नमक नहीं लेना चाहिए।
- सलाद या नींबू पानी इत्यादि में ऊपर से नमक न डालें।
- पानी ज्यादा पिएं।
- किडनी या हाई ब्लड प्रेशर लोगों को पिंक सॉल्ट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- ज्यादा नमक से बचने के लिए ताजी सब्जियों और फल खाएं।
निष्कर्ष
हालांकि पिंक नमक के अपने कई फायदे हैं, इसके बावजूद लोगों को पिंक नमक का इस्तेमाल बहुत ज्यादा नहीं करना चाहिए। ऑयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल खाना पकाने में करें। कई लोग इसे सेहत से जोड़कर देखते हैं, जोकि गलत है। इसे वजन घटाने या पूरी तरह से सेहतमंद मानना सही नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल थोड़ा बहुत किया जा सकता है।
FAQ
पिंक सॉल्ट और सेंधा नमक में क्या अंतर है?
सेंधा नमक एक प्रकार का रॉक सॉल्ट है, जिसमें सोडियम क्लोराइड होता है, जबकि पिंक सॉल्ट को हिमालय से निकाला जाता है। ये खास सेंधा नमक गुलाबी रंग और आयरन ऑक्साइड जैसे कई अन्य खनिजों के कारण थोड़ा मीठा और अलग सा स्वाद होता है। कहने का मतलब है कि सभी गुलाबी नमक सेंधा नमक होते हैं, लेकिन सभी सेंधा नमक गुलाबी नमक नहीं होते।काले नमक और पिंक सॉल्ट में क्या अंतर है?
काला नमक सल्फर से भरपूर, उबले अंडे जैसा स्वाद और गंध वाला नमक होता है, जबकि पिंक सॉल्ट को हिमालय से निकाला गया, हल्के मीठे और कम नमकीन स्वाद वाला पत्थर का नमक है। काला नमक पाचन में सहायक और गैस की समस्या में मददगार होता है, जबकि पिंक नमक में आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे कई खनिज होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद हैं।गुलाबी नमक के क्या फायदे हैं?
पिंक सॉल्ट में पोटेशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे 80 से ज्यादा खनिज होते हैं। अगर इसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए, तो सेहत के लिए फायदेमंद है। यह डाइजेशन के एंजाइमों को एक्टिव करने, डिहाइड्रेशन दूर करने और तनाव कम करने में भी मददगार है।