टीनएज बच्चों में ये 6 लक्षण हो सकते हैं खाने के विकार (ईटिंग डिसऑर्डर) का संकेत, जानें इसका इलाज

बच्चों में अक्सर खाने से जुड़ी कुछ समस्याएं देखी जाती हैं, जो लंबे समय में उन्हें गंभीर बीमारियों का शिकार बनाती हैं। जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज।
  • SHARE
  • FOLLOW
टीनएज बच्चों में ये 6 लक्षण हो सकते हैं खाने के विकार (ईटिंग डिसऑर्डर) का संकेत, जानें इसका इलाज


किशोरावस्था के दौरान अक्सर बच्चों में खुद को खूबसूरत और पतले दिखाने का दबाव देखा जाता है। क्योंकि यहां गलती किशोरों की नहीं होती, यहां पर जिम्मेदार सोशल साइट्स होती हैं। जो बच्चों के दिमाग में ये चीज बखूबी भर देती है कि पतला दिखना ही खूबसूरती की निशानी है। इसी बात को किशोर फॉलो करते हैं और इसी चक्कर में उनके अंदर खाने को लेकर विकार (Eating Disorder) पनपने लगता है। खाने को लेकर ये विकार बच्चों में 12 से 15 साल के बीच में शुरू होता है। खाने को लेकर अनहेल्दी आदतें इस विकार को बढ़ाने में मदद करती हैं। अगर समय रहते अपने बच्चों की इस आदत को पहचान लिया तो इसका उपचार और रोकथाम आसानी से कर सकेंगे। ये आपको कैसे करना है? इसकी पूरी जानकारी देगा हमारा ये लेख।

1. बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण (Symptoms Of Eating Disorders In Teens)

खाने के विकार किशोरों में अलग-अलग होते हैं, जिन्हें पहचानना मुश्किल जरुर हो सकता है लेकिन नामुमकिन बिलकुल भीं नहीं। चलिए जानते हैं कि, इससे जुड़े समान्य लक्षणों को कैसे पहचानें।

  • जब बच्चे खाना कम खाने लगें, या खाना छोड़ दें
  • खाना इकट्ठा करना और छिपकर खाना
  • स्किन में रूखापन होना
  • ज्यादा एक्सरसाइज़ करना और बार-बार वजन चेक करना
  • खाने से लगातर पहरेज करना
  • खाने के बाद शौचालय जाना

2.    टीनएज बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर के प्रकार (Types of Eating Disorders In Teens)

मदरहुड हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट, पीडियाट्रिशियन एंड नियोनेटालॉजिस्ट, डॉक्टर अमित गुप्ता कहते हैं कि खाने के विकार (ईटिंग डिसऑर्डर) के प्रकार इसके लक्षणों के आधार पर होते हैं। जिससे किशोर काफी प्रभावित होते हैं। किशोरावस्था में देखे जाने वाले कुछ खाने के विकार (ओएसएफईडी) पर्जिंग डिसऑर्डर, नाइट ईटिंग सिंड्रोम, ऑर्थोरेक्सिया और डायबुलिमिया हैं। इसके अलावा अन्य निम्न विकार हैं।

  • एनोरेक्सिया नर्वोसा (Anorexia Nervosa) लड़कों कि तुलना में लड़कियों में ज्यादा होता है। ऐसे में किशोर बच्चे को लगता है कि वह मोटा या ओवरवेट हैं। जबकि स्थिति इसके उलट होती है।
  • बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa)भी एक तरह के खाने का विकार है। जिसमें बच्चे कम समय में ज्यादा से ज्यादा खाने की कोशिश करते हैं। फिर इसके बाद बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं।
  • बिंग ईटिंग (Binge-Eating) की समस्या 15 से 18 साल के किशोरों में देखी जाती है। इस तरह के विकार में बच्चे वजनदार और मोटे होते हैं।
  • पिका (Pica) में किशोर मिट्टी, साबुन, कागज जैसी कुछ भी चीजों को खाते हैं। ये विकार जानलेवा होता है।
eating disorder in teens
Image Credit- HelpGuide.org

3.    टीनएज बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर का कारण (Causes for Eating Disorders In Teens)

देखा जाए तो खाने में विकारों का कारण क्या है, इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। ये एक तरह का सिंड्रोम होता है। जिस पर काबू पाना बेहद जरूरी है। बाकी इससे जुड़े कारण क्या है चलिए ये भी हम आपको बताते हैं।

•    साइकोलॉजिकल फैक्टर।

•    सोशल फैक्टर।

•    बायोलॉजिकल फैक्टर।

इसे भी पढ़ें - किशोरी लड़कियों में ये 5 लक्षण हो सकते हैं ADHD बीमारी का संकेत, एक्सपर्ट से जानें कारण और बचाव कर टिप्स

4.    टीनएज बच्चो को ईटिंग डिसऑर्डर से कैसे रोकें (Remedies for Eating Disorders In Teen)

खाने के विकारों की रोकथाम करना बेहद जरूरी है। अगर पैरेंट्स चाहें तो इस विषय में अपने बच्चों से खुलकर बात करें और उन्हें बताएं कि किशोरावस्था से बाहर निकलने के बाद उनके शरीर को कितनी परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।

•    खाने के विकारों से जुड़ी गम्भीर समस्याओं के बारे में बच्चों को शिक्षित करें

•    पैरेंट्स किशोरों से उनकी भावनाओं को साझा करें

•    खाने के विकार से सेलिब्रिटी और मीडिया कितनी बुरी तरह से प्रभावित होती हैं, इस पर चर्चा करें

•    किशोरों को शरीर की छवि से ज्यादा आत्मसम्मान और आत्म-विश्वास को बढ़ावा दें

•    हेल्दी खाने की आदतों को बढ़ावा दें

•    खाने को लेकर किशोरों के सामने सही उदाहरण को सेट करें

5.    ईटिंग डिसऑर्डर का पता लगाने के लिए जांच (How To Prevent These Eating Disorders In Teens)

किशोरों में खाने के विकार को लेकर निदान करना बेहद जरूरी है। आप समय-समय पर उनका बॉडी चेकअप करवाएं, समय-समय पर ब्लड, मूत्र और थायरॉइड कि जांच करवाएं। अगर आप किशोरों का मनोवैज्ञानिक टेस्ट भी करवाएँगे तो, आपको अच्छी मदद मिलेगी।

इसे भी पढ़ें - 21वीं सदी में किशोरों को सबसे ज्यादा बीमारियों का शिकार बना रही हैं ये 3 गलत आदतें, समय रहते बदलें

6.    टीनएज बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर का इलाज (Treatment for Eating Disorders In Teens)

खाने के विकार को लेकर किशोरों का इलाज सही समय पर हो इसके लिए आपको तैयारी करने की जरूरत है।

•    आप किसी अच्छे पेशेवर जानकार से इस विषय में परामर्श लें।

•    मनोचिकित्सक की मदद से भी खाने के विकार को लेकर इलाज करवाया जा सकता है।

•    स्थिति ज्यादा खराब लगे तो अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है।

7.    ध्यान न देने से हो सकती हैं ये समस्याएं ( Complications of Eating Disorders In Teens)

खाने का विकार, मतलब किशोरों में शारीरिक और मानसिक हेल्थ का गम्भीर रूप से प्रभावित होना। इसके अलावा भी कई तरह की गम्भीर स्वास्थ्य समस्या किशोरों को झेलनी पड़ सकती हैं।

•    मांसपेशियों में समस्या

•    पोषक तत्वों की कमी से कुपोषण की स्थिति

•    मधुमेह की समस्या

•    ब्लडप्रेशर और हार्ट अटैक की समस्या

•    पेट, लीवर और किडनी पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ना

किशोरों में खाने के विकार से जुड़ी ये ऐसी बाते हैं, जिनके बारे में जानकारी के बाद आपको सतर्क रहने की जरूरत है। उम्मीद है हमारा ये लेख आपके काम आएगा, और आप अपने किशोर बच्चे को खाने के विकार से दूर रख सकते हैं।

Main Image Credit- North Shore News

Read Next

रिएक्टिव अर्थराइटिस: 20-40 की उम्र में जोड़ों का दर्द व सूजन हो सकते हैं इस रोग का संकेत, जानें लक्षण और इलाज

Disclaimer