Adenoids Disease Know the Symptoms and Treatment : दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद समेत पूरे उत्तर भारत में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल रहा है। मौसम बदलने पर सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार जैसी सीजनल बीमारियों से लोग परेशान हैं। बड़े लोग फिर भी अपनी बीमारी का जिक्र कर सकते हैं, लेकिन छोटे बच्चों को होने वाली परेशानियां पेरेंट्स को ही गैस करनी पड़ती है और उसके बाद डॉक्टर से इलाज करवाना पड़ता है। कई बार आपने देखा होगा कि छोटे बच्चे सोते समय नाक की बजाय मुंह से सांस ले रहे होते हैं। अक्सर पेरेंट्स बच्चों की इस प्रॉब्लम को नजरअंदाज कर देते हैं। काफी वक्त से मेरे एक रिश्तेदार का बच्चा भी नाक की बजाय मुंह से सांस लेता है। जन्म से लगभग 3 महीने तक वो लोग बच्चे की इस चीज को नजरअंदाज करते रहे, लेकिन जब उन्होंने डॉक्टर से इस विषय में बात की, तो डॉक्टर ने कहा कि बच्चे को एडेनोइड की प्रॉब्लम है। मेरे रिश्तेदार की तरह ही कई न्यू पेरेंट्स को बच्चों को होने वाली एडेनोइड की बीमारी क्या है, इसके बारे में पता ही नहीं होता है।
एडेनोइड बीमारी (Adenoids Disease) क्या है और यह बीमारी होने पर बच्चों में कौन से लक्षण दिखाई देते हैं, इसकी जानकारी दे रहे हैं दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के श्वसन और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. निखिल मोदी (Dr Nikhil Modi, Senior Consultant, Indraprastha Apollo Hospitals)।
एडेनोइड बीमारी क्या है?- What is Adenoids in Hindi
डॉ. निखिल मोदी का कहना है कि एडेनोइड नाक में मौजूद एक टिश्यू को कहते हैं। एडेनोइड नाक के अंदर जाने वाले धूल, मिट्टी और बैक्टीरिया को रोकने का काम करते हैं। लेकिन जब यह टिश्यू अपने सामान्य आकार से ज्यादा बड़ हो जाते हैं, जो नाक के काम को प्रभावित करते हैं। इसकी वजह से रात को सोते समय नाक की बजाय मुंह से सांस लेना, खर्राटे लेना, अचानक से सांस का रूक जाना जैसी कई प्रॉब्लम हो सकता है। छोटे बच्चों में इस तरह की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। डॉ. मोदी का कहना है, छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है, जिसकी वजह से कोई भी मौसमी परेशानी उन्हें जल्दी परेशान कर सकती है।
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एडेनोइड बीमारी के लक्षण क्या हैं?- Symptoms of Adenoid Disease in Hindi
डॉक्टर का कहना है कि बढ़े हुए एडोनोइड से ग्रस्त बच्चे अक्सर सोते समय नाक की बजाय मुंह से सांस लेते हैं। जो बच्चे अक्सर मुंह खोलकर सोते हैं, उनमें इस तरह के लक्षण ज्यादा दिखाई देते हैं। इसके अलावा एडेनोइड बीमारी के लक्षण नीचे बताए गए हैं:
- सांस से बदबू आना
- होठों का बिना किसी कारण फटना
- स्किन का ड्राई दिखना और महसूस होना
- बार-बार नाक बंद होना
- छोटे बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होना
- नाक से लगातार पानी आना इस बीमारी के लक्षण हैं।
एडेनोइड बीमारी का इलाज क्या है?
डॉक्टर का कहना है कि इस बीमारी के लक्षण बदलते मौसम में ज्यादा नजर आते हैं। ज्यादातर मामलों में दवा की जरूरत नहीं होती है। इस बीमारी से ग्रस्त बच्चे के पेरेंट्स को कुछ बचाव के टिप्स दिए जाते हैं, जिसको अपनाकर इससे बचा जा सकता है। वहीं, अगर बच्चे की स्थिति ज्यादा गंभीर है तो नेजल स्प्रे का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन कुछ गंभीर मामलों में नाक की सर्जरी करने तक की नौबत आ जाती है।
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एडेनोइड से बचाव के उपाय- Prevention in Adenoids
एडेनोइड जैसी बीमारी आपको और आपके बच्चे को परेशान न करें, इसके लिए आप नीचे बताए गए उपाय को अपना सकते हैं।
- बदलते मौसम में बच्चों को सही तरीके से कपड़े पहना कर रखें।
- धूल के कण नाक में न जाए, इसके लिए मास्क का इस्तेमाल करें।
- बच्चे के मुंह में मिट्टी और बैक्टीरिया जाने से रोकने की कोशिश करें।
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With Inputs: Dr Nikhil Modi, Senior Consultant, Respiratory and Critical Care Medicine, Indraprastha Apollo Hospitals