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हर समय उदास और परेशान रहना हो सकता है Dysthymia का संकेत, जानें इस मानसिक विकार के लक्षण और इलाज

तनाव, हर बात पर गुस्सा आना और मूड में बदलाव डिस्ठीमिया के लक्षण हो सकते हैं, जानें इस समस्या के कारण, लक्षण और बदलाव के बारे में। 
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हर समय उदास और परेशान रहना हो सकता है Dysthymia का संकेत, जानें इस मानसिक विकार के लक्षण और इलाज


अगर आपको बहुत ज्यादा गुस्सा आता है या बार-बार आपके मूड में बदलाव होता है तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। बार-बार गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन और हर समय उदास या परेशान रहना मानसिक विकास डिस्थीमिया (Dysthymia in Hindi) का लक्षण हो सकता है। यह एक गंभीर मानसिक विकार है जिसकी वजह से आप हर समय नेगेटिव सोचने लगते हैं, आपको बार-बार गुस्सा आने लगता है और आप खुद के किये गए किसी भी काम से संतुष्ट नहीं होते हैं। यह समस्या आगे चलकर गंभीर रूप से अवसाद और अन्य मानसिक समस्याओं का कारण बन सकती है। लगातार अवसाद, तनाव और उदासी Dysthymia का लक्षण होती है। आइये विस्तार से जानते हैं इस मानसिक विकार के बारे में। 

क्या है डिस्थीमिया की समस्या? (What Is Dysthymia Or Persistent Depressive Disorder?)

डिस्थीमिया की समस्या को Persistent Depressive Disorder भी कहा जाता है। यह एक ऐसी समस्या है जिसे आप अवसाद या डिप्रेशन का पुराना रूप कह सकते हैं। दिल्ली के मशहूर मनोचिकित्सक डॉ धर्मेन्द्र के मुताबिक इस समस्या के कारण आप निराश महसूस कर सकते हैं, इसकी वजह से आपकी प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ता है। आपका मूड हर समय नकारात्मक रह सकता है और आप हर बात पर गुस्सा हो सकते हैं। अक्सर लोग इस स्थिति को सामान्य समझकर नजरंदाज करने की कोशिश करते हैं जिसकी वजह से आपको आगे चलकर कई गंभीर समस्याएँ हो सकती है। इस स्थिति में इंसान कभी खुश नहीं रहता है और अचानक व्यवहार में बदलाव देखने को मिलता है।

Dysthymia-in-Hindi

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डिस्थीमिया के लक्षण (Dysthymia Symptoms in Hindi)

डिस्थीमिया की समस्या एक गंभीर मानसिक विकार है जिसकी वजह से आपके मूड में बदलाव और स्वभाव में बदलाव देखने को मिलता है। आमतौर पर इस समस्या में दिखने वाले लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते हैं लेकिन जब यह समस्या बढ़ने लगती है तो इसके लक्षण भी गंभीर रूप से दिखाई देते हैं। डिस्थीमिया की समस्या को दोहरा अवसाद भी कहा जाता है। डिस्थीमिया की समस्या में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।

  • हर बात पर गुस्सा आना।
  • मूड में बदलाव।
  • चिड़चिड़ापन।
  • दैनिक गतिविधियों में मन न लगना।
  • उदासी, खालीपन या निराश महसूस करना।
  • निराशा।
  • थकान और ऊर्जा की कमी।
  • खुद से खुश न होना।
  • ध्यान केंद्रित करने में परेशानी और निर्णय लेने में परेशानी।
  • चिड़चिड़ापन या अत्यधिक गुस्सा।
  • सामाजिक गतिविधियों से बचना।
  • भूख कम लगना या ज्यादा खाना।
  • नींद की समस्या।

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डिस्थीमिया की समस्या के कारण (Dysthymia Causes in Hindi)

डिस्थीमिया की समस्या कई कारणों से हो सकती है। अभी तक डिस्थीमिया के सटीक कारणों का पता नहीं लग पाया है। हालांकि इसके लिए कई स्थितियों को जिम्मेदार माना जाता है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्या डिस्थीमिया के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं। 

  • मस्तिष्क में किसी तरह की समस्या।
  • जीवन के दर्दनाक अनुभव।
  • किसी चहेते व्यक्ति की मृत्यु।
  • ब्रेन स्ट्रोक।
  • नौकरी में संतुष्ट न होना।
  • ब्रेकअप या फाइनेंसियल प्रॉब्लम।

डिस्थीमिया से बचाव के उपाय (Dysthymia Prevention Tips in Hindi)

डिस्थीमिया की समस्या से बचने के लिए कोई सटीक उपाय तो नहीं है लेकिन समय पर इसके लक्षणों को पहचानकर इसका इलाज करना बहुत जरूरी होता है। अगर समय रहते इस समस्या का इलाज नहीं किया जाता है तो यह एक गंभीर अवसाद का रूप ले सकती है। इस समस्या से बचाव के लिए आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव जरूर करना चाहिए। अगर आप डिस्थीमिया की समस्या से जूझ रहे हैं तो सबसे पहले नियमित रूप से हेल्दी और दिमाग के लिए फायदेमंद डाइट अपनाएं और इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज और मेडिटेशन जरूर करें। इस समस्या में स्ट्रेस मैनेजमेंट करना बहुत जरूरी है। शराब और स्मोकिंग से दूरी बनाने पर ऐसी समस्या में फायदा मिलता है। ज्यादातर लोगों में यह देखा गया है कि वह तनाव और चिड़चिड़ेपन की समस्या की वजह से स्मोकिंग और शराब की लत लगा बैठते हैं। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। तनाव और चिड़चिड़ेपन की स्थिति में शराब और स्मोकिंग से दूरी बना लेनी चाहिए। डिस्थीमिया की समस्या में को दूर करने के लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

(All Image Source - Freepik.com)

 

 

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