अपने संपूर्ण स्वास्थ्य की भलाई के लिए मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। वर्तमान समय में हम में से अधिकांश लोग भावनात्मक तनाव जैसी स्थिति का अक्सर सामना करते हैं। खासकर घर-परिवार, रिश्ते-नाते, ऑफिस आदि में हम कई ऐसे बंधनों में खुद को महसूस करते हैं, जिसमें अपनी परेशानी कहते भी नहीं बनती और सहते भी नहीं बनती, जिससे लगातार इमोशनल स्ट्रेस बढ़ता जाता है। हम रोजाना ऐसी कई स्थितियों से गुजरते हैं या अपने आस-पास ऐसी घटनाएं देखतें हैं, जिसके चलते हम तनाव का अनुभव करते हैं। साथ ही ऐसी बुरी चीजें जिन्हें आप खुद भी करते हैं तनाव में योगदान देती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं यह आपकी सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो भावनात्मक तनाव सिर्फ आपके मस्तिष्क को ही नुकसान नहीं पहुंचाता है, बल्कि यह शरीर में कई अन्य समस्याओं को भी ट्रिगर कर सकता है। इस लेख में हम आयुर्वेदिक चिकित्सक और पंचकर्म स्पेशलिस्ट डॉ. अंकित से जानेंगे कि भावनात्मक तनाव किन स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है (Health Problems Caused By Emotional Stress In Hindi) और भावनात्मक तनाव को कैसे कम कर सकते हैं (How To Deal With Emotional Stress In Hindi)।
इन 5 समस्याओं का कारण बन सकता है भावनात्मक तनाव (Health Problems Caused By Emotional Stress In Hindi)
1. डिप्रेशन और एंग्जायटी
इसमें कोई संदेह नहीं है कि तनाव अवसाद और चिंता को ट्रिगर कर सकता है। ऐसे कई अध्ययन हैं जिनमें तनाव का अवसाद और चिंता के साथ संबंध दिखाया गया है। भावनात्मक तनाव के कारण (Causes Of Emotional Stress In Hindi) डिप्रेशन और एंग्जायटी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें वर्तमान समय में तनाव डिप्रेशन और चिंता का एक मुख्य कारण (Anxiety Causes In Hindi) है।
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2. इमोशनल होकर दिनभर खाते रहना
आपने अक्सर देखा होगा कि तनाव होने पर आप कुछ मीठा या जंक फूड्स का सेवन करते हैं। क्योंकि तनावग्रस्त होने पर मिठाई, चिप्स, पॉप्कॉर्न आदि फूड्स आपको अच्छा महसूस करने में मदद करते हैं। इसे ही इमोशनल ईटिंग कहते हैं। लेकिन यह आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक है। यह न सिर्फ वजन बढ़ने में योगदान दे सकता है, बल्कि कई अन्य गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।
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3. थायराइड
जबकि सिर्फ अकेले तनाव से थायराइड नहीं हो सकता है, लेकिन तनाव आपके थायराइड की स्थिति को बदतर बना सकता है। थायराइड की स्थिति में तनाव आपके मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है। यह आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है। जिससे आपका वजन बढ़ता है और थायराइड बिगड़ सकता है। साथ ही आपके हार्मोन्स में भी गड़बड़ हो सकती है।
4. पीसीओएस या पीसीओडी
तनाव हार्मोन्स में गड़बड़ी का एक मुख्य कारण है। यह महिलाओं में पीसीओए (PCOS) या पीसीओडी (PCOD) के विकास में योगदान दे सकता है। तनाव के कारण शरीर में कई तरह के हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ता है, जिससे हार्मोनल बीमारियों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।
5. पेट संबंधी समस्याएं
तनाव पेट में अल्सर का कारण तो नहीं बनता है, लेकिन अगर किसी को आंतों में अल्सर (अल्सरेटिव कोलाइटिस) की समस्या है, तो उसकी परेशानी को बहुत ज्यादा बढ़ा सकता है। कई पेट संबंधी समस्याओं का तनाव एक सामान्य कारक है। यह सीने में जलन, पेट में गैस, आईबीएस (IBS), मल के साथ खून आने जैसी समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है।
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इमोशनल स्ट्रेस को कम करने के लिए टिप्स (Tips To Reduce Stress In Hindi)
डॉ. अंकित की मानें तो उपरोक्त कुछ ऐसी सामान्य समस्याएं हैं, जो आपके शरीर के हार्मोन्स के संतुलन को बिगाड़ देती हैं। आयुर्वेद आपके मूल कारण को समझता है, क्योंकि यह शरीर और मस्तिष्क का एक साथ इलाज करने में मदद करता है। तनाव को कम करने के लिए आप कुछ सरल टिप्स को फॉलो कर सकते हैं जैसे:
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1. मेडिटेशन (ध्यान) करें। ध्यान आपके मन और मस्तिष्क की तंत्रिकाओं को शांत करता है।
2. सुबह दौड़ लगाएं। दौड़ने या एक्सरसाइज करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन्स रिलीज होते हैं, जो तनाव कम करते हैं।
3. माइंडफुलनेस का अभ्यास करें।
4. संतुलित और अच्छी डाइट को फॉलो करें। डाइट का भी तनाव और गुस्से पर काफी असर पड़ता है।
5. जीवन मे अनुशासन बनाए रखें। कई बार अव्यवस्थाएं और आकस्मिक परेशानियां क्षणिक लेकिन गहरे तनाव का कारण बन सकती है।
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