तनावभरी जीवनशैली और कामकाज के प्रेशर की वजह से लोगों में मानसिक समस्याएं तेजी से हो रही हैं। आर्थिक, सामाजिक और कामकाज के तनाव के कारण इंसान की मानसिक स्थिति में बदलाव लाजिमी है लेकिन समय रहने पर इनके लक्षणों को पहचानकर जरूरी कदम उठाने से आप गंभीर समस्या की चपेट में आने से बच सकते हैं। मानसिक समस्याएं और प्रेशर के कारण आप नर्वस ब्रेकडाउन की समस्या (Nervous Breakdown in Hindi) के शिकार हो सकते हैं। नर्वस ब्रेकडाउन एक ऐसी समस्या है जिसमें मरीज का मानसी संतुलन गड़बड़ हो जाता है। इसकी वजह से आपके व्यवहार में बदलाव देखने को मिलता है। नर्वस ब्रेकडाउन की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, इसे एक गंभीर स्थिति माना जाता है। आइये विस्तार से जानते हैं नर्वस ब्रेकडाउन के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में।
नर्वस ब्रेकडाउन के लक्षण (Nervous Breakdown Symptoms in Hindi)
नर्वस ब्रेकडाउन की समस्या मनोविज्ञान के हिसाब से कोई समस्या या शब्द नहीं है बल्कि यह एक स्थिति है जो एक्यूट तनाव या अवसाद के कारण लोगों में हो सकती है। दिल्ली स्थिति मशहूर मनोचिकित्सक डॉ धर्मेंद्र सिंह के मुताबिक इस समस्या में स्ट्रेस का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिसकी वजह से आपको कई अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। नर्वस ब्रेकडाउन की समस्या में मरीज का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है और इसकी वजह से इंसान अवसाद ग्रस्त होता है। नर्वस ब्रेकडाउन के लक्षण इस प्रकार से हैं।
- मूड या व्यवहार में बदलाव या मूड स्विंग।
- अवसाद की समस्या की गंभीर स्थिति।
- मन में गलत विचार आना।
- बहुत ज्यादा थकान और तनाव।
- रात में नींद न आना।
- दिमाग में कुछ भी चलते रहना।
- किसी भी काम में मन न लगना।
- पैनिक अटैक।
- अकेले होने पर रोना।
- घबराहट और बेचैनी का बढ़ना।
- एकाग्रता की कमी।
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नर्वस ब्रेकडाउन के कारण (Nervous Breakdown Causes In Hindi)
नर्वस ब्रेकडाउन की समस्या इंसान के बहुत ज्यादा दुःख और परेशानी में होने के कारण होती है। जब कोई भी व्यक्ति तनाव और चिंता के कारण लंबे समय तक दुःख या अवसाद में रहता है तो इसकी वजह से कुछ समय बाद ऐसी स्थिति बन जाती है जिसमें मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। ऐसे व्यक्ति में एक्यूट स्ट्रेस डिसऑर्डर की स्थिति बन जाती है और इसकी वजह से इंसान गंभीर समस्या की चपेट में आ जाता है। मुख्यतः नर्वस ब्रेकडाउन की समस्या किसी अपने के खोने की वजह से पहुंचे आघात, आर्थिक समस्या, परीक्षा में फेल होने पर या किसी बीमारी की वजह से हो सकती है। आज के समय में यह समस्या ब्रेकअप के कारण भी लोगों में देखने को मिलती है। यह समस्या किसी भी व्यक्ति में कभी भी हो सकती है।
नर्वस ब्रेकडाउन की समस्या से बचाव और इलाज (Nervous Breakdown Prevention Treatment)
किसी भी व्यक्ति में नर्वस ब्रेकडाउन की समस्या किसी भी समय हो सकती है। कुछ लोगों में यह समस्या अचानक होती है वहीं कुछ लोगों में यह समस्या धीरे-धीरे गंभीर रूप लेती है। नर्वस ब्रेकडाउन की समस्या के लक्षण दिखने पर सबसे पहले मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के अनुसर डाइट और लाइफस्टाइल का पालन करने से आप इस समस्या से उबर सकते हैं। एक शांत मन और शरीर पाने के लिए, इंसान को अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी खास ध्यान रखना चाहिए। इन दोनों को ध्यान रखने के लिए जरूरी है कि आप अपने जीवन में कुछ हेल्दी आदतों को शामिल करें।
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ऐसी स्थिति में कल या भविष्य की अधिक चिंता भी लोगों की समस्या का कारण बनता है। तनाव या चिड़चिड़ापन से बचने के लिए भविष्य की अत्यधिक चिंता करना नुकसानदायक हो सकता है। तनाव और चिड़चिड़ापन के प्रमुख कारण भी आने वाले भविष्य की अत्यधिक चिंता करना ही है। जीवन में आगे क्या होगा इस बात को लेकर सोचने से कोई फायदा नहीं है। वर्तमान में जीने से तनाव और चिड़चिड़ापन की समस्या से बचा जा सकता है। इस समस्या से बचाव करने से आप नर्वस ब्रेकडाउन का शिकार होने से बच सकते हैं।
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