Down Syndrome in Hindi: डाउन सिंड्रोम क्या है? डाउन सिंड्रोम एक आनुवंशिक विकार है। इसमें पीड़ित की कोशिकाओं में एक अतिरिक्त क्रोमोजोम जुड़ जाता है। इसे क्रोमोजोम या गुणसूत्र 21 (Chromosome 21 Disorder) कहा जाता है। ये अतिरिक्त क्रोमोजोम डाउन सिंड्रोम के विकासात्मक बदलाव और शारीरिक विशेषताओं का कारण बनती है। डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome in Hindi) की स्थिति में बच्चों में छोटा सिर, छोटी गर्दन, तिरछी पलकें, छोटे कान और चपटा चेहरा जैसे लक्षण (Down Syndrome in Babies Symptoms) नजर आते हैं। डाउन सिंड्रोम के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 21 मार्च को विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस (World Down Syndrome Day 2022) मनाया जाता है। आज इस दिवस के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं किन बच्चों को डाउन सिंड्रोम होने का जोखिम (Down Syndrome Risk Factors) अधिक रहता है। चलिए बालाजी सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, गाजियाबाद के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मोहित अग्रवाल और मणिपाल अस्पताल, ओल्ड एयरपोर्ट रोड के एचओडी और सलाहकार-मेडिकल जेनेटिक्स डॉक्टर मितेश शेट्टी से जानते हैं इस बारे में। साथ ही बच्चों में डाउन सिंड्रोम के लक्षण और कारण (Down Syndrome in Baby Symptoms Causes in Hindi) के बारे में भी जानें।
डाउन सिंड्रोम क्या है इन हिंदी (Down Syndrome Meaning in Hindi)
डॉक्टर मोहित अग्रवाल बताते हैं कि डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome in Hindi) व्यक्तियों में गंभीरता में भिन्न होता है। डाउन सिंड्रोम होने पर व्यक्तियों में बौद्धिक अक्षमता और शारीरिक विकास में देरी (Down Syndrome Meaning in Hindi) होती है। डाउन सिंड्रोम एक सबसे आम आनुवंशिक क्रोमोजोम विकार है, यह समस्या बच्चों में सीखने की अक्षमता का कारण बनता है। इसके अलावा डाउन सिंड्रोम हृदय, जठरांत्र संबंधी विकारों का भी कारण (Down Syndrome Meaning) बनता है। अगर शुरुआत में डाउन सिंड्रोम के लक्षणों पर ध्यान दिया जाए, तो बच्चों या वयस्कों के जीवन में सुधार किया जा सकता है।
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बच्चों में डाउन सिंड्रोम के लक्षण (Down Syndrome in Baby Symptoms)
डॉक्टर मितेश शेट्टी बताते हैं कि डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome in Hindi) वाला प्रत्येक व्यक्ति बौद्धिक, विकास संबंधी समस्याएं महसूस करता है। यह किसी में हल्की, मध्यम या गंभीर हो सकती है। इस स्थिति में कुछ लोग स्वस्थ होते हैं, तो कुछ को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। जानें डाउन सिंड्रोम के लक्षण Down Syndrome in Babies Symptoms-
- चपटा चेहरा
- छोटा सिर
- छोटी गर्दन
- उभरी हुई जीभ
- ऊपर की ओर तिरछी पलकें
- छोटे कान
- खराब मांसपेशी टोन
- हथेली में एक ही क्रीज के साथ चौड़े, छोटे हाथ
- छोटे हाथ-पैर और उंगुलियां
- अत्यधिक लचीलापन
- छोटी हाइट
डाउन सिंड्रोम वाले शिशु औसत आकार के हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर वे धीरे-धीरे बढ़ते हैं और उसी उम्र के अन्य बच्चों की तुलना में छोटे रहते हैं।
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बच्चों में डाउन सिंड्रोम के कारण (Down Syndrome in Babies Causes)
एक्सट्रा क्रोमोजोम 21 बच्चों में शारीरिक विकास को बाधिक करता है। डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome in Babies) होने का मुख्य कारण बच्चों की कोशिकाओं में एक अतिरिक्त क्रोमोजोम होना है। लगभग 95 प्रतिशत मामलों में डाउन सिंड्रोम ट्राइसॉमी 21 के कारण होता है।
डाउन सिंड्रोम के जोखिम कारक (Down Syndrome Risk Factors)
वैसे तो डाउन सिंड्रोम की समस्या (Down Syndrome Problems at Birth) कोशिकाओं में अतिरिक्त क्रोमोजोम के कारण होती है। लेकिन कुछ माता-पिता को डाउन सिंड्रोम वाले बच्चे के होने का अधिक खतरा होता है। जोखिम कारकों में शामिल हैं:
मां की अधिक आयु
जब एक मां अधिक उम्र में बच्चे को जन्म देती है, तो उस बच्चे में डाउन सिंड्रोम का जोखिम बढ़ जाता है। क्योंकि पुराने एग्स में अनुचित क्रोमोजोम विभाजन (improper chromosome division) का अधिक जोखिम होता है। एक महिला में डाउन सिंड्रोम वाले बच्चे के गर्भधारण का जोखिम 35 साल की उम्र के बाद बढ़ जाता है।
आनुवंशिक स्थानांतरण
बच्चे को माता-पिता के आनुवंशिक स्थानांतरण से भी डाउन सिंड्रोम मिल सकता है। पुरुष और महिला दोनों ही अपने बच्चे को डाउन सिंड्रोम के लिए अनुवांशिक स्थानांतरण पारित कर सकते हैं।
डाउन सिंड्रोम वाला एक बच्चा
जिन माता-पिता के पास डाउन सिंड्रोम वाला एक बच्चा है, उन्हें डाउन सिंड्रोम वाला दूसरा बच्चा होने का खतरा बढ़ जाता है।
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अगर आपका एक बच्चा डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome in Hindi) का शिकार है, तो दूसरा बच्चा प्लान करने से पहले आपको डॉक्टर की मदद जरूर लेनी चाहिए। इससे दूसरे बच्चे में डाउन सिंड्रोम के जोखिम (Down Syndrome Risk Factors) को कम किया जा सकता है। साथ ही अगर आपको अपने बच्चे में डाउन सिंड्रोम का कोई भी लक्षण नजर आता है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
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