Doctor Verified

क्या स्पाइनल कॉर्ड में लगी चोट नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकती है? जानें डॉक्टर से

स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगने से नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचने का रिस्क रहता है। इसलिए, स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगने पर ज्यादा हिले-डुले नहीं और तुरंत डॉक्टर के पास विजिट करें।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या स्पाइनल कॉर्ड में लगी चोट नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकती है? जानें डॉक्टर से


Does Spinal Cord Injuries Damage Nervous System: स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगने के कई कारण होते हैं, जैसे कोई गंभीर एक्सीडेंट होना, स्पोर्ट्स के दौरान या कही से गिरकर चोट लगना। यहां तक कि कई बार छोटी चोट भी इतनी गंभीर हो जाती है, जो सीधे-सीधे स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करती है। आपको बता दें कि स्पाइनल कॉर्ड में लगी चोट बहुत सीरियस हो सकती है, क्योंकि यह ताउम्र के लिए कोई घातक नुकसान पहुंचा सकती है। इसमें बाउल डिस्फंक्शन, रेस्पीरेटरी प्रॉब्लम जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं। यहां तक कि यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या स्पाइनल कॉर्ड में लगी चोट नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकती है? आइए, जानते हैं इस बारे में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और हिलिंग टच क्लीनिक के ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉ. अभिषेक वैश का क्या कहना है।

क्या स्पाइनल कॉर्ड में लगी चोट नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकती है?- How Does A Spinal Cord Injury Affect The Nervous System

does spinal cord injuries damage nervous system 1 (5)

National Institute of Neurological Disorders and Stroke (.gov) के अनुसार, “स्पाइनल कॉर्ड यानी रीढ़ की हड्डी की चोटें सीधे तौर पर रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाकर नर्वस सिस्टम को मूल रूप से क्षतिग्रस्त कर देती हैं। ध्यान रखें कि यह सेंट्रल नर्वस ससिस्टम का मुख्य हिस्सा है, जो कि ब्रेन और शरीर के बीच संकेतों का संचार करता है। ऐसी स्थिति में मरीज को कई दिक्कतें हो सकती हैं, जैसे सेंसरी और मोटर फंक्शन सही तरह से काम नहीं करते है। सेंसरी या संवदेना से संबंधित और मोटर यानी मूवमेंट से जुड़े कामकाज।” शरीर का कितना हिस्सा प्रभावित होगा, यह चोट की गंभीरता तय करती है। स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगने की वजह से कुछ लोगों को पैरालिसिस, सुन्नपन, सेक्सुअल फंक्शन में दिक्कतें, ब्लेडर कंट्रोल में पेरशानी और बाउल फंक्शन पर बुरा असर पड़ सकता है। कुल मिलाकर, समझने की बात ये है कि स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगने को बिल्कुल हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। इसकी वजह से तरह-तरह की परेशानियां हो सकती हैं। चोट लगने पर तुरंत डॉक्टर की हेल्प लेना आवश्यक होता है।

इसे भी पढ़ें: रीढ़ की हड्डी में चोट हो सकती है खतरनाक, जानें इससे बचाव के उपाय

स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी होने पर क्या करें?

चोटिल व्यक्ति न हिलाएंः अगर किसी को स्पाइनल में चोट लग जाए, तो उन्हें बिल्कुल जगह से नहीं हिलाना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे उनकी चोट आसपास के हिस्से को प्रभावित कर सकती है, दर्द बढ़ सकता है और अगर नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है, तो संभवतः पैरेलिसिस हो सकता है या ऐसी समस्या हो सकती है, जिसे कभी रिवर्स न किया जा सके।

तुंरत एक्सपर्ट की मदद लेंः स्पाइन में चोट लगने पर इसे जरा भी हल्के में न लें। तुरंत किसी एक्सपर्ट की मदद लें। इसके लिए खुद मूवमेंट न करें। किसी की मदद से स्ट्रेचर में लेटें और डॉक्टर के पास पहुंचे। एक्सपर्ट से मिलने में देरी न करें।

गर्दन और कंधा न हिलाएंः स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगने के बाद अपनी गर्दन और कंधे को हिलाने से बचें। अगर गर्दन या कंधा हिलाना ही है, तो बहुत सावधानी और धीमी गति से हिलाएं। तेज-तेज हिलाने की वजह से प्रभावित हिस्से में लगी चोट बढ़ सकती है और दर्द असहनीय हो सकता है।

इसे भी पढ़ें : रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर करें ये 5 योगासन, दर्द से मिलेगी राहत 

निष्कर्ष

स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगना अपने आप में गंभीर समस्या है। क्योंकि स्पाइनल कॉर्ड में चली चोट के कारण व्यक्ति की रोजरर्मा की जिंदगी प्रभावित होने लगती है। उनके लिए मूवमेंट करना, झुकना, चलना-फिरना सब पूरी तरह वर्जित हो जाता है। इसलिए, अगर किसी को स्पानल कॉर्ड में चोट लग जाए, तो जरा भी लापरवाही न करें, तुरंत डॉक्टर से मिलें।

All Image Credit: Freepik

Read Next

तीखा खाना खाने से कान में खुजली क्यों होती है? एक्सपर्ट से जानें

Disclaimer

TAGS