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क्या ज्यादा तीखा खाने से बॉडी में इंफ्लेमेशन बढ़ता है? जानें एक्सपर्ट से

क्या तीखा और मसालेदार खाना ज्यादा खाने से बॉडी में इंफ्लेमेशन होती है? क्या इससे बीमारियों का खतरा बढ़ता है? लेख में एक्सपर्ट से जानें इसका जवाब
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क्या ज्यादा तीखा खाने से बॉडी में इंफ्लेमेशन बढ़ता है? जानें एक्सपर्ट से


Does Spicy Food Cause Inflammation: आजकल हर किसी को लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं। इन समस्याओं की सबसे बड़ी वजह होती है बॉडी में इंफ्लेमेशन होना। शरीर के बाहर इंफ्लेमेशन को पहचाना जा सकता है। लेकिन शरीर के अंदर इंफ्लेमेशन को पहचानना उतना ही मुश्किल होता है। इसके कारण वजन तेजी से बढ़ता है और परेशानी बढ़ने लगती है। इंफ्लेमेशन बढ़ने के कारण डायबिटीज, पीसीओएस, थायराइड और पीसीओडी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ये हार्मोनल इंबैलेंस से जुड़ी समस्याएं हैं, जो बॉडी में इंफ्लेमेशन की ओर इशारा करती हैं। इतना ही नहीं, खानपान से जुड़ी गलतियों को भी इंफ्लेमेशन से जोड़कर देखा जाता है। उदाहरण के लिए, कई लोग मानते हैं कि ज्यादा तीखा या मसालेदार खाना खाने से इंफ्लेमेशन बढ़ती है। लेकिन क्या ऐसा वाकई होता है या यह महज मिथक है? इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि फरीदाबाद स्थित मेट्रो हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के डायरेक्टर डॉ विशाल खुराना से।

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क्या ज्यादा तीखा खाने से बॉडी में इंफ्लेमेशन बढ़ता है?

तीखे खाने को बॉडी की इंफ्लेमेशन से जोड़कर देखा जाता है। जबकि शरीर के लिए तीखा खाना फायदेमंद और नुकसानदायक दोनों है। एक्सपर्ट के मुताबिक तीखा खाना बॉडी में इंफ्लेमेशन बढ़ने की वजह नहीं होता है। लेकिन इसके कारण अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है जिससे इंफ्लेमेशन हो सकती है। जिन लोगों को कोई स्वास्थ्य समस्या है, उन्हें तीखा खाने से इंफ्लेमेशन का खतरा हो सकता है।

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किन लोगों के लिए तीखा खाना नुकसानदायक होता है?

लाल मिर्च में कैप्साइसिन पाया जाता है, जो रिएक्टिव कंपाउंड है। इसके कारण शरीर में दर्द और जलन हो सकती है। खासकर, जिन लोगों को एसिड रिफ्लक्स, इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और गैस्ट्रिटिस जैसी समस्याएं रहती हैं, उन्हें तीखा खाने से पेट में जलन हो सकती है। इसके कारण पेट में कुछ समय के लिए सूजन भी आ जाती है। लंबे समय में यह शरीर में सूजन बढ़ा सकता है। कुछ लोगों को इसके कारण अल्सर और इंफ्लेमेटरी बॉवेट डिजीज भी हो सकती हैं।

तीखा खाना कब और कैसे फायदेमंद हो सकता है?

कैप्साइसिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दर्द और सूजन से राहत देने में मदद करते हैं। इसलिए इसे ऑर्थोसिस और मसल्स पेन की दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि अगर तीखा खाना कम मात्रा में रोज खाया जाए, तो इससे क्रोनिक इंफ्लेमेशन कम होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड पाए जाते हैं, जो बॉडी में इंफ्लेमेशन कम करने में मदद करते हैं। हल्दी, अदरक और लहसुन जैसे मसाले बॉडी में इंफ्लेमेशन कम करने में मदद करते हैं। लेकिन अगर आप मसालेदार खाना रोज खाते हैं, तो इससे डिस्कंफर्ट और पेट में इर्रेिटेशन हो सकती है।

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लेख में हमने जाना तीखा खाना इंफ्लेमेशन बढ़ने का सीधा कारण नहीं है। लेकिन अगर किसी को कोई हेल्थ कंडीशन है या तीखा खाने की आदत नहीं है, तो ऐसे में इससे शरीर में सूजन हो सकती है। जिन लोगों की डाइट और लाइफस्टाइल हेल्दी नहीं है उन्हें इसका खतरा ज्यादा हो सकता है। इसलिए अपनी डाइट में सभी चीजें कम मात्रा में शामिल करें।

इस लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें।

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