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क्या जर्नलिंग एंग्जायटी को कम करने में मदद करती है? जानें इसके फायदे

अक्सर लोगों को जर्नलिंग करने की सलाह दी जाती है। लेकिन क्या इससे एंग्जायटी को कम करने में मदद मिलती है? आइए लेख में जानें -
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क्या जर्नलिंग एंग्जायटी को कम करने में मदद करती है? जानें इसके फायदे


Does Journaling Help Reduce Anxiety In Hindi: आज के समय में काम की भागदौड़ में ज्यादातर लोग स्ट्रेस और चिंता में रहते हैं, जो एक आम समस्या है। ऐसे में इससे राहत के लिए अक्सर लोगों को लाइफस्टाइल में बदलाव करने की सलाह दी जाती है और कई बार जर्नलिंग करने के लिए भी कहा जाता है। बता दें, जर्नलिंग में मन में चल रही बातों या भावनाओं या अनुभवों को पेपर पर लिखा जाता है। लेकिन क्या इससे मन को शांत करने और एंग्जायटी को कम करने में मदद मिलती है? ऐसे में आइए नोएडा के मेट्रो अस्पताल के कंसल्टेंट - क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट, डॉ. मनीषा सिंघल (Dr. Manisha Singhal, Consultant - Clinical Psychologist & Psychotherapist, Metro Hospital, Noida) से जानें क्या वाकई जर्नलिंग एंग्जायटी को कम करने में मदद करती है? और जर्नलिंग करने से क्या फायदे होते हैं?

क्या जर्नलिंग से एंग्जायटी कम होती है? - Does Journaling Reduce Anxiety?

डॉ. मनीषा सिंघल के अनुसार, जर्नलिंग में पेपर पर अपने विचारों, फिलिंग्स और अनुभवों को लिखने से एंग्जायटी को कम करने में मदद मिलती है। ऐसा करने से स्ट्रेस को कम करने और मूड को बेहतर करने में मदद मिलती है। इससे भावनात्मक बोझ को कम करने, ट्रिगर्स को पहचानने, सोचने, समझने की क्षमता को बढ़ावा देने और विचारों को स्पष्ट करने में मदद मिलती है।

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जर्नलिंग करने के फायदे - Benefits Of Journaling In Hindi

डॉ. मनीषा सिंघल बताते है कि जर्नलिंग करने से कई तरह के फायदे होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए कई तरीकों से फायदेमंद हो सकता है। ऐसा करना फायदेमंद है।

नींद में सुधार करे

नियमित रूप से जर्नलिंग करने से नींद में सुधार करने में मदद मिलती है। बता दें, रात के समय दिनभर के अनुभवों को करने से पेपर पर लिखने से चिंता को कम करने और भावनाओं को बाहर निकालने में मदद मिलती है, जिससे ब्रेन रिलैक्स हो जाता है और नींद की क्वालिटी में सुधार आता है।

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स्ट्रेस कम करे

जर्नलिंग में पेपर पर अपनी भावनाओं को लिखने से ब्रेन के स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है। इससे सोचने और समझने की क्षमता में सुधार करने और ब्रेन के प्रेशर को कम करने में मदद मिलती है, जिससे ब्रेन रिलैक्स रहता है।

मूड को बेहतर करे

नियमित रूप से लिखने से भावनात्मक पैटर्न में सुधार लाने और ट्रिगर्स को पहचानने में मदद मिलती है। जिससे व्यक्ति को भावनात्मक रूप से बैलेंस रहने और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिलती है।

ब्रेन के कार्यों को बेहतर करे

नियमित रूप से जर्नलिंग करने से विचारों को क्लियर करने, सोचने और समझने की क्षमता में सुधार करने में मदद मिलती है। जिससे ब्रेन रिलैक्स होता है और इसके कार्यों में सुधार करने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष

नियमित रूप से जर्नलिंग करने से एंग्जायटी और स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है, साथ ही, इससे ब्रेन के कार्यों में सुधार करने, मूड को बेहतर करने, ब्रेन को रिलैक्स करने, नींद के गुणवत्ता को बढ़ावा देने और सोचने-समझने की क्षमता में सुधार करने में मदद मिलती है। लेकिन ध्यान रहे, अगर आप अधिक एंग्जायटी की समस्या से जुझ रहे हैं, तो एक्सपर्ट से मदद जरूर लें। 

All Images Credit- Freepik

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  • Current Version

  • Sep 22, 2025 17:00 IST

    Published By : Priyanka Sharma

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