hormonal imbalance diseases: स्वस्थ रहने के लिए हार्मोंस का संतुलन में होना बहुत जरूरी होता है। हार्मोंस में बदलाव कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। हार्मोनल बदलाव शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित करता है। वैसे तो पुरुष और महिलाओं दोनों में हार्मोंस असंतुलित हो सकते हैं, लेकिन यह समस्या महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है। इसकी वजह से (हार्मोनल बदलाव) महिलाओं को कई तरह की यौन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म, चिड़चिड़ापन, अधिक नींद आना, वजन बढ़ना, चिंता गुस्सा, मूड स्विंग जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इतना ही नहीं हार्मोनल बदलाव यौन समस्याओं का भी कारण बनता है। सीके बिरला अस्पताल, दिल्ली की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रूबी सेहरा (Dr Ruby Sehra, Obstetrician and Gynaecologist, CK Birla Hospital, Delhi) जानें हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं को होने वाली यौन समस्याएं-
हार्मोन में बदलाव के कारण होने वाली समस्याएं (disease due to hormonal imbalance in women)
1. अनियमित पीरियड्स
हार्मोनल बदलाव होने पर महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं में से एक है अनियमित पीरियड्स। वैसे तो महिलाओं को 21 से 35 दिन के भीतर पीरियड्स आते हैं। लेकिन अगर इससे पहले या देर में आते हैं, तो इसे अनियमित पीरियड्स की श्रेणी में रखा जाता है। इसका मतलब है महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का अधिक या कम होना। अनियमित पीरियड्स पीसीओडी (PCOD) का लक्षण हो सकता है। हार्मोन में बदलाव के वजह से किशोरियों में पीसीओडी की समस्या देखने को मिलती है।
2. यौन इच्छा में कमी
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुष हार्मोन है। लेकिन महिलाओं का शरीर में इसे बनाता है। महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में कमी होने से यौन इच्छा में कमी आती है। इसके अलावा एस्ट्रेजन हार्मोन में बदलाव भी यौन इच्छा में कमी का कारण बन सकता है।
3. इनफर्टिलिटी
हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, पीसीओडी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लंबे समय तक इन समस्याओं से घिरे रहना इनफर्टिलिटी की ओर इशारा करता है। इनफर्टिलिटी यानी बांझपन, इसमें महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत आती है। इसका मतलब है कि हार्मोनल असंतुलन बांझपन का कारण भी बन सकता है।
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4. वेजाइनल ड्रायनेस
वेजाइना का सुरक्षित रखने के लिए हार्मोन का संतुलन में होना जरूरी होता है। जब हार्मोनल असंतुलन होता है, तो वेजाइनल ड्रायनेस की समस्या हो सकती है। दरअसल, हार्मोन योनि या वेजाइना ऊतकों को आरामदायक और नमी बनाए रखने में मदद करते हैं। ऐसे में जब एस्ट्रोजन हार्मोन में कमी आती है, तो आपको वेजाइनल ड्रायनेस या योनि में सूखेपन की समस्या का सामना करना पड़ता है। एस्ट्रोजन की कमी योनि में नमी कम करता है, जिससे ड्रायनेस होती है।
5. मेनोपॉज के बाद समस्या
हार्मोनल अंसुतलन की वजह से महिलाओं को मेनोपॉज के बाद भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हार्मोनल अंसतुलन के कारण मासिक धर्म, गर्भावस्था और मेनोपॉज की स्थिति में कई समस्याएं हो सकती हैं।
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हार्मोन को संतुलित करने के उपाय (how to prevent hormonal imbalance)
डॉक्टर रूबी सेहरा बताती हैं कि महिलाओं को समय-समय पर स्त्री रोग विशेषज्ञ की राय पर जरूर टेस्ट करवाते रहने चाहिए। साथ ही हार्मोनल बदलाव का कोई भी लक्षण नजर आने पर डॉक्टर की राय जरूर लेनी चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए हार्मोंस का संतुलन में रहना बहुत जरूरी है। हार्मोन का उतार-चढ़ाव होना बेहद सामान्य है। लेकिन इसमें बदलाव कई बीमारियों का कारण बन सकता है। हार्मोन को संतुलित करने के उपाय (hormone balance tips)-
- हार्मोन को संतुलन में रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। इसके लिए बैलेंस डाइट लें।
- हार्मोन को संतुलन में रखने के लिए वेट कंट्रोल में रखें। मोटापे से बचें।
- जंकफूड, तंबाकू, धूम्रपान और एल्कोहल के सेवन से बचें।
- बैलेंस डाइट में लें। इसमें सलाद, दूध, साबुत अनाज, ब्रोकली आदि शामिल करें।
- सैचुरेटेड फैट से परहेज करें।
- रेगुलर व्यायाम और योगा करें। प्राणायाम भी करें।
- खुद को हाइड्रेट रखें। इसके लिए 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
अगर आपको भी हार्मोंस में बदलाव के लक्षण देखने को मिलते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से कंलस्ट करें। क्योंकि आगे चलकर यह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
(all images source: freepik)
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