प्रेग्नेंसी के दौरान पेट और पैरों पर क्यों हो जाते हैं रैशेज? जानें कारण और 5 घरेलू उपचार

प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को प्लैक ऑफ प्रेग्नेंसी नामक स्किन रैश हो सकता है। इसमें बहुत अधिक खुजली होती है और बहुत असहज भी महसूस होता है। 
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प्रेग्नेंसी के दौरान पेट और पैरों पर क्यों हो जाते हैं रैशेज? जानें कारण और 5 घरेलू उपचार


गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कभी-कभी पेट और पैरों पर लाल रंग के छोटे छोटे दाने देखने को मिलते हैं। जो हाइव जैसी स्थिति के समान लगते हैं। इन्हें प्रुरिटिक अर्टिकेरियल पैपुल्स एंड प्लाक ऑफ़ प्रेग्नेंसी (PUPPP) कहा जाता है। जिससे काफी खुजली भी महसूस होती है। मदरहुड हॉस्पिटल में सीनियर आब्सट्रिशियन एंड गायनोकोलॉजिस्ट डॉ मनीषा रंजन बताती हैं कि पप या प्रुरिटिक अर्टिकेरियल पैपुल्स एंड प्लाक ऑफ़ प्रेग्नेंसी (PUPPP) एक खास तरह की पित्ती है। यह  त्वचा पर चकत्तेदार होती हैं जो बेहद खुजलीदार होती है। इससे गर्भवती को असुविधा हो सकती है। इस प्रकार का रैश 150 से तीन सौ प्रेग्नेंसी में से एक महिला को प्रभावित कर सकता है। हालांकि यह समस्या छठे महीने में देखने को मिल सकती है। खासकर कि यदि गर्भ में एक से अधिक बच्चे हैं या महिला की यह पहली प्रेगनेंसी है। इस कारण खुजली एक हफ्ते तक रह सकती है। पर रैश समय समय पर दोबारा हो सकते हैं। वैसे यह स्थिति बच्चे या मां के लिए अधिक नुकसानदायक नहीं होती। लेकिन अच्छी बात तो यह है कि इस समस्या का उपचार भी सम्भव है। आप घरेलू उपचार की मदद से राहत पा सकती हैं।

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इसे निम्न नामों से भी जाना जाता है : 

  • नर्स लेट ऑनसेट प्रीरिगो
  • टॉक्सिक अर्यथमिया ऑफ प्रेग्नेंसी
  • टॉक्सेमिक रैश ऑफ प्रेग्नेंसी
  • बोर्न टॉक्सेमिक रैश ऑफ प्रेग्नेंसी।

घरेलू उपचार जो देंगे आराम

1. ओटमील बाथ : 

ओटमील में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो खुजली और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए ये उपचार फायदेमंद है।

कैसे करें

  • सबसे पहले अपने टब को पानी से भर लें। 
  • अब इसमें एक से दो कप ओटमील डाल दें। 
  • ओट्स को अब पानी में घुलने के लिए 20 से 30 मिनट का इंतजार करें। 
  • इसके बाद गस पानी से नहा लें। 
  • इस तरह से आप हफ्ते में दो से तीन बार ऐसे नहा सकती हैं। 

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2. पिपरमिंट : 

इसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुण खुजली कम करने में सहायक होते हैं।

कैसे करें

  • सबसे पहले दो से तीन चम्मच पिपरमिंट ऑयल लें और उसमें आधा चम्मच नारियल तेल की मिला दें। 
  • दोनों चीजों को अच्छे से मिला दें और प्रभावी भाग पर इस मिश्रण को अप्लाई कर लें। 
  • इसे 20 से 30 मिनट तक के लिए ऐसे ही छोड़ दें और इसके बाद धो लें। 
  • आप इसका प्रयोग रोजाना भी कर सकती हैं। 

3. लौंग का तेल : 

कैसे करें

  • दो से तीन बूंद लौंग के तेल की लें और आधी चम्मच नारियल के तेल की मिला दें। 
  • अच्छे से दोनों तेल को मिलाएं और प्रभावित भाग पर लगा लें। 
  • 20 से 30 मिनट तक इसे प्रभावित भाग पर लगा कर छोड़ दें और फिर धो लें। 
  • अब इसे धो लें। रोजाना एक से दो बार इसे जरूर अप्लाई करें। 
  • इससे आपकी खुजली कम होती है और रैश के लक्षण भी कम होते हैं।

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4. कोल्ड कंप्रेस : 

कैसे करें

  • प्रभावित भाग पर कोल्ड कंप्रेस अप्लाई कर लें। 
  • इसे 5 से 10 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • अब इसे हटा दें और अगर जरूरत पड़े तो कुछ समय के बाद दोबारा से अप्लाई करें।
  • रोजाना इसका प्रयोग एक से दो बार जरूर करें। 
  • कंप्रेस से भी खुजली और रैश कम होते हैं।

5. डांडेलियन रूट : 

  • एक कप पानी में दो से तीन चम्मच डांडेलियन रूट टी मिला लें। 
  • इसे एक बर्तन में डालें और उबाल दें। 
  • अब 5 से 10 मिनट के लिए इसे ठंडा होने दें और छान लें। 
  • अब रुई को इस पानी में डालें और निचोड़ लें। इसे अब प्रभावित भाग पर लगा लें और आधे घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें। 
  • इस के बाद पानी की मदद से धो लें। 
  • रोजाना एक से दो बार इसका प्रयोग जरूर करें।

अगर घरेलू उपचारों से आपको कोई आराम नहीं मिलता है तो आप डॉक्टर से कोई क्रीम या दवाई की सलाह ले सकती हैं। अधिक से अधिक पानी पिएं और इन्हें अधिक बढ़ने से बचने के लिए रैश पर ज्यादा खुजली न करें। अधिक गर्म पानी से भी न नहाएं।

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