क्या प्रेगनेंसी में किताबें पढ़ने से बेहतर होता है शिशु का मानसिक विकास? जानें प्रेगनेंसी में पढ़ने के फायदे

प्रेगनेंसी के दौरान किताबें पढ़ने से महिलाओं की सेहत को कई फायदे हो सकते हैं। जानते हैं इसके फायदे और कौन सी किताबें पढ़नी चाहिए।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या प्रेगनेंसी में किताबें पढ़ने से बेहतर होता है शिशु का मानसिक विकास? जानें प्रेगनेंसी में पढ़ने के फायदे


प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को खुश रहने की सलाह दी जाती है। जितना वह खुश रहेंगी और जितना सकारात्मक सोच रखेंगी उतना ही सकारात्मक असर उनके बच्चे पर पड़ेगा और बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूती भी मिलेगी। ऐसे में डॉक्टर खुश रहने के लिए महिलाओं को उस काम को करने की सलाह देते हैं, जिससे उनके मन को शांति मिले। उन्हीं कामों में से एक है किताबें पढ़ना। प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को किताब पढ़ने की सलाह दी जाती है। इसके पीछे कई कारण छिपे हो सकते हैं। आज का हमारा लेख उन्हीं कारणों पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को किताब पढ़ने की सलाह क्यों दी जाती है और महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कौन-सी किताबें पढ़नी चाहिए, इसके बारे में भी बताएंगे। साथ ही इससे जुड़ी रिसर्च के बारे में भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...

क्या कहती है रिसर्च

रिसर्च के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान पढ़ना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। बता दें कि इससे संबंधित एक रिसर्च भी सामने आई है। यह रिसर्च नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई है, जिसके मुताबिक गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बुक रीडिंग कर सकती हैं। रिसर्च पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

गर्भावस्था के दौरान पढ़ने के फायदे

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पढ़ने से कई फायदे हो सकते हैं। यह फायदे निम्न प्रकार हैं-

1 - यदि महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान अच्छी और सकारात्मक सोच को प्रेरित करने वाली किताबें पढ़ती हैं तो इससे बच्चों के अंदर भी सकारात्मक सोच रखने वाले गुण आ सकते हैं।

2 - प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को मूड स्विंग की समस्या या अशांति जैसा महसूस हो सकता है। ऐसे में महिलाएं इस समस्या को दूर करने के लिए भी बुक रीडिंग की मदद ले सकती हैं। बुक रीडिंग के माध्यम से न केवल मन को शांत किया जा सकता है बल्कि मूड को भी बेहतर बनाया जा सकता है।

3 - यदि महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान नवजात शिशु पर आधारित किताबें पढ़ती हैं तो इससे डिलीवरी के समय खुद को तैयार करने में महिलाओं को मदद मिल सकती है।

4 - प्रेगनेंसी के दौरान किताबें पढ़ने से शिशु के दिमाग को तेज बनाया जा सकता है।

5 - यदि महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान किताबें पढ़ती हैं तो इससे शिशु में भाषा कौशल का भी विकास हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान महिलाएं किन किताबों को पढ़ें और किन किताबों से दूरी बनाएं?

गर्भावस्था के दौरान महिलाएं शिशु की देखभाल से संबंधित किताबें, गर्भावस्था पर आधारित किताबें, धार्मिक किताबें आदि पढ़ सकती हैं। इसके अलावा प्रेग्नेंसी ब्लूज (Pregnancy Blues), आयुर्वेदिक गर्भ संस्कार (Ayurvedic Garbh sanskar), व्हाट टू डू व्हेन यू आर हैविंग टू (What to do when you are having twins baby), बी प्रिपयेर्ड (Be Prepared), पासपोर्ट टू हेल्दी प्रेग्नेंसी (Passport to a healthy pregnancy), श्रीमद भगवद गीता (Shree Bhagwat Geeta), फिट प्रेग्नेंसी (Fit pregnancy) आदि पढ़ सकते हैं।  वहीं महिलाओं को हिंसात्मक खबरें, नकारात्मक सोच रखने वाली किताबें, डरावनी किताबें आदि को पढ़ने की सलाह नहीं दी जाती है। इससे मां और बच्चें दोनों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि प्रेगनेंसी के दौरान किताबें पढ़ना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इससे ना केवल महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा बल्कि नवजात शिशु के मानसिक विकास के लिए भी किताबें पढ़ना एक बेहतर विकल्प है। लेकिन महिलाओं को किताबों का चयन करते वक्त थोड़ा ध्यान रखने की जरूरत है। खासकर नकारात्मक सोच रखने वाली किताबों से महिलाओं को ऐसे समय में दूर रहना जरूरी है। ऐसे में महिलाएं किसी एक्सपर्ट की मदद से किताबों का चयन कर सकती हैं।

इस लेख में फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।

Read Next

प्रेगनेंसी में मसूड़ों से खून आने के हो सकते हैं ये 5 कारण, डॉक्टर से जानें लक्षण और बचाव

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version