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पैंक्रियाटाइटिस और पैंक्रियाटिक कैंसर कैसे हैं एक दूसरे से अलग? जानें इनके बीच का अंतर

Difference Between Pancreatitis And Pancreatic Cancer In Hindi: पैंक्रियाटाइटिस और पैंक्रियाटिक कैंसर, एक-दूसरे से अलग होने के बावजूद, एक जैसे लगते हैं। जानें, इनके बीच क्या फर्क है।
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पैंक्रियाटाइटिस और पैंक्रियाटिक कैंसर कैसे हैं एक दूसरे से अलग? जानें इनके बीच का अंतर


Difference Between Pancreatitis And Pancreatic Cancer In Hindi: नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, पैंक्रियाटाइटिस, क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस और पैंक्रियाटिक कैंसर, तीनों ही अपने आप में गंभीर बीमारियां हैं। तीनों काफी एक-दूसरे से मिलती जुलती बीमारी हैं। इसके बावजूद, यह कहने गुरेज नहीं है कि ये तीनों ही एक-दूसरे से अलग भी हैं। जैसे एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस (Acute Pancreatitis), पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatitis Cancer) का पहला लक्षण हो सकता है। ऐसा खासकर 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलता है। बहरहाल, इन बीमारियों को बेहतर तरीके से जानना और इसके लक्षणों को समझना बहुत जरूरी है। साथ ही, ये एक-दूसरे से कैसे अलग है, यह जानकारी होना भी आवश्यक है। ऐसा करके आप इसके होने के जोखिम को कम कर सकते हैं। साथ ही, समय पूर्व जरूरी सावधानियां बरतकर इसकी गंभीरता भी घटाया जा सकता है। इस बारे में हमने देहरादून स्थित मैक्स अस्पताल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (एमबीबीएस एमडी डीएनबी) डॉ.  प्रत्यूष शरण सिंघल और शारदा केयर - हेल्थसिटी और शारदा अस्पताल में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग वरिष्ठ सलाहकार और विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल ठाकवानीसे बात की।

पैंक्रियाटाइटिस क्या है?- What Is Pancreatitis In Hindi

difference between pancreatitis and pancreatic cancer 01

पैंक्रियाज में आई सूजन को पैंक्रियाटाइटिस कहा जाता है। यह दो तरह का होता है। एक, एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस और दूसरा, क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस। पैंक्रियाटाज में आई अचानक सूजन को एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस कहा जाता है। आपको बता दें कि पेट में एक छोटे से अंग को पैंक्रियाज कहा जाता है। यह पाचन में मदद करता है। वहीं, क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस की बात करें, तो यह एक गंभीर स्थिति है। इसकी वजह से पैंक्रियाज क्षतिग्रस्त हो सकता है और इसकी कार्यप्रणाली भी प्रभावित हो सकती है। क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस होने का मतलब है कि अब शरीर आवश्यकता अनुसार एंजाइम्स और हार्मोंस प्रोड्यूस नहीं कर पाएगी, जितनी जरूरत है। यही नहीं, पैंक्रियाज इंसुलिन भी बनाता है, जो कि शरीर में ब्लड शुगर के सतर को मैनेज करने में मदद करता है। क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस होने पर पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हो सकता है, जो कि धीरे-धीरे  पीठ तक पहुंच जाता है। अगर कोई रेगुलर शराब का सेवन करता है, तो उनमें यह कंडीशन और भी बिगड़ जाती है। यही नहीं, डायरिया, उल्टी, मल में बहुत अधिक गंध आना, अचानक वजन कम होना आदि लक्षण भी नजर आते हैं।

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पैंक्रियाटिक कैंसर क्या है?- What Is Pancreatic Cancer In Hindi

जैसा कि कैंसर का मतलब आप जानते ही होंगे कि असामान्य सेल्स की असीमित मात्रा में में ग्रोथ होना। इसी तरह, जब पैंक्रियाज में असीमित मात्रा में असामान्य सेल्स ग्रो करते हैं, तो उसे पैंक्रियाटिक कैंसर कहा जाता है। पैंक्रियाटिक कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे लगातार स्मोकिंग करना, पैंक्रियाटिक कैंसर की मेडिकल हिस्ट्री होना या इनहेरिटेड कैंसर सिंड्रोम होना। इसके अलावा, कुछ मेडिकल कंडीशंस भी इसके लिए जिम्मेदार होती हैं। पैंक्रियाटिक कैंसर होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जैसे पेट में दर्द होना, स्किन का पीला पड़ जाना, जॉन्डिस होना, मल में बदलाव आना और अचाकन वजन घटना। ध्यान रखें कि पैंक्रियाटिक कैंसर का शुरुआती दिनों में पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। इसे एग्जामिन करने के लिए तरह-तरह के टेस्ट किए जाते हैं। पैंक्रियाटिक कैंसर का ट्रीटमेंट, इसके अलग-अलग स्टेजेस पर निर्भर करता है।

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पैंक्रियाटाइटिस और पैंक्रियाटिक कैंसर में अंतर- How To Differentiate Between Pancreatitis And Pancreatic Cancer In Hindi

पैंक्रियाटाइटिस और पैंक्रियाटिक कैंसर, दोनों ही अपने आप में गंभीर स्थितियां हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो सामान्य लोगों के लिए दोनों में फर्क करना काफी मुश्किल होता है। लेकिन आपको बता दें कि दोनों के लक्षण एक जैसे होते हुए भी एक-दूसरे से काफी भिन्न होते हैं। हालांकि, स्कैन करने पर दोनों एक ही बीमारी लग सकती है। लकिन पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण पैंक्रियाटाइटिस की तुलना में अधिक गंभीर होते हैं। बहरहालपैंक्रियाटाइटिस और पैंक्रियाटिक कैंसर के बारे में जानने के लिए इमेजिंग टेक्नीक, सिटी स्कैन, एमआरआई और पेट टेस्ट किए जाते हैं। हालांकि, इनके इलाज के लिए बायोप्सी या सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। डॉक्टर मरीज की स्थिति देखकर सही ट्रीटमेंट की शुरुआत करते हैं।

All Image Credit: Freepik

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