बिनौले के तेल (कॉटनसीड ऑयल) के 10 फायदे, प्रयोग का तरीका और 4 नुकसान

बिनौले का तेल त्वचा संबंधी रोगों से लेकर पेट के की रोगों में फायदेमंद होता है। इसके सही मात्रा में सेवन से अधिक फायदा मिलता है।   
  • SHARE
  • FOLLOW
बिनौले के तेल (कॉटनसीड ऑयल) के 10 फायदे, प्रयोग का तरीका और 4 नुकसान


सोया, मक्का, कैनोला के बाद सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल कपास है। कपास के बीज को ही बिनौला कहते हैं। कपास का प्रयोग जानवरों के लिए, ईयरबड बनाने में, रूई बनाने में, मेडिकल रूप में कई तरह से किया जाता है। इससे बना परिष्कृत बिनौले के बीज का तेल (Cottonseed oil benefits) सौंदर्य प्रसाधनों व खाद्य पदार्थों में उपयोग में लाया जाता है। इस तेल में इतने गुण हैं कि भारतीय कृषि अनुसंधान भी इस तेल को प्रमुख तेलों की तरह खाद्य तेल के रूप में प्रमोट करने का प्रयास कर रहा है। गाजियाबाद में स्थित राष्ट्रीय धर्मार्थ सेवा संस्थान के आयुर्वेदाचार्य के डॉ. राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि बिनौले का तेल आंतों के रोग में, सूजन में और हृदय रोगों में बहुत कारगर है। आज के इस लेख में हम डॉ. राहुल चतुर्वेदी से जानेंगे बिनौले के तेल का क्या उपयोग है और यह किन बीमारियों में अधिक फायदेमंद है। तो वहीं, इसके साइड इफैक्ट्स (Cottonseed Oil Side Effects in Hindi) के बारे में भी जानेंगे।  

बिनौले में मौजूद पोषक तत्त्व

  • प्रोटीन (20%)
  • वसा  (20%)
  • स्टार्च (3.5%)

बिनौले के तेल के फायदे और उपयोग (Benefits and uses of cottonseed oil in hindi)

1. कब्ज में मददगार

बिनौले का तेल कब्ज में बहुत मददगार है। यह सामान्य लोगों के अलावा गर्भवती महिलाओं को होने वाली कब्ज में आराम दिलाता है। डॉ. राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को अक्सर गर्भावस्था में कब्ज की परेशानी होती है। इस परेशानी को दूर करने के लिए गर्भवती महिला को बिनौले का तेल दूध में डालकर पीना चाहिए, इससे कब्ज होने पर आराम मिलता है। इससे आसानी से पेट साफ हो जाता है।

बिनौले के तेल अन्य उपयोग पर डॉ. राहुल चतुर्वेदी कहते हैं कि सामान्य लोग जिन्हें कब्ज की परेशानी होती है, वे बिनौले के तेल को 2-3 एमएल रोज पीएं, इससे उनकी कब्ज की समस्या कम होती है। 

Inside2_kansgraasbenefits

2. पेट के रोगों को करे दूर

डॉ. राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि बिनौले का तेल पेट के कई रोगों को दूर करता है। बिनौले का तेल पेट के कीड़, आंतों में मल का जमना, आंतों की सूजन आदि में अच्छा काम करता है। जिन लोगों को यह परेशानियां हैं, वे बिनौले तेल को 2-3 एमएल रोज सुबह शाम खाली पेट पिएं, इससे उन्हें आराम मिलेगा। 

3. त्वचा के लिए फायदेमंद

त्चवा संबंधी रोगों को खत्म करने या कम करने में बिनौले का तेल काफी फायदेमंद है। यह तेल कई सौंदर्य प्रसाधनों में प्रयोग किया जाता हैा। इसका प्रयोग नहाने का साबुन और मॉश्चराइजिंग लोशन आदि में होता है। डॉ. राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि जिन लोगों को अपनी त्वचा पर ग्लो और चमक चाहिए वे नारियल के तेल के साथ बिनौले का तेल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा मुलायम बनती है।

स्किन पर बिनौले के तेल को लगाने से सूरज की किरणों से भी प्रोटेक्शन मिलता है। यह त्वचा को मॉश्चराइज करता है और एंटी-एजिंग से बचाता है।  

inside1_cottonseedoilbenefits

इसे भी पढ़ें : कई रोगों में फायदेमंद है कैमोमाइल तेल, आयुर्वेदाचार्य से जानें इसके 6 फायदे

4. हड्डियों को दे मजबूती

डॉ. चतुर्वेदी का कहना है कि बिनौले का तेल महंगा होता है। पर इसके फायदे भी काफी हैं। इस तेल की मसाज करने से उतना ही फायदा मिलता है जितना कि जैतून के तेल का। मसाज करने से त्वचा तो मजबूत होती ही है साथ ही हड्डियों को भी मजबूती मिलती है।

5. दिल के लिए फायदेमंद है बिनौले का तेल

बिनौले के तेल में गुड कोलेस्ट्रॉल होता है, जो हृदय के लिए अच्छा होता है। इसमें सेचुरेटेड फैट की मात्रा कम होती है। इस वजह से यह हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। तो वहीं, इनमें बाकि वेजिटेबल ऑइल के मुकाबले में सेचुरेटेड फैट भी अधिक होता है। इस तेल के सेवन ब्लड प्रेशर बेहतर होता है जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है। 

डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि कश्मीरी लहसुन के दो गांठें और बिनौले के तेल का सेवन कोलेस्ट्रॉल कम करने में फायदेमंद होता है। 

6. सूजन में फायदेमंद

बिनौले के तेल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके तेल से आंतों की सूजन भी कम होती है। बिनौले के तेल में जैतून के तेल जैसे ही एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं, यह हार्ट डिजीज से लेकर अर्थराइटिस की सूजन कम करने में भी मदद करता है। इस तेल में मोनोअनसेच्युरेटिड फैट होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। 

inside5_cottonseedoilbenefits

7. घाव को सुखाने में मददगार

बिनौले के तेल में विटामिन ई होता है, जो त्वचा संबंधी परेशानियां जैसे अल्सर, सोराइसिस आदि में मददगार साबित होता है। यह तेल घाव को सुखाने में भी मददगार है। बिनौले के तेल में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होते हैं जो घाव को भरने में मदद करते हैं। 

8. बालों के लिए मददगार बिनौले का तेल

बिनौले के तेल में विटामिन ई पाया जाता है। इसलिए यह माना जाता है कि इस तेल का उपयोग करने से बालों की समस्या खत्म होती है। आजकल बालों का टूटना, बालों का पतला होना, डैंड्रफ आदि परेशानियां आम हैं, यह परेशानियां बिनौले के तेल से नियंत्रित होती हैं। यह तेल बालों को पर्यावरण से होने वाले नुकसान से बचाता है। साथ ही बालों को मॉश्चराइज भी करता है। इसके अलावा इस तेल को लगाने से प्रोटीन का नुकसान होने से बचता है। इस एक तेल के उपयोग के कई फायदे हैं। 

inside3_cottonseedoilbenefits

9. गठिया रोग में फायदेमंद

विशेषज्ञों का मानना है कि गठिया रोग होने पर बिनौले तेल की मालिश करने से परेशानी में आराम मिलता है। तो वहीं, बिनौले को पीसकर गठिया वाली जगह पर लगाने से फायदा मिलता है। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी आयर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें। गठिया रोग में बिनौले के तेल के अलावा जैतून का तेल, एवोकाडा का तेल और अखरोटा का तेल भी फायदेमंद है। 

इसे भी पढ़ें : दर्द और सूजन से जल्द राहत के लिए 5 आयुर्वेदिक नुस्खे

10. स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ाए

बिनौले के तेल से स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ती है। साथ ही इससे फोड़े, फुंसी भी ठीक होते हैं। चर्म रोगों को ठीक करने में यह काफी मददगार है। 

बिनौले के तेल के साइ़ड इफैक्ट्स

1.बिनौले के तेल में गोसिपोल पाया जाता है जिस वजह से यह लिवर पर नकारात्मक रूप से प्रभाव डालता है। 

2. जिन लोगों को बिनौले के तेल से एलर्जी होती है, वे इसका सेवन न करें। 

3. इस तेल में पाया जाने वाला गोसिपोल, आपको कुपोषण का शिकार बना सकता है। 

4. इससे इनफर्टीलिटी की परेशानी भी बढ़ती है। 

बिनौले का तेल तभी फायदेमंद साबित हो सकता है, जब इसका सीमित मात्रा में उपयोग किया जाए। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से आपको इसके नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं। इसलिए ध्यानपूर्वक इसका सेवन करें। कोई भी दुष्प्रभाव दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करें। 

Read More Articles on Ayurveda in hindi 

Read Next

रात को सोने से पहले इलायची खाने के 7 फायदे, आयुर्वेदाचार्य से जानें

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version