Connection between Constipation and UTI: हमारे शरीर के सभी अंगों का कामकाज एक-दूसरे से जुड़ा है। लेकिन जब हमें कोई बीमारी होती है, तो हम सिर्फ उस बीमारी के बारे में सोचते हैं। लेकिन असलियत यह है कि कई बार दो समस्याएं आपस में जुड़ी होती हैं और एक बीमारी दूसरी को जन्म दे सकती है। इसी तरह दो सामान्य सी दिखने वाली बीमारी है कब्ज (Constipation) और मूत्र मार्ग संक्रमण यानी यूटीआई (Urinary Tract Infection)। अक्सर लोग सोचते हैं कि कब्ज और यूटीआई दोनों अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याएं हैं।
लेकिन ऐसा नहीं है। दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल के लिवर ट्रांसप्लांट और सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. मनोज गुप्ता के अनुसार, कब्ज और यूटीआई के बीच खास कनेक्शन है। कब्ज की समस्या बार-बार हो तो यह यूटीआई को जन्म दे सकती है।
कब्ज क्या है?- What is Constipation
कब्ज यानी मल त्याग में कठिनाई होना। इसमें व्यक्ति को पेट साफ करने में जोर लगाना पड़ता है। कब्ज में मल कठोर हो जाता है। इसमें मल त्याग के दौरान शरीर को अतिरिक्त दबाव लगाना पड़ता है और पेट में भारी पन व गैस की समस्या होती है।
इसे भी पढ़ेंः कब्ज में किस आटे की रोटी खानी चाहिए? एक्सपर्ट बता रहे हैं इसे खाने के अन्य फायदे भी
यूटीआई क्या है?- What is Urinary Tract Infection
यूटीआई (Urinary Tract Infection) एक संक्रमण है जो मूत्र प्रणाली के किसी भी हिस्से- मूत्रमार्ग, मूत्राशय, मूत्र नलिका में होता है। यूटीआई के सामान्य लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते समय जलन और पेट के निचले हिस्से में दर्द होने जैसे लक्षण नजर आते हैं।
कब्ज और यूटीआई के बीच क्या संबंध है- connection between constipation and UTI
डॉ. मनोज गुप्ता का कहना है कि कब्ज होने पर आंतों में मल जमा हो जाता है, जिससे मलाशय में दबाव बढ़ता है। यह दबाव मूत्राशय पर भी असर डालता है, जिससे पेशाब पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाता। आधा या पूरी तरह से खाली न हुआ मूत्राशय बैक्टीरिया को पनपने देता है। इससे यूटीआई होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। साथ ही, लंबे समय तक कब्ज रहने से पेल्विक फ्लोर मसल्स भी कमजोर हो सकती हैं, जो मूत्र नियंत्रण को प्रभावित करती है। कब्ज के कारण होने वाला यूटीआई महिलाओं और बच्चों में आम होता है।
इसे भी पढ़ेंः हाइपोथायरायडिज्म में कब्ज की समस्या ज्यादा क्यों होती है, इससे बचाव के लिए क्या करें
1. मल की रुकावट यूरिन पर दबाव बनाती है
जब मल बड़ी आंत में जमा रहता है, तो यह मूत्राशय पर दबाव डालता है। इससे पेशाब ठीक से नहीं हो पाता और मूत्र रुका रहता है। डॉक्टर बताते हैं कि मल की रुकावट और यूरिन पर पड़ने वाला दबाव यूटीआई की समस्या को जन्म दे सकता है।
2. मल त्याग में दबाव
लगातार मल त्याग में जोर लगाना मूत्राशय और पेल्विक मांसपेशियों पर दबाव बनाता है, जिससे वे कमजोर हो सकते हैं और पेशाब अधूरा छूट जाता है। इससे यूटीआई की परेशानी होती है।
3. संक्रमण का फैलाव
यूटीआई का सबसे बड़ा कारण है बैक्टीरिया। जब और ये अक्सर मलद्वार के पास से मूत्रमार्ग तक पहुंच जाते हैं। अगर कब्ज की वजह से गंदगी ज्यादा समय तक वहां रुकी रहती है तो संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
इसे भी पढ़ेंः हाई यूरिक एसिड में हरसिंगार के फायदे, जानें आयुर्वेदाचार्य से
4. महिलाओं को ज्यादा खतरा
कब्ज के कारण होने वाली यूटीआई की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। महिलाओं में मलद्वार और मूत्र मार्ग की दूरी कम होती है, इसलिए अगर कब्ज हो तो संक्रमण तेजी से फैल सकता है।
कब्ज और यूटीआई से बचाव के तरीके- Ways to prevent constipation and UTI
अगर आपको लगातार कब्ज और यूटीआई की परेशानी हो रही है, तो अपनी रोजमर्रा की जीवनशैली में कुछ बदलाव जरूर करें।
फाइबर- रोजाना की खाने में सेब, अमरूद, पपीता, नाशपाती, पालक, लौकी, गाजर, भिंडी, दलिया, ओट्स, ब्राउन राइस को शामिल करें। इनमें हाई फाइबर पाया जाता है। फाइबर मल को मुलायम बनाकर मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाता है। इससे आंतों को साफ रखने में मदद मिलती है और कब्ज व यूटीआई की परेशानी दूर होती है।
यूरिन न रोकें- जब भी पेशाब लगे, तुरंत जाएं। लंबे समय तक यूरिन रोकने से बैक्टीरिया तेजी से बढ़ सकते हैं और यूटीआई हो सकता है।
पानी पिए- रोजाना कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं। सुबह उठते ही खाली पेट गुनगुना पानी पीने की आदत डालें। डॉक्टर बताते हैं कि रोजाना सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से कब्ज की समस्या खत्म होती है।
नारियल पानी- कब्ज और यूटीआई बार-बार हो रहा है तो रोजाना 1 गिलास नारियल पानी जरूर पिएं। नारियल पानी पीने से शरीर को फाइबर मिलता है और ये कब्ज को दूर करता है।
इसे भी पढ़ेंः बूंदी रायता vs खीरे का रायता क्या है सेहत के लिए ज्यादा बेहतर
कब्ज और यूटीआई की परेशानी में डॉक्टर से कब मिलें- When to see a doctor for constipation and UTI problems
अगर आपको नीचे बताए गए लक्षण 3 दिन से ज्यादा स्वयं में नजर आते हैं, तो ये चिंता का विषय है। इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।
- कब्ज की समस्या 3 दिन से ज्यादा तक बनी रहती है।
- पेशाब में लगातार जलन, दर्द और खून आता है।
- पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना।
- बुखार के साथ पेशाब की समस्या।
इसे भी पढ़ेंः खाली पेट पिएं काला नमक, हींग और अजवाइन का पानी, सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे
निष्कर्ष
डॉक्टर के साथ बातचीत के आधार पर हम ये कह सकते हैं कि कब्ज और यूटीआई दिखने में अलग समस्या लेकिन शरीर में आपस में गहराई से जुड़ी हुई दो बीमारियां हैं। कब्ज का असंतुलन यूटीआई को जन्म दे सकता है। इससे बचाव के लिए सबसे जरूरी है सही आहार, भरपूर पानी और पेशाब के दौरान सफाई का ध्यान रखना। ध्यान रहे कि रोजाना में किए गए छोटे-छोटे बदलाव कब्ज और यूटीआई दोनों की समस्या से राहत दिला सकते हैं।
FAQ
क्या कब्ज से पेशाब में परेशानी हो सकती है?
कब्ज में पेशाब की परेशानी होना सामान्य बात है। डॉक्टर के अनुसार, जब किसी व्यक्ति के आंतों में मल जमा हो जाता है, तो इससे मूत्राशय पर दवाब पड़ता है। मूत्राशय पर पड़ने वाले दवाब के कारण पेशाब रुक-रुक कर आता है। इससे कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।गंभीर यूटीआई के लक्षण क्या हैं?
गंभीर यूटीआई के कारण पेशाब में तेज जलन, पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेशाब से तेज गंध आना, बुखार, ठंड लगना और कभी-कभी पेशाब में खून आने की परेशानी होती है।कब्ज के कारण होने वाले रोग क्या हैं?
कब्ज के कारण कई गंभीर रोग हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कब्ज से बवासीर, पेट दर्द, गैस, सिरदर्द, भूख न लगना, त्वचा रोग और यूटीआई की परेशानी होती है।