मानसून गर्मी से राहत लेकर आता है। लेकिन, राहत के साथ ही इस मौसम में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का भी जोखिम बढ़ जाता है। इस दौरान वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण बुखार, सर्दी जुकाम, गले में खराश और आंखों में जलन महसूस हो सकती है। यदि इस मौसम में आंखों का ध्यान न रखा जाए तो आपको आंखों से जुड़े कई तरह के संक्रमण होने का जोखिम बढ़ जाता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बारिश में गंदा पानी, प्रदूषण और नमी मिलकर आंखों पर कंजक्टिवाइटिस, ड्राई आइज, आंखों के किनारे में फुंसी (stye) और एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस का कारण बन सकती है। इस लेख में रेटिना केयर सेंटर, श्री जी नेत्र आरोग्यम् की डायरेक्टर डॉ. नेहा मैत्रीय से जानेंगे कि मानसून के समय में आंखों पर किस तरह के इंफेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है और आपको इससे कैसे बचाव करना चाहिए।
मानसून में आंखों के संक्रमण का खतरा क्यों बढ़ जाता है? - Why Does The Risk Of Eye Infections Increase During Monsoon?
मानसून के दौरान हवा में नमी बढ़ जाती है और वातावरण में बैक्टीरिया, वायरस व एलर्जन एक्टिव हो जाते हैं। इसके अलावा गंदा बारिश का पानी, हाथों की सफाई की कमी, और आंखों को बार-बार रगड़ना भी संक्रमण फैलने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। बारिश में भीगने के बाद गंदे तौलिये या रूमाल से आंखें पोंछना भी इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
मानसून में आंखों से जुड़े किन संक्रमणों का जोखिम बढ़ जाता है?
कंजक्टिवाइटिस (आंख आना- Conjunctivitis)
कंजक्टिवाइटिस की समस्या वायरल या बैक्टीरियल दोनों ही कारणों से हो सकती है। इस संक्रमण में आंखें लाल हो जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है। साथ ही, आंखों में जलन बनी रहती है। यह समस्या एक व्यक्ति से दूसरे तक आसानी से फैल जाती है। आंखों से पानी और पस आना और सुबह के समय आंखों का चिपकना आदि कुछ लक्षण महसूस होते हैं।
आंखों में फुंसी होना (स्टाई-Stye)
बारिश के दिनों में बैक्टीरिल संक्रमण के दौरान आंखों पर फुंसी की समस्या हो सकती है। इस समस्या में पलकों के किनारों पर लाल रंग का दाना या फुंसी उभर जाती है। यह काफी दर्दनाक होती है। इसमें पलकों में सूजन, दर्द, आंखों को खोलने में परेशानी होती है।
ड्राई आई सिंड्रोम (Dry Eye Syndrome)
मानसून में तेज हवाएं और लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों में सूखापन हो सकता है। नमी होने के बावजूद कुछ लोगों में ड्राई आइज की समस्या बढ़ सकती है। ज्यादा समय तक मोबाइल, लैपटॉप, और एयर कंडीशनर में रहने वालों में यह परेशानी ज्यादातर देखने को मिलती है।
ब्लेफेराइटिस (Blepharitis)
यह पलकों से जुड़ी समस्या होती है, इसमें पलकों पर सूजन आ जाती है और यह समस्या सामान्यतः ह्यूमिटी वाले माहौल में देखने को मिलती है। इसके लक्षणों में पपड़ी जमना, लाल होना और आंखों में जलन आदि शामिल है।
कॉर्नियल अल्सर (Corneal Ulcer)
यह गंभीर संक्रमण है जो कॉर्निया (आंख की बाहरी सतह) को प्रभावित करता है। जब आप अनहाइजीनिक कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो आपको यह समस्या हो सकती है। इसमें आंखों में लालिमा, तेज दर्द, धुंधला दिखाई देना और आंखों में दर्द हो सकता है। बैक्टीरियल संक्रमण होने पर यह स्थिति आंखों में पेरशानी का कारण बन सकती है।
एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस (Allergic Conjunctivitis)
मानसून में फूलों से पराग, धूल और फंगस के कारण व्यक्ति को एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस की समस्या हो सकती है। यह एक एलर्जी प्रतिक्रिया है। इस समस्या में व्यक्ति को आंखों में खुजली, पानी आना, सूजन आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।
आंखों के संक्रमण से बचने के उपाय - Prevention Tips Of Eye Infection During Monsoon In Hindi
- आंखों को छूने से पहले और बाद में हाथों को अच्छे से धोना बहुत जरूरी है।
- अगर आंखों में जलन या खुजली हो तो साफ पानी से धोएं, लेकिन रगड़ना नहीं चाहिए।
- अपनी आंखें पोंछने के लिए सिर्फ साफ और व्यक्तिगत तौलिया या टिशू का इस्तेमाल करें।
- बारिश के मौसम में ज्यादा मेकअप करना आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि ये बैक्टीरिया पनपने का माध्यम बन सकता है।
- गीले मौसम में लेंस पहनने से बचें। पहनना ही हो तो उन्हें अच्छी तरह से साफ और स्टेरलाइज करें।
- कंजक्टिवाइटिस जैसे संक्रमण बहुत जल्दी फैलते हैं। संक्रमित व्यक्ति के तौलिए, रूमाल, तकिए आदि का प्रयोग न करें।
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मानसून का मौसम भले ही आपको राहत प्रदान करने वाला हो, लेकिन यह आंखों के लिए खतरे का कारण भी बन सकता है। थोड़ी सी सावधानी और साफ-सफाई अपनाकर आप इन संक्रमणों से बच सकते हैं। ध्यान रखें, आंखें हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, इसलिए उनकी देखभाल को नजरअंदाज न करें।
FAQ
आंखों में जलन क्यों होती है?
आंखों में जलन और थकान के संभावित कारणों में कंजक्टिवाइटिस, ब्लेफेराइटिस, ड्राई आइज, एलर्जी और धूप में रहना शामिल हैं।आंख में दर्द होने के क्या कारण हैं?
आंखों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें कुछ सामान्य कारण हैं जैसे धूल या मलबा आंख में चले जाना, आंखों का सूखापन, संक्रमण, एलर्जी, और कॉन्टैक्ट लेंस की समस्या।