Doctor Verified

ज्यादा सोचने (ओवरथिकिंग) के कारण भी सकती है कब्ज, डॉक्टर से जानें इसके बीच कनेक्शन

Connection Between Constipation and Overthinking: ओवरथिंकिंग एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति किसी एक विषय, परिस्थिति या निर्णय को बार-बार सोचता रहता है। लेकिन क्या इससे कब्ज की परेशानी हो सकती है।
  • SHARE
  • FOLLOW
ज्यादा सोचने (ओवरथिकिंग) के कारण भी सकती है कब्ज, डॉक्टर से जानें इसके बीच कनेक्शन


Connection Between Constipation and Overthinking: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में मानसिक तनाव, चिंता और ओवरथिंकिंग यानी "अत्यधिक सोचने की आदत" एक बहुत ही आम समस्या बन चुकी है। दिनभर ऑफिस में काम करने का प्रेशर, दोस्त और फैमिली के साथ बैलेंस बनाने के चक्कर में हम हर समय छोटी-छोटी बातों के बारे में बेइंतहा तरीके से सोचते ही रहते हैं। एक तरफ लोग ओवरथिंकिंग ( Constipation and Overthinking) से परेशान हैं, तो दूसरी तरफ कब्ज (Constipation) की वजह से लोग परेशान हो रहे हैं। कुछ समय पहले की ही बात है कि मेरा एक दोस्त महेश कुमार जो एक बड़ी कंपनी में मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं।

उसने बातचीत के दौरान बताया वो काफी लंबे समय से हर छोटी के बात पर बहुत ज्यादा सोचता है और वो पेट की परेशानी से भी जूझ रहा है। सुबह महेश को मल त्याग में परेशानी आती है और इससे उसकी सोचने की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ती ही जा रही है। महेश की कहानी सुनने के बाद मैंने अपने पापा और कई वर्किंग लोगों से बात की, तो समझ में आया कि ज्यादातर लोग एक जैसे ही परेशानी से जूझ रहे हैं। इसके बाद मैंने पुणे के पिंपरी स्थित डीपीयू सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग की प्रोफेसर और एचओडी डॉ. अर्चना जावड़ेकर (Dr Archana Javadekar, Professor and HOD, Department of Psychiatry, at DPU Super Specialty Hospital Pimpri, Pune) से बात की।

इसे भी पढ़ेंः बूंदी रायता vs खीरे का रायता क्या है सेहत के लिए ज्यादा बेहतर

ओवरथिंकिंग क्या है- What is Over Thinking

डॉ. अर्चना जावड़ेकर का कहना है कि ओवरथिंकिंग एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति किसी एक विषय, परिस्थिति या अपने द्वारा ही लिए गए फैसले के बारे में बार-बार सोचता है। ओवरथिंकिंग मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है रूमिनेशन (Rumination)। रूमिनेशन की स्थिति में व्यक्ति जो हुआ है उसके बारे में कई बार सोचता है। इसके बाद ओवरथिंकिंग में दूसरी स्थिति आती है वोरींग (Worrying) यानी की जो आगे हो सकता है, उसके बारे में चिंता करना। ये दोनों ही प्रकार की सोच व्यक्ति को मानसिक रूप से थका देती हैं और कई बार तनाव (Stress), अनिद्रा, डिप्रेशन जैसी परेशानी की ओर ले जाती है।

fennel-seed-and-Periods-connection-inside2

इसे भी पढ़ेंः हाई यूरिक एसिड में हरसिंगार के फायदे, जानें आयुर्वेदाचार्य से

कब्ज क्या है- What is Constipation

कब्ज वह स्थिति है जब व्यक्ति को नियमित रूप से मल त्याग करने में कठिनाई होती है। कब्ज के कारण मल कठोर हो जाता है और उसे निकलने में परेशानी होती है। डॉक्टर का कहना है कि आमतौर अगर किसी व्यक्ति को सप्ताह में 3 बार मल त्यागने में परेशानी आती है, तो उसे कब्ज की श्रेणी में गिना जाता है।

इसे भी पढ़ेंः कब्ज में किस आटे की रोटी खानी चाहिए? एक्सपर्ट बता रहे हैं इसे खाने के अन्य फायदे भी

क्या ओवरथिंकिंग कब्ज का कारण बन सकती है?

डॉ. अर्चना जावड़ेकर की मानें, तो ओवरथिंकिंग और कब्ज के बीच गहरा संबंध है। कई रिसर्च इस बात को प्रूफ करती हैं कि जो लोग मानसिक तौर पर ज्यादा परेशान रहते हैं, उनके द्वारा लिया गया फैसला सही है या गलत इसके बारे में विचाराधीन रहते हैं, उनकी पाचन तंत्रिका कमजोर हो जाती है। हमारा पेट (आंतें) और दिमाग वेगस नर्व (Vagus Nerve) के जरिए जुड़े होते हैं। जब हम ज्यादा सोचते हैं या लंबे समय तक तनाव में रहते हैं, तो नर्व पेट को संदेश भेजती है और पाचन प्रणाली की गति (motility) को धीमा कर देती है। जिससे कब्ज की परेशानी होती है।

इसे भी पढ़ेंः हाइपोथायरायडिज्म के रोगी हो सकते हैं कब्ज से ज्यादा परेशान, इसे ठीक करने के लिए पिएं ये स्पेशल चाय

hormones-stress-main

ओवरथिंकिंग कैसे बढ़ाती है कब्ज की परेशानी

- हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, अत्यधिक सोच, चिंता और तनाव शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाती है। जब कोर्टिसोल हार्मोन की मात्रा शरीर में ज्यादा हो जाती है, तो सीधे तौर पर पाचन तंत्रिका को प्रभावित करती है। जिससे कब्ज, पेट फूलना और पेट दर्द की परेशानी होती है।

- जब कोई व्यक्ति ज्यादा सोचता है, तो उसे नेगेटिव विचार ज्यादा आते हैं। इससे नींद की कमी आती है और आंतों की कार्यक्षमता कम होती है।

इसे भी पढ़ेंः गर्मी में काली इलायची का पानी पीने से सेहत को मिलते हैं ये 7 फायदे, जानें आयुर्वेदाचार्य से

- मानसिक तौर पर अशांत व्यक्ति फिजिकल एक्टिविटी कम करता है और जंक व प्रोसेस्ड फूड का सेवन ज्यादा करता है। इससे कब्ज की परेशानी ज्यादा होती है।

- चिंता में अक्सर लोग पानी पीना भूल जाते हैं, जिससे मल सूखने लगता है। मल सूखने के कारण कब्ज और पेट दर्द की समस्या होती है।

कैसे पहचानें ओवर थिंकिंग के कारण कब्ज हो रही है?

अगर आपको लगातार कब्ज की परेशानी के साथ-साथ चिंता, चिड़चिड़ापन और गुस्से की परेशानी हो रही है, तो ये ओवर थिंकिंग के कारण होने वाली कब्ज है।

बार-बार सोच में डूबे रहना, खासकर शौच के समय तो ये भी ओवर थिंकिंग के कारण होने वाली कब्ज की परेशानी का लक्षण है।

ओवरथिंकिंग और कब्ज से राहत पाने के उपाय

अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, और कपालभाति जैसे प्राणायाम तनाव को कम करते हैं और आंतों की गति को बढ़ाते हैं।

- मानसिक तनाव और कब्ज से राहत पाने के लिए खाने में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। खाने में ओट्स, फल और हरी सब्जियां खाएं।

- दिन में कम से कम 8 से 10 पानी जरूर पिएं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है और कब्ज की परेशानी नहीं होती है।

- प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दही, छाछ और फर्मेंटेड फूड का सेवन करने से मल को मुलायम बनाने में मदद मिलती है। इससे कब्ज और पाचन से जुड़ी अन्य परेशानी कम होती है।

- अगर आपको ओवरथिंकिंग की परेशानी है, तो इसे कम करने के लिए Journaling (डायरी लेखन), Creative hobbies या काउंसलर की मदद लें।

निष्कर्ष

डॉक्टर के साथ बातचीत के आधार पर हम ये कह सकते हैं कि ओवर थिंकिंग के कारण कब्ज की परेशानी होना आम बात है। अगर ये समस्या ज्यादा लंबे समय तक बनी रहती है, तो इसके बारे में डॉक्टर से बात करें। ओवरथिंकिंग की समस्या होने पर परिवार, दोस्त और काउंसलर से बात करें।

FAQ

  • ज्यादा सोचने से क्या दिक्कत हो सकती है?

    ज्यादा सोचने सिर्फ एक मानसिक परेशानी नहीं है, बल्कि ये कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। ज्यादा सोचने से पेट में दर्द, कब्ज और माइग्रेन की परेशानी हो सकती है। इतना ही नहीं, ज्यादा सोचने से त्वचा पर पिंपल्स, एक्ने और बालों के झड़ने की समस्या होती है।
  • ओवरथिंकिंग से मेरे दिमाग को कैसे आराम दिया जा सकता है?

    ओवरथिंकिंग (Overthinking) से दिमाग को आराम देने के लिए विचारों पर नियंत्रण रखना जरूरी है। इसके लिए योग, मेडिटेशन करें। दिमाग को आराम देने के लिए अपने पसंदीदा गाने सुनें। अगर आपको कुकिंग, पेंटिंग जैसे कार्य पसंद हैं, तो उसे करें।
  • ओवरथिंकिंग के क्या लक्षण हैं?

    हर छोटी-छोटी बातों के बारे में ज्यादा सोचना। छोटी-छोटी बातों पर भी फैसला लेने में कठिनाई होना और नींद से पहले या बीच रात में दिमाग में विचारों का झुंड आना ओवरथिंकिंग के प्रमुख लक्षण हैं।

 

 

 

Read Next

क्या सिर्फ वैक्सीन से खसरे से बचाव संभव है? डॉक्टर से जानें इस सवाल का जवाब

Disclaimer

TAGS