
खानपान की गलत आदतों और जीवनशैली में आए बदलाव की वजह से लोगों को मोटापा, हार्मोनल बदलाव, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। आज भारत में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। डायबिटीज के कारण आपके शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं, इस स्थिति में आपको स्किन से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती है। टाइप 2 डायबिटीज के कारण सोरायसिस के लक्षण गंभीर हो सकते हैं। जबकि, कुछ मामलों में यह समस्या सोरायसिस से जुड़ी होती है। इस लेख में मेडिकवर अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट फिजीशियन डॉ सचिन नलवाड़े से जानते हैं कि डायबिटीज और सोरायसिस के बीच क्या कनेक्शन होता है?
टाइप 2 और सोरायसिस रोग क्या होता है? - What is Type 2 Diabetes And Psoriasis In Hindi
टाइप 2 डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है जिसमें शरीर में इंसुलिन की कार्यक्षमता कम हो जाती है या पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनता। इससे ब्लड शुगर लेवल असामान्य रूप से बढ़ जाता है। यह एक गंभीर, लेकिन नियंत्रित की जा सकने वाली स्थिति है।
वहीं दूसरी और सोरायसिस एक ऑटोइम्यून (Autoimmune) स्किन डिजीज है जिसमें स्किन सेल्स बहुत तेजी से बढ़ती हैं, जिससे त्वचा पर लाल, सूखी, खुजलीदार और पपड़ीदार चकत्ते हो जाते हैं। इसमें त्वचा के साथ ही अन्य अंग भी प्रभावित हो सकते हैं।
सोरायसिस और टाइप 2 डायबिटीज के बीच संबंध कैसे है? - Connection Between Psoriasis And Type 2 Diabetes In Hindi
सोरायसिस और डायबिटीज दो अलग-अलग स्थितियां हैं जो एक-दूसरे का कारण बन सकती हैं। इसका मतलब है कि सोरायसिस से पीड़ित लोगों में टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि इस विषय पर रिसर्च कार्य जारी है। वैज्ञानिक इस संबंध के पीछे के तंत्र को पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं, लेकिन प्रमाण बताते हैं कि सूजन इसमें भूमिका निभा सकती है। आगे जानते हैं इसके कारक।

सूजन (Inflammation)
सोरायसिस और टाइप 2 डायबिटीज दोनों ही क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी बीमारियां हैं। जब शरीर में सूजन लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह इंसुलिन रेजिस्टेंस पैदा कर सकती है, जो कि टाइप 2 डायबिटीज की मुख्य वजह हो सकती है।
मेटाबॉलिक सिंड्रोम
मेटाबोलिक सिंड्रोम, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं। इसमें व्यक्ति को मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर आदि समस्याएं हो सकती है। ऐसे में जिस तरह सोरायसिस से पीड़ित लोगों में डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है, उसी तरह सोरायसिस से पीड़ित लोगों में मेटाबोलिक सिंड्रोम भी हो सकता है। यह दोनों के बीच की कड़ी बन सकता है।
इम्यून सिस्टम की भूमिका
सोरायसिस में शरीर की इम्यून प्रणाली खुद की त्वचा कोशिकाओं पर हमला करती है। इसी तरह, इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी डायबिटीज के रिस्क को भी बढ़ा सकती है।
आनुवंशिकता
कुछ खास जेनेटिक फैक्टर्स दोनों बीमारियों से जुड़े होते हैं। जिन लोगों को सोरायसिस होता है, उनमें टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने की संभावना सामान्य लोगों की तुलना में 40% तक अधिक होती है।
मोटापा
मोटापा (Obesity) एक ऐसा कारक है जो दोनों स्थितियों का प्रमुख कारण बन सकता है। फैट सेल्स शरीर में सूजन उत्पन्न करते हैं, जो सोरायसिस और डायबिटीज दोनों को ट्रिगर कर सकते हैं।
डायबिटीज और सोरायसिस को कंट्रोल में कैसे करें? - How to Manage Diabetes And Psoriasis In Hindi
- हाई फाइबर, कम शुगर, और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लें।
- मेडिटेशन, योग और गहरी सांसों के अभ्यास से तनाव घटाएं।
- समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करवाएं और डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें।
- मॉइस्चराइजर और डॉक्टर द्वारा दी गई टॉपिकल क्रीम का उपयोग करें।
- शराब और सिगेरट से दूरी बनाएं।
इसे भी पढे़ं: टाइप 2 डायबिटीज का इलाज कैसे होता है? जानें डॉक्टर से
टाइप 2 डायबिटीज और सोरायसिस दोनों ही गंभीर, लेकिन मैनेज की जाने वाली बीमारियां हैं। अगर आप इनमें से किसी एक से ग्रसित हैं, तो दूसरे के लक्षणों पर भी नजर रखें। हेल्दी लाइफस्टाइल, नियमित जांच और डॉक्टर से सलाह इस दोहरी चुनौती से निपटने में आपकी सबसे बड़ी ताकत हो सकती है।
FAQ
क्या डायबिटीज सोरायसिस को बिगाड़ सकता है?
हां, हाई ब्लड शुगर स्तर से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे सोरायसिस की स्थिति और अधिक खराब हो सकती है।क्या सोरायसिस वाले हर व्यक्ति को टाइप 2 डायबिटीज हो जाती है?
नहीं, हर सोरायसिस मरीज को डायबिटीज नहीं होती, लेकिन रिस्क जरूर बढ़ जाता है। यदि व्यक्ति का जीवनशैली असंतुलित है और वजन अधिक है, तो खतरा अधिक हो सकता है।क्या वजन कम करने से दोनों बीमारियों में सुधार हो सकता है?
वजन कम करने से शरीर में सूजन घटती है, जिससे इंसुलिन की कार्यक्षमता बेहतर होती है और सोरायसिस की तीव्रता भी कम हो सकती है।
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