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प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली 5 आम समस्याएं और बचाव के उपाय, जानें डॉक्टर से

प्रेग्नेंसी के दौरान पीठ में दर्द और हाई बीपी जैसी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। इनके बारे में जानकर आप अपनी प्रेग्नेंसी के सफर को आसान बना सकती हैं।
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प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली 5 आम समस्याएं और बचाव के उपाय, जानें डॉक्टर से


Pregnancy Health Problems In Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह की हलचल होती है। इसके पीछे हार्मोनल बदलाव जिम्मेदार होते हैं। लेकिन, प्रेग्नेंसी का सफर इतना आसान भी नहीं लगता, जितना कि दिखता है। प्रेग्नेंसी के दौराना महिलाओं को कई तरह की शारीरिक बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन, दिक्कत की बात ये होती है कि बीमार होने के बावजूद महिलाएं किसी तरह की दवाईयां नहीं खा सकती हैं। सवाल है ऐसे में क्या किया जा सकता है? इसके लिए, गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वो उन बीमारियों के बारे में जानें, जो इस अवस्था में हो सकती हैं। ऐसा करके वे समय रहते लक्षणों का पता लगा सकेंगी और घरेलू उपायों की मदद से उपचार कर सकेंगी। वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता दे रही हैं विस्तार से जानकारी।

Pregnancy Health Problems In Hindi

प्रेग्नेंसी में सिरदर्द होना (Headache During Pregnancy)

प्रेग्नेंसी में सिरदर्द होना बहुत सामान्य बात है। ऐसा कई बार शरीर में हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण हो सकता है। दरअसल, हार्मोन की वजह से शरीर में ब्लड का स्तर बढ़ जाता है, जिससे सिर में दर्द होने लगता है। आमतौर पर, विशेषज्ञ गर्भवती महिलाओं को सिरदर्द की दवा लेने से मना करते हैं, क्योंकि इसका बुरार प्रभाव भ्रूण के विकास पर पड़ सकता है। ऐसे में, महिलाओं को जब भी सिरदर्द हो, तो उन्हें कुछ देर सोने की कोशिश करनी चाहिए या फिर खुद को रिलैक्स रखना चाहिए। इस तरह के उपाय अपनाने के बावजूद अगर सिरदर्द कम न हो, तो बेहतर है कि एक बार डॉक्टर से कंसल्ट करें और अपना ट्रीटमेंट करवाएं।

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प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन होना (Hypertension During Pregnancy)

प्रेग्नेंसी के दौरान हाइपरटेंशन होना कॉमन बीमारियों में से एक है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन को लेकर महिलाओं को ज्यादा चिंतित नहीं होना चाहिए। हालांकि, उन्हें अपनी डाइट और लाइफस्टाइल को बैलेंस जरूर रखना चाहिए। कई बार, प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशनी यानी हाई ब्लड प्रेशर की एक वजह महिला का मोटापा या ओवरवेट होना भी हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान आप डाइटिंग नहीं कर सकते, लेकिन खानपान में सिर्फ और पौष्टिक चीजों को शामिल कर आप अपने बढ़ते वजन को कंट्रोल कर सकते हैं। इस तरह, आपके लिए हाई बीपी को कंट्रोल करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दौरन स्मोकिंग जैसी बुरी आदतों को भी छोड़ देना बेहतर होगा।

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प्रेग्नेंसी में सीने में जलन (Heartburn During Pregnancy)

Pregnancy Health Problems In Hindi

प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिला को सीने में जलन की शिकायत रहती है। ऐसा हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। दरअसल, हार्मोनल बदलाव होने के कारण महिला के पेट और खाने की नली के मौजूद वॉल्व को ढीला कर देती है। ऐसे में अगर पेट में मौजूद एसिड बाहर निकलने लगे, तो इससे सीने में जलन की समस्या हो सकती है। ऐसे में महिलाओं को अपनी डाइट में ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिए, जिसकी तासीर ठंडी हो। इस दौरान ज्यादा स्पाइसी फूड खाने से बचना चाहिए।

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प्रेग्नेंसी के दौरान पीठ में दर्द (Back Pain During Pregnancy)

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं अक्सर पीठ के दर्द से भी परेशान रहती हैं। इसके लिए आप हार्मोनल बदलाव को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, वैसे-वैसे बच्चे का भार बढ़ने लगता है। उसका दबाव पीठ पर पड़ता है। ऐसे में अगर महिला को सही तरह से आराम न मिले या वह अपनी पीठ की सही तरह से मालिश या केयर न करे, तो उसे पीठ की दर्द की शिकायत हो सकती है। दिक्कत की बात ये है कि अगर अनदेखी की जाए, तो समस्या बढ़ सकती है। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए कंप्लीट रेस्ट करें। जब भी कहीं बैठें, पीठ को सपोर्ट दें।

प्रेग्नेंसी में एनीमिया होना (Anemia During Pregnancy)

Pregnancy Health Problems In Hindi

प्रेग्नेंसी के दौरान एनीमिया का रिस्क काफी बढ़ जाता है। एनीमिया, शरीर में खून की कमी के कारण होता है। अगर गर्भवती महिला की डाइट सही न हो, तो महिला को एनीमिया हो सकता है। एनीमिया के कारण, महिला में कमजोरी, चक्कर आना जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। आपके यहां बता दें कि समय रहते इस बीमारी का इलाज न किया जाए, तो बच्चे के विकास पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। इससे प्री-मैच्योर डिलीवरी हो सकती है या फिर बच्चा अंडरवेट पैदा हो सकता है। इस तरह की परेशानी से बचने के लिए आप हेल्दी चीजों को डाइट में शामिल करें और समय-समय पर अपना ट्रीटमेंट करवाते रहें।

image credit: freepik

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