Doctor Verified

क‍िडनी की पथरी का इलाज कैसे क‍िया जाता है? डॉक्‍टर से जानें इलाज की पूरी प्रक्रिया

क‍िडनी की पथरी का इलाज करने की पूरी प्रक्र‍िया जानें इस लेख से
  • SHARE
  • FOLLOW
क‍िडनी की पथरी का इलाज कैसे क‍िया जाता है? डॉक्‍टर से जानें इलाज की पूरी प्रक्रिया


अगर क‍िडनी में छोटे स्‍टोन हैं (kidney stone in hindi) तो वो यूर‍िन के जर‍िए न‍िकल जाते हैं पर अगर स्‍टोन की संख्‍या और साइज बड़ा है तो आपके पेट और न‍िचले ह‍िस्‍से में दर्द हो सकता है। जब पत्‍थर बड़े हो जाते हैं तो वो चारों ओर घूमने लगते हैं ज‍िससे तेज दर्द होता है, इस स्‍थ‍ित‍ि से पहले ही आप जांच के जर‍िए स्‍टोन का पता लगा लें तो समय पर इलाज संभव होगा। क‍िडनी स्टोन का इलाज करवाने के ल‍िए आपको घरेलू नुस्‍खे आजमाने के बजाय डॉक्‍टर के पास जाकर सही इलाज करवाना चाह‍िए। इस लेख में हम डॉक्‍टर से क‍िडनी स्‍टोन का क्‍ल‍ीन‍िकल ट्रीटमेंट जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ में डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्‍ट‍िट्यूट ऑफ मेड‍िकल साइंसेज के अस‍िसटेंट प्रोफेसर और यूरोलॉज‍िस्‍ट डॉ संजीत कुमार सिंह से बात की।  

kidney stone in hindi

inside image source: parashospitals     

किडनी स्टोन के लक्षण (Symptoms of kidney stone)

क‍िडनी में स्‍टोन होने पर आपको कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, इन लक्षणों के नजर आने पर आप तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करें और जांच करवाएं- 

इसे भी पढ़ें- किडनी की समस्या कैसे डालती है आपके दिल के स्वास्थ्य पर असर? एक्सपर्ट से जानें दोनों में कनेक्शन

क‍िडनी स्‍टोन न‍िकालने की प्रक्र‍िया (Kidney stone in hindi)

  • लक्षण नजर आने पर डॉक्‍टर एक्स-रे या सोनोग्राफी के ल‍िए कहा जाता है।
  • कई मामलों में डॉक्‍टर सीटी स्‍कैन करवाने की सलाह भी दे सकते हैं। 
  • इसके अलावा ब्‍लड और यूर‍िन का सैंपल भी ल‍िया जा सकता है। 
  • अगर र‍िपोर्ट में स्‍टोन हैं पर साइज छोटा है तो डॉक्टर दवा व पानी का इंटेक बढ़ाने की सलाह देते हैं। 
  • अगर पत्‍थरी का साइज बड़ा है तो आपको क्‍लीन‍िकल ट्रीटमेंट करवाना पड़ सकता है। क्‍लीन‍िकल ट्रीटमेंट के बारे में हम आगे व‍िस्‍तार से जानेंगे।    

क‍िडनी स्‍टोन का क्‍लीन‍िकल इलाज (Clinical treatment of kidney stone)

kidney stone treatment in hindi

inside image source: kidneystonesclinic

क‍िडनी में स्‍टोन न‍िकलने पर कई तरह से इलाज क‍िया जाता है ज‍िसमें ओपन सर्जरी भी शाम‍िल है पर उसे आख‍िरी व‍िकल्‍प माना जाता है, सर्जरी की नौबत न आए इसके ल‍िए डॉक्‍टर पर्कुट्यूशन नेफोलिथोटॉमी, शॉक वेव लिथोट्रिप्स, यूरेएसोस्कोपी आद‍ि तकनीकों का इस्‍तेमाल करते हैं। 

1. यूरेटेरोस्कोपी (Ureteroscopy)

  • क‍िडनी में स्‍टोन न‍िकलने पर डॉक्‍टर यूरेटेरोस्कोपी से पथरी का इलाज कर सकते हैं। 
  • इस तकनीक में यूरेट्रोस्कोप नाम के ऑप्‍ट‍िक ड‍िवाइस का यूज क‍िया जाता है ज‍िससे पत्‍थर को देखा जा सके। 
  • इस प्रक्र‍िया में ब‍िना चीरा लगाए स्‍टोन को शरीर से बाहर न‍िकाला जाता है।  
  • इस प्रक्र‍िया को अपनाने के बाद व्‍यक्‍त‍ि को 2 से 3 द‍िन आराम करना होता है। 
  • इस प्रक्र‍िया के चलते सूजन को रोकने के ल‍िए यूरिनरी ब्लैडर में स्‍टेंट डाला जा सकता है। 
  • अगर स्‍टेंट डाला गया है तो वो 1 से 3 हफ्ते बाद हटाया जाता है।   

2. शॉक वेव लिथोट्रिप्स (Shock wave lithotripsy)

  • क‍िडनी में स्‍टोन का इलाज करने के ल‍िए डॉक्‍टर शॉक वेव लिथोट्रिप्स का इस्‍तेमाल करते हैं।
  • इस प्रक्र‍िया में शरीर के बाहर शॉक वेव को बनाने के ल‍िए लिथोप्रिटर नाम की मशीन यूज करते हैं। 
  • ये मशीन शरीर के माध्‍यम से गुजरती है और क‍िडनी के स्‍टोन को छोटे टुकड़ों में तोड़ने का काम करती है जो बाद में यूर‍िन ट्रेक्‍ट से न‍िकल सकते हैं।  
  • इस थेरेपी में मरीज को तुरंत घर ले जाया जा सकता है और वो सामान्‍य द‍िनचर्या में रह सकते हैं।

इसे भी पढ़ें- कहीं बार-बार चक्कर आने का कारण डिप्रेशन तो नहीं? डॉक्टर से जानें कैसे पहचानें   

3. पेर्कुट्यूशन नेफोलिथोटमी (Percutaneous nephrolithotomy)

  • पेर्कुट्यूशन नेफोलिथोटमी, क‍िडनी स्‍टोन को न‍िकालने की एक प्रक्र‍िया है ज‍िसका इस्‍तेमाल क‍िडनी में बड़े स्‍टोन को न‍िकालने के ल‍िए क‍िया जाता है।  
  • क‍िडनी में पथरी का इलाज करने के ल‍िए पेर्कुट्यूशन नेफोलिथोटमी नाम की प्रक्र‍िया का इस्‍तेमाल क‍िया जाता है।
  • इस प्रक्र‍िया में स्‍टोन को नेफ्रोस्‍कोप की मदद से देखा जाता है ताक‍ि साइज पता लगाया जा सके।
  • उसके बाद लेजर बीम की मदद से पत्‍थर को छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है।
  • उसके बाद वैक्‍यूम की मदद से टूटे पत्‍थरों को शरीर के बार न‍िकाल ल‍िया जाता है।  
  • इस प्रक्र‍िया के बाद मरीज को 24 घंटे या उससे ज्‍यादा समय के ल‍िए न‍िगरानी में रखा जाता है। 
  • सामान्‍य द‍िनचर्चा में लौटने में व्‍यक्‍त‍ि को 7 से 15 द‍िन का समय लग सकता है।    

अगर आपको भी क‍िडनी में स्‍टोन के लक्षण नजर आ रहे हैं तो आपको यूरोलॉज‍िस्‍ट से संपर्क करना चाह‍िए और जांच के जर‍िए स्‍टोन की पुष्‍ट‍ि करवानी चाह‍िए।

main image source: niddk.nih.gov

Read Next

Gut Health: आंतों की समस्या होने पर शरीर में दिखते हैं ये 7 लक्षण, डॉक्टर से जानें इनके बारे में

Disclaimer