What is Chocolate Cyst: खाने में पोषण की कमी, भाग दौड़, फिजिकल वर्कआउट न होना, मानसिक तनाव और वातावरण में हो रहे परिवर्तनों के कारण इन दिनों महिलाओं को हार्मोन से जुड़ी परेशानियां हो रही हैं। इसके कारण पीरियड्स और फर्टिलिटी पर भी असर पड़ रहा है। इन दिनों पीसीओएस, पीसीओडी, ओवरी सिस्ट जैसी समस्याएं आम बनती जा रही हैं। महिलाओं की सेहत से जुड़ी कई परेशानियां ऐसी भी हैं, जिसकी जानकारी बहुत ही कम लोगों को है। महिलाओं के पीरियड से जुड़ी एक ऐसी ही बीमारी है चॉकलेट सिस्ट। पिछले 1 दशक में महिलाओं में चॉकलेट सिस्ट के मामले काफी बढ़ गए हैं। इसलिए चॉकलेट सिस्ट की बीमारी क्या है, चॉकलेट सिस्ट क्यों होता है और इस बीमारी का इलाज कैसे किया जाता है, इस बारे में महिलाओं को जानकारी होना जरूरी है। आज इस लेख में हम इसी विषय पर बात करने वाले हैं।
चॉकलेट सिस्ट क्या है?- What is Chocolate Cyst in Hindi
दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ और फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. प्रियंका सुहाग का कहना है, चॉकलेट सिस्ट, जिसे ओवेरियन एंडोमेट्रियोमा के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रकार का सिस्ट है जो अंडाशय पर बनता है। यह एंडोमेट्रियोसिस से जुड़ा है। इस सिस्ट को चॉकलेट सिस्ट का नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि इसमें पुराना, गहरा भूरा खून होता है जो चॉकलेट सिरप जैसा दिखता है। चॉकलेट सिस्ट आकार में छोटे से लेकर 5 सेंटीमीटर से बड़े तक हो सकते हैं।
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चॉकलेट सिस्ट के लक्षण क्या हैं?- Symptoms of Chocolate Cyst in Hindi
डॉ. प्रियंका का कहना है कि चॉकलेट सिस्ट के ज्यादातर लक्षण पीरियड से जुड़ी समस्याओं से मिलते-जुलते हैं।
- दर्द होना : पीरियड्स के दौरान पेल्विक दर्द, संभोग, मल त्याग और पेशाब के दौरान दर्द होना।
- पीरियड्स में अनियमितताएं : पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना, ब्लीडिंग में रुकावट होना और पीरियड्स का सही समय पर न होना।
- बांझपन: चॉकलेट सिस्ट प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे गर्भधारण करने में परेशानियां होना।
- अनचाहे बाल आना : चेहरे के विभिन्न हिस्सों पर ज्यादा बाल उगाना भी चॉकलेट सिस्ट का एक लक्षण है।
चॉकलेट सिस्ट का कारण क्या है?- Causes of Chocolate Cyst in Hindi
महिलाओं को चॉकलेट सिस्ट होने का मुख्य कारण है एंडोमेट्रियोसिस। डॉ. प्रियंका की मानें तो यह एक ऐसी स्थिति जिसमें एंडोमेट्रियल ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ता है। दरअसल, पीरियड्स के दौरान जब शरीर में मौजूद खून सही तरीके से बाहर नहीं निकल पाता है और किसी कारण ओवरी में ही चिपका रह जाता है, तो इसकी वजह से सिस्ट का निर्माण होता है। चॉकलेट सिस्ट ओवरी में 1 या दो भी हो सकते हैं। चॉकलेट सिस्ट के कारण महिलाओं के पीरियड साइकिल और ओव्युलेशन पर असर पड़ता है। चॉकलेट सिस्ट की समस्या ज्यादा गंभीर हो जाए तो इसकी वजह से महिलाओं की फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है और गर्भधारण करने में परेशानी आती है।
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चॉकलेट सिस्ट का पता कैसे लगाया जाता है?- How is chocolate cyst detected?
कोई महिला चॉकलेट सिस्ट की परेशानी से जूझ रही है या नहीं इस बात का पता लगाने के लिए डॉक्टर नीचे बताए गए मेडिकल टेस्ट का सुझाव देती हैं।
- अल्ट्रासाउंड: चॉकलेट सिस्ट का पता लगाने के लिए आमतौर पर पेल्विक अल्ट्रासाउंड किया जाता है।
- एमआरआई या सीटी स्कैन: चॉकलेट सिस्ट का साइज क्या है और इसके कारण भविष्य में किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, इसके लिए सीटी स्कैन कराया जाता है।
- लैप्रोस्कोपी: एक शल्य प्रक्रिया है। इसमें डॉक्टर चॉकलेट सिस्ट को आसानी से देकर इलाज की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
चॉकलेट सिस्ट का इलाज क्या है?- Treatment of Chocolate Cyst in Hindi
डॉ. प्रियंका सुहाग के अनुसार, चॉकलेट सिस्ट का इलाज महिला की उम्र, सिस्ट के आकार और सिस्ट के कारण होने वाली परेशानियों को देखकर किया जाता है।
- दवाएं: सिस्ट के कारण होने वाले दर्द को तत्काल प्रभाव से ठीक करने के लिए पेन किलर की जाती हैं।
- सर्जरी: चॉकलेट या ओवरी में होने वाली किसी भी तरह के सिस्ट को हटाने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, खासकर अगर यह बड़ा और दर्द देने वाला हो।
अगर आपको पीरियड्स से संबंधी परेशानियां हो रही हैं, पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द, पेल्विक में दर्द या गर्भधारण करने में परेशानी महसूस हो रही है, तो इस विषय पर अपने डॉक्टर से बात करके सलाह लें।